महंगाई 24 सालों में सबसे अधिक, बिहार में महंगाई दर दिल्ली से भी अधिक

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बढती गर्मी और बढती महंगाई ने लोगों  का जीना दूभर कर रखा है .किसान, दुकानदार, छात्र और आमलोग सब परेशान हैं . मिडिल क्लास और निम्न वर्ग के लोग तो ये तय नही कर पा रहे की कौन सी ज़रूरतपूरी की जाए और किसमे कटौती की जाए .

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महंगाई की मार झेल रही पटना के योगीपुर की रहने वाली संगीता बताती है कि

मेरा पांच लोगो का छोटा सा परिवार है .मेरे पति हॉस्पिटल सेक्टर में काम करते हैं. पर महंगाई इतनी बढ़ गयी है की उनकी सैलरी से हम कुछ बचा नही पा रहे थे . इसलिए मैंने भी काम करना सुरु किया , ताकि कम से कम दूध और सब्जी का खर्च तो निकल सके . पिछले साल से दूध की कीमत इतनी बढ़ गयी है की मुझे एक लीटर की जगह अब आधे लिटर दूध में सब मैनेज करना परता हैं . और इसके साथ ही किचन की लगभग सारी ही चीजों के दाम बढ़ गए  हैं.

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हनुमान नगर की रहने वाली जुली की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जूली कहती है की

मेरे पति प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं ,और मैं हाउस वाइफ हूं. मेरे परिवार के सारे खर्चों का बोझ मेरे पति के कंधों पर है . मेरे तीन बच्चें हैं और तीनों को हम प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं . जिसकी फीस तो आप जानते हैं .स्कूल फीस को मैनेज करने के लिए हमनें अपने तीनों बच्चों को ट्यूशन नहीं दिया . स्कूल ,मोबाइल और दोस्तों की मदद से वो अपनी डाउट निपटाते हैं.

ये तो कुछ एक घरों की कहानी हैं. जबकि इनके जैसे परिवारों की संख्या पुरे भारत में भरे परें हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो देश में खुदरा महंगाई दर में तेज उछाल देखने को मिला है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च माह में खुदरा मुद्रास्फीति 6.95 प्रतिशत थी जो अप्रैल में 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है. रिकॉर्ड खुदरा महंगाई दर में आया यह उछाल मुख्‍यत: ईधन और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण माना जा रहा है. जबकि खाद्य मुद्रास्फीति की दर 8.38 प्रतिशत रही, जो पिछलें आठ सालों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इससे पहले यह साल 2014 में 8.33 प्रतिशत रिकॉर्ड की गयी थी .

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यहाँ हम ये बता दे की—‘मुद्रास्फीति’ उस स्थिति को कहते है जब कीमतों के सामान्य स्तर में लगातार वृद्धि होने लगें. इसे आसान भाषा में हम ऐसे समझ सकते है की पहले आप 100 रूपए खर्च करके 5 किलो आलू खरीद पाते थें लेकिन आज उसी 100 रूपए में आप केवल 2 किलो ही आलू खरीद पाते हैं .

केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का निर्देश दिया था .लेकिन लगातार चार महीनों से यह रिजर्व बैंक के तय सीमा से ऊपर रहा हैं . अप्रैल से पहले जनवरी और फरवरी में भी खुदरा महंगाई दर 6.07 प्रतिशत और 6.01 प्रतिशत रही थी. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई के आंकड़े सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते है.

वही थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI)  मार्च महीने में 14.55 फीसदी रही है.जबकि फरवरी 2022 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 13.11 फीसदी रही थी.थोक महंगाई दर का चार महीने का ये उच्चतम स्तर है.जनवरी 2022 में महंगाई दर 12.96 फीसदी रही थी.

जहाँ दिल्ली में महंगाई दर केवल 6.58 प्रतिशत है जो, देश के औसत महंगाई दर से कम हैं. वहीं यूपी में महंगाई 8.46 प्रतिशत , हरियाणा में 8.95 प्रतिशत , झारखंड में 7.80 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.10 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 8.78 प्रतिशत, गुजरात में 8.20 प्रतिशत और राजस्थान में 8.12 प्रतिशत महंगाई दर है. जो की देश के औसत मंहगाई दर से भी ज्यादा हैं .

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वही बिहार में 7.56 प्रतिशत और उत्तराखंड में 6.77 प्रतिशत है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के द्वारा जारी रिटेल महंगाई के आंकड़ों से ये जानकारी मिली है.

क्यों बढ़ रही है महंगाई?

रूस-यूक्रेन युद्द का असर महंगाई पर पड़ा है. इस वजह से खाद्य तेल की कीमत आसमान छू रही है. वहीं मार्च महीन में ऑयल और फैट की महंगाई दर बढ़कर 18.79 फीसदी हो गई हैं. फरवरी महीन में इसमें 16.44 फीसदी का इजाफा देखा गया था. वहीं सब्जियों के दाम की बात करें तो मार्च में इसमें औसतन 11.64 फीसदी का इजाफा हुआ है. जबकि फरवरी में सब्जियों के दाम में औसतन 6.13 फीसदी का इजाफा हुआ था. इतना ही नहीं मांस-मछली की कीमत में भी मार्च महीने में औसतन 9.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई हैं. इस दौरान ईंधन और बिजली श्रेणी की महंगाई मार्च महीने में 7.52 फीसदी दर्ज की गई जोकि फ़रवरी महीने में 8.73 प्रतिशत थी.

बिहार में पिछले और इस महीनें बढीं चीजों के दाम  

सामान          दाम पीछले महीने         दाम इस महीने

नींबू              10 से 15 में एक           10 से 15 में 2-3

टमाटर           30 रुपए किलो             60 रुपए किलो

दूध                48 रूपए kg                55 रूपए kg

एलपीजी        1098 रूपए                  1101 रूपए

पेट्रोल            116.53 रूपए              107.48 रूपए 

ऐसे में बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार के द्वारा उठाया जाने वाला हर कदम नाकाफ़ी साबित हो रहा है. या यूं कहा जा सकता है कि सरकार इसे लेकर कोई पुख्ता कदम भी नहीं उठा रही है.