पटना में कोरोना का रिकॉर्ड टूटा, लेकिन सरकार लाशों पर चुनाव करवाना चाहती है
बिहार में कोरोना का कहर थम नहीं रहा है। पिछले 24 घंटे में 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 2605 नए पॉजिटिव मिले हैं।
बिहार में 2605 नए कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की पहचान की गई है। इनमें 25 जुलाई को 1294 और 24 जुलाई हुआ उसके पूर्व के 1311 मरीज शामिल हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की संख्या बढ़कर 38919 आ पहुंची है। रविवार को इलाज के दौरान ही 17 मरीज़ों की मृत्यु हो गई। इसके साथ कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 249 हो गई है। वहीं शनिवार को 1788 संक्रमित मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गए हैं राज्य में कोरोनावायरस अस्त होने का दर 67.60% है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पटना में पिछले 2 दिनों में सर्वाधिक 620 केस मिले हैं। इसके अतिरिक्त मुजफ्फरपुर में 123, पूर्णिया में 54, भागलपुर में 71, और गया में 112 कोरोनावायरस संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 25 जुलाई को 1294 नए संक्रमितों में से जमुई में 61, जहानाबाद में 25, कैमूर में एक, कटिहार में एक, खगरिया में 14, किशनगंज में 20, लखीसराय में आठ, मधेपुरा में आठ, मधुबनी में 14, अरवल में 11, औरंगाबाद में 11, बांका में 21, बेगूसराय में 45, भागलपुर में 28, भोजपुर में 22, बक्सर में दो, दरभंगा में 44, पूर्वी चंपारण में 18, गया में 61, गोपालगंज में 8, मुंगेर में 36, मुजफ्फरपुर में 111, नालंदा में 97, नवादा में 34, पटना में 301, पूर्णिया में 20, रोहतास में 55, सहरसा में एक, समस्तीपुर में 28, सारण में 23, शेखपुरा में 17, शिवहर में 6, सीतामढ़ी में 14, सिवान में भी 14, सुपौल में 16, वैशाली में 16, पश्चिमी चंपारण में 21 संक्रमण के मामले सामने आए।
अभी तक मिली सूचना के अनुसार 26308 मरीज़ स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर 1788 कोरोनावायरस संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए हैं। स्वस्थ हुए मरीजों को 7 दिन के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में रहने का आदेश दिया गया है। पिछले 24 घंटे के अंदर 14199 सैंपल की जांच की गई अब तक यह सबसे अधिक है और कुल 456324 सैंपल की राज्य में अब तक जांच की जा चुकी है। तथ्यों के अनुसार बिहार में हर 12 सैंपल में एक पॉजिटिव है।
तेजस्वी यादव ने कोरोनावायरस फैलने का ज़िम्मेदार नीतीश सरकार को बताया है। कोरोनावायरस से बिगड़ते हालात के ऊपर उन्होंने नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और उनसे तीन सवाल किए। उन्होंने बताया कि घनी आबादी वाले राज्य जैसे बिहार में अब तक सिर्फ 0.35% लोगों की जांच की गई है प्रतिदिन केवल प्रति दस लाख पर 3508 लोगों के सैंपल जांच की जा रही है जो पूरे देश में सबसे कम है।
बिहार जैसे घनी आबादी वाले राज्य में अभी तक मात्र 0.35% लोगों की जाँच हुई है।प्रति 10 लाख मात्र 3508 लोगों की जाँच हो रही है जो देश में सबसे कम है।
140 दिनों में प्रतिदिन जाँच का औसत सिर्फ़ 3158 है।विगत 2 हफ़्तों से Antigen Tests को छोड़ दें तो आज भी बमुश्किल 3000 जाँच हो रही है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2020
तेजस्वी ने यह भी कहा कि यदि एंटीजन टेस्ट को हटा दिया जाए तो फिर से 2 दिनों में 3000 से भी कम जांच की गई है।
वहीं सरकार के समय में एक दूसरे के ऊपर इल्जाम लगाने का खेल चल रहा है नीतीश कुमार ने राज्य में बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए एक मीटिंग बुलाई थी जिसमें बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने स्वास्थ्य सचिव के ऊपर सारा इल्जाम डालते हुए यह कहा कि वह उनकी बात नहीं सुन रहे हैं जिस पर स्वास्थ्य सचिव क्रोधित हो गए। नीतीश कुमार ने यह आदेश दिए हैं कि 1 दिन के अंदर 20,000 से अधिक आरटीपीसी टेस्ट कराए जाए।