ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ,वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
चार हिंदू युवकों ने गोवर्धन स्थित ईदगाह में जाकर पाठ किया
यह घटना मथुरा की है जहां पहले नंदबाबा मंदिर में मुस्लिम युवकों ने नमाज़ पढ़ा, अब यहां मंगलवार को चार युवकों ने गोवर्धन स्थित ईदगाह में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। मंगलवार सुबह किए गए इस हनुमान चालीसा पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया है।पुलिस ऐक्शन में आई और तत्काल चारों युवकों को हिरासत में ले लिया गया। मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद शांति भंग की धारा में चालान कर जेल भेज़ दिया है।
क्या यह पाठ पिछले सप्ताह मंदिर में नमाज़ पढ़ने वाले मामले के जवाब में किया गया?
पुलिस सूत्रों के अनुसार ये चार दोषी सौरव लंबरदार,कान्हा, राघव और कृष्णा ठाकुर हैं। माना जा रहा है कि यह सब उन्होंने पिछले सप्ताह मंदिर में नमाज़ पढ़ने वाले मामले के जवाब में किया ।
हम आपकी जानकारी के लिए मामले को बता दें कि इस घटना से पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बीते दिनों ब्रज़ चौरासी कोस की यात्रा कर रहे दिल्ली निवासी फैजल खान और उसके एक मित्र ने नन्दगांव के नन्द भवन मंदिर परिसर में जाकर नमाज़ पढ़ा और इतना ही नहीं साथ ही उसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं थीं। यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
इस संबंध में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया है। खबरों से हमें पता चलता है कि फैजल खान और चांद मोहम्मद दो व्यक्तियों ने नमाज़ पढ़ी, वहीं आलोक रतन और नीलेश गुप्ता नाम के दो व्यक्तियों ने उनकी तस्वीरें खींची।
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एफ़आईआर में किसी विदेशी मुस्लिम संगठन से जुड़े होने की सम्भावना
मंदिर के सेवायत गोस्वामी ने मामले को पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराते हुए आरोप लगाया था कि 29 अक्टूबर को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे फैजल खान और चांद मोहम्मद जो दिल्ली के खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य हैं, इसी संस्था के आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के साथ आए और इन मुस्लिम युवकों ने बिना अनुमति लिए और जानकारी के मंदिर प्रांगण में नमाज़ अदा की और नमाज़ पढ़ते हुए अपने साथियों द्वारा तस्वीरें भी लिये और इन तस्वीरों को पोस्ट भी किया गया जो की सोशल मीडिया पर वायरल हुए। एफ़आईआर में इनके किसी विदेशी मुस्लिम संगठन से जुड़े होने की सम्भावना भी व्यक्त की गई थी।
एफ़आईआर में कहा गया,उनके इस कृत्य से हिंदू समुदाय की भावनाओं और आस्था को गहरी चोट पहुंची है।हमें इस बात की चिंता है कि इन तस्वीरों का दुरुपयोग न हो या इस घटना के पीछे कोई विदेशी फंडिंग न हो। साथ ही यह भी पता लगाया जाना चाहिए क्या इसका मक़सद सांप्रदायिक तनाव फैलाना था या किसी अन्य मक़सद से किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि मथुरा जन पद हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के प्रतीक के रूप में जाना जाता है और ऐसे में किसी भी समुदाय के व्यक्तियों को अमन की फिजा को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।