नीट-जेईई और यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं तो हो रही है लेकिन हॉस्टल बंद हैं तो बच्चे रहेंगे कहां?
पटना के हॉस्टल बंद है खुलने का कोई आता पता नही लोग दूर से अपने एग्जाम सेंटर पहुंच रहे हैं, उसपर भी रहने की कोई व्यवस्था नहीं। यह ध्यान देने वाली बात है कि भले ही कई जगह होटल और लॉज खुले हैं पर सबकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नही होती कि वो होटल का या लॉज का किराया दे सकें। ऊपर से इस कोरोना काल ने तो और आर्थिक पकड़ कमज़ोर कर दी।
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देश के प्रधानमंत्री कहते है कि भारत मे 65% युवा की आबादी है, जिससे ये देश युवा देश कहलाता है और इसपर उन्हें बहुत गर्व है। लेकिन अब यही लाखो युवा हर रोज़ ट्विटर पर एग्जाम को लेकर कुछ न कुछ ट्रेंड करते नज़र आते हैं।
#POSTPONE_NEET_BEGGING_MOE @PMOIndia @DrRPNishank @Swamy39 @rashtrapatibhvn
OUR LIFE IS PRECIOUS
WE ALL R LIKE UR CHILD pic.twitter.com/IekskfH1Gk— Shalu (@Shalu82177748) September 8, 2020
कहीं एग्ज़ाम देने की इच्छा है, तो कहीं मजबूरी, इनमे से कितने युवा ऐसे हैं जिन्हें इस साल किसी न किसी का एग्ज़ाम देना था जो सरकार अब लेना चाह रही है पर युवाओ की ज़िंदगी की आड़ पर। एग्ज़ाम देने वाले कैंडिडेट्स ज़्यादा हैं, हालांकि एग्ज़ाम सेंटर को बढ़ाया गया है पर वो सेंटर्स उनके घर से इतने दूर है कि बच्चे अपनी ज़िंदगी मे खेल कर एग्जाम देंने को तैयार हैं।
इनमें से ज़्यादातर सरकारी परीक्षाओं के उम्मीदवार यूपी- बिहार के होते हैं। जिनमे से कई के सेंटर 500-800 किमी दूर हैं। राज्यों की हालत ऐसी की लॉकडाउन खुलने के बाद भी लॉकडाउन जैसी ही स्थिति बनी हुई है।
इधर बिहार विधानसभा चुनाव में जुमलेबाजी खत्म नही हो रही है हाल ही में नीतीश सरकार ने 3710 भर्तियों का एलान किया। पर क्या राज्य इन 3710 भर्तियों के लिए एग्जाम लेने के लिए तैयार हैं?
भर्तियां भले ही कम लग रही हो पर एक नज़र आंकड़ों पर डालते है – हाल ही में IBPS PO के एग्ज़ाम का एलान हुआ पोस्ट निकली यूपी में 700 आंकड़ों के हिसाब से अकेले यूपी में 2 लाख लोग इसका एग्ज़ाम दें रहे हैं और पूरे भारत मे 5 लाख तो ये हालात है यह के सरकारी नौकरियों की ऊपर से बिहार सरकार ने तो इकठे 3710 भर्तियां निकल दी है सोचिये कितने लोग एग्ज़ाम देंगे।
पटना के हॉस्टल बंद है खुलने का कोई आता पता नही लोग दूर से अपने एग्जाम सेंटर पहुंच रहे हैं, उसपर भी रहने की कोई व्यवस्था नहीं। यह ध्यान देने वाली बात है कि भले ही कई जगह होटल और लॉज खुले हैं पर सबकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नही होती कि वो होटल का या लॉज का किराया दे सकें। ऊपर से इस कोरोना काल ने तो और आर्थिक पकड़ कमज़ोर कर दी।
इधर जब सरकार की ओर से जेईई और नीट की परीक्षा कराया जाने के विरोध में कुछ दिन पहले कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसी क्रम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पटना के इनकम टैक्स गोलंबर पर जेईई और नीट की परीक्षा रद्द करने को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज ने कहा कि हमलोग परीक्षा विरोधी नहीं हैं। लेकिन अभी परीक्षा कराना मतलब मौत का तांडव है। ये उनके जीवन के साथ खिलवाड़ हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि “बड़े-बड़े प्राइवेट इंस्टीच्यूशन का सत्र बर्बाद हो रहा है। उनके पैसे उगाही के लिए ही इन्हें परीक्षा की जल्दी पड़ी है। यदि इन्हें उन्हीं लोगों को खरबपति बनाना है, तो आप हमलोग को सेमेस्टर के हिसाब से रिजल्ट दे दीजिए और वो अपना पैसा वसूले। फिर जिन लड़कों को लगे कि हमें सेमेस्टर में कम अंक मिले हैं तो वो तीन से चार महीने में फिर परीक्षा दे सके हमारे मुख्यमंत्री ने तो कहा है कि दो महीने के भीतर आप परीक्षा दे दीजिए।”
बता दें कि बिहार में कांग्रेस के अलावा आरजेडी और एलजेपी भी कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से जेईई और नीट की परीक्षा कराए जाने के विरोध में हैं. एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर परीक्षा टालने की गुहार लगाई है।
ऐसे में जब सारे हॉस्टल बंद है ऐसे में बच्चें कहां रहेंगे? ख़ासकर जो लड़कियां गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी उनके लिए स्थिति और ख़राब और कठिन हो गयी है।