बिहार चुनाव के रैली में कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी, उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
सुशील मोदी की चुनावी रैली
मंगलवार को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कैमूर जिले के रामगढ़ में एक चुनावी रैली में भाग लिया। उनके संबोधन को सुनने के लिए वहां करीब 20,000 लोग मौजूद रहे। इन लोगों के बीच न तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी, न ही लोग मास्क लगाकर पहुंचे।
कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी को 2 मीटर की दूरी तथा मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही, रैलियों में गले मिलना, हाथ मिलाना आदि की मनाही है। लेकिन चुनाव प्रचार में साफ तौर पर इनकी धज्जियां उड़ाई गई।
बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना का प्रकोप के बीच अब बिहार चुनाव को लेकर प्रचार अभियान शुरू हो चुका है। जिसने अब दोबारा राज्य को महामारी की खाई में धकेलना शुरू कर दिया है।
बिहार चुनाव अभियान को लेकर चुनाव आयोग की तरह से वर्चुअल और रियल अभियानों की अनुमति तो दी गई है, लेकिन इन अभियानों में कुछ दिशा–निर्देशों के पालन करने को लेकर प्रोटोकॉल जारी किया गया है। हालांकि, विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इन प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर दिशा–निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
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जब सुशील मोदी से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, “ मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि उन्हें जन सभाओं के लिए बड़े मैदान की व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन मैं किसी को नहीं आने के लिए कैसे कह सकता हूं?”
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की रैली में बिना मास्क के पहुंचे लोग
सोमवार को वैशाली जिले के महुआ में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बड़ी संख्या में लोगों को संबोधित किया। भीड़ में चुनाव आयोग के दिशा–निर्देशों के पालन में जहां कोताही बरती गई। वहीं भीड़ में मौजूद थोड़े ही लोग मास्क पहने नजर आए।
वहीं दूसरी तरफ़ बुधवार को मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने चार जगह राजनीतिक रैलियों को संबोधित किया, जहां हजारों की तादाद में लोग उन्हें सुनने के लिए एकत्र हुए उनके कई समर्थक जहां बिना मास्क के नजर आए। वहीं साफ तौर पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन देखा गया।
नामांकन में भी नियमों का उल्लंघन
बिहार में सिर्फ चुनावी रैलियों में ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी नहीं हुई, बल्कि विधानसभा सीटों के लिए नामांकन में भी नियमों का उल्लंघन होते हुए देखा गया।
दरअसल, मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेज प्रताप यादव समस्तीपुर जिले के रोसड़ा में नामांकन भरने पहुंचे। रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में तो सिर्फ उन्होंने 2 लोगों के साथ ही प्रवेश किया, परंतु कार्यालय के बाहर उनके सैकड़ों समर्थकों की भीड़ जुटी थी।
यह तमाम लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बिना वहां जुटे थे।ऐसे में इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं इन चुनाव प्रचारों की वजह से फिर से बिहार महामारी के डेंजर जोन में न चला जाए।