सुशांत मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग करने के आरोप ने एनसीबीए ने की बड़ी कार्यवाही
सुशांत मामले में एनसीबीए कि बड़ी कार्यवाही
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद जिस तरह से बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफॉर्म के महत्वपूर्ण समाचार चैनलों ने उनकी मौत को सनसनीखेज तरीके से प्रस्तुत किया।
इस पर लोग काफी सवाल उठा कार्यवाही की बात कर रहे थे। क्योंकि उनके मौत के खबर के प्रसारण के दौरान टीआरपी की होड़ में समाचार चैनलों ने उनकी, उनके परिवार की निजता का का परवाह नहीं क़िया।
इसके साथ ही अपने खबरों में प्रसारण से पहले खबरों कि सही होने की जांच करे बिना ही फेक ट्वीट्स, पोस्ट और खबरे प्रसारित कर दी।इस मामले में दस लोगो ने समाचार चैनलों के खिलाफ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) से शिकायत की थी।
यह एक स्व-नियामक संस्था है और न्यूज़ इंडस्ट्री में प्रसारण आचार संहिता और दिशा निर्देशों को लागू करता है।अब पूरी जांच के एनबीसीए ने न्यूज़ नेशन, आज तक, जी न्यूज़, न्यूज़ 24 , इंडिया टीवी, एबीपी न्यूज़ आदि को प्रसारण नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया है।
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मृतक के निजता और गरिमा को प्रभावित और सुशांत के पिता का ज़बरदस्ती इंटरव्यू लेने की कोशिश
इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए ‘आज तक’ समाचार चैनल पर एक लाख रुपए का जुर्माना और प्रसारण के मानकों का उल्लंघन कर सुशांत की मौत से जुड़ी खबर दिखाने की निंदा करते हुए आज तक, ज़ी न्यूज़, न्यूज़ 24 और इंडिया टीवी को मृतक की निजता और गरिमा को प्रभावित करने के लिए अपने अपने चैनलों पर माफीनामा प्रसारित कर टेलीकास्ट की सीडी जमा करने का आदेश दिया है।
इस फैसले के साथ ही एनबीसीए ने समाचार चैनलों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही की समाचार चैनलों को जनहित से जुड़े काम करने चाहिए क्योंकि कई बार समाचार में खबर दिखाए जाने के बाद ही लोगो को न्याय मिल पाता है। लेकिन समाचार चैनलों का महत्वपूर्ण ख़बरें दिखाते समय निजता का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, न ही दुखद घटना को सनसनीखेज तरीके से पेश करना चाहिए।
समाचार चैनलों को पहले भी कोर्ट एवं समाचार से जुड़े संगठन ने दी सही रिपोर्टिंग करने की सलाह
ज्ञात हो कि इससे पहले 28 अगस्त को प्रेस काउंसिल ऑफ ऑफ इंडिया (PCI) भी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में मीडिया द्वारा कि जा रही अनावश्यक कवरेज की निंदा कर चुका है।
और साथ ही सुनी सुनाई बातों को प्रसारित और भविष्यवाणी करने से बचने की सलाह दी थी।इसी मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने भी कोर्ट में टीवी चैनलों के एक वर्ग द्वारा पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग से जांच प्रभावित होने के बात बोलकर ‘मीडिया ट्रायल’ रोकने के लिए हाईकोर्ट में दायर की थी।
जिसपर कोर्ट ने मीडिया से रिपोर्टिंग करते वक्त संयम बरतेंगे और जांच में बाधा ना डालने कि अपील की थी। साथ ही इस पर कोई नियम ना होने पर हैरानी जताते हुए सूचना प्रसारण मंत्रालय को एक पक्ष बनाते हुए जवाब दाखिल करने को कहा था।
सुशांत मामले से जुड़े ड्रग्स केस में हाल ही में रिया चक्रवर्ती को जमानत मिली
सुशांत सिंह मामला पहले ही काफी विवादों में है पहले इसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी।आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच केंद्र सरकार के अनुरोध पर सीबीआई को सौंप दी। जिसमें अब ईडी मनी लॉनड्रिंग और एनसीबी ड्रग्स एंगल की जांच कर रहा है।
अब देखना यह है कि एनबीसीए की कार्यवाही के बाद भी टीवी के समाचार चैनल अपना कथित सुशांत को न्याय दिलाने के एजेंडे के आड़ में गलत खबर प्रसारित करना बंद करेंगे या जारी रखेंगे ।