6 महीने से नही मिला वेतन, हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंडल मार्च कर किया प्रदर्शन
भाजपा एमसीडी के खिलाफ डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च
हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी पिछले कई समय से आंदोलनरत है। यह लोग लगातार सरकार के सामने उनके वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसी के चलते शुक्रवार को हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने वेतन की मांग को लेकर भाजपा शासित एमसीडी के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला।
यूँ तो डॉक्टरों को कोरोना योद्धा कहा जाता है, इन्हीं योद्धाओं के लिए अस्पतालों में हवाई जहाज़ों के द्वारा फूल बरसाए जाते हैं। डॉक्टरों के सम्मान राजनेताओं द्वारा बड़े-बड़े भाषण दिए जाते हैं। लेकिन जब यही कोरोना योद्धा अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हैं, तो उन्हें अनदेखा करके दरकिनार कर दिया जाता है।
डॉक्टरों की मांग– ‘सरकार 6 महीने का बकाया वेतन जारी करे’
डॉक्टरों की वेतन की मांगों को बिल्कुल तवज्जो नहीं दी जाती। समाचार पत्रों में भी आम खबरों की तरह यह ख़बरें भीतर के पन्नों पर सिमट कर रह जाती हैं। हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें उनका 6 महीने का रुका हुआ वेतन तुरंत जारी किया जाए।
इससे कुछ महीनों पहले भी डॉक्टरों ने वेतन न मिलने से नाराज़ होकर काम करने से पूरी तरह मना कर दिया था। जिसके बाद सरकार को आनन-फानन में कोविड मरीज़ों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ गया था।
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आम आदमी पार्टी के नेता कैंडल मार्च में हुए शामिल
भाजपा शासित एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के नेता भी कैंडल मार्च में शामिल हुए। आप सरकार ने एमसीडी को यह प्रस्ताव दिया है, कि यदि डॉक्टर को वेतन चुकाने में असमर्थ है तो इन अस्पतालों को वह दिल्ली सरकार को सौंप दें।
आप नेता दुर्गेश पाठक का कहना है कि 28 जुलाई 2018 को नॉर्थ एमसीडी के मेयर आदेश गुप्ता ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने एमसीडी अस्पतालों की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए कहा था।
वे आगे कहते हैं कि, “ मैं MCD से कहना चाहता हूं कि जब आप केंद्र सरकार को इन अस्पतालों की ज़िम्मेदारी देने के लिए तैयार थे, तो अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर भी अस्पतालों को दिल्ली सरकार को क्यों नहीं सौंपा जा रहा।
इन अस्पतालों को केजरीवाल सरकार को न सौंप कर भाजपा शासित एमसीडी बहुत बड़ी गलती कर रही है। भाजपा को एमसीडी से इस्तीफ़ा देकर उसे दिल्ली सरकार को सौंप देना चाहिए। दिल्ली सरकारी अस्पतालों को बेहतर तरीके से चला कर दिखाएगी।“