बिरसा मुंडा समझ एक अलग मूर्ति को फूल चढ़ाने पहुंच गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर
केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह जो बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर आए थे । उनकी यात्रा से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह क्रोधित हुआ है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह वे अपने दौरे के पहले दिन बांकुड़ा जिले में बिरसा मुंडा की प्रतिमा समझ अन्य मूर्ति पर फूल अर्पित किए जाने को लेकर विवादों से घिर गए।
हम आपको बता दें कि विवाद की शुरुआत आखिर कहां से हुई असल में केंद्रीय मंत्री जिस मूर्ति पर फूल माला चढ़ाने जा रहे थे वह बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी। दरअसल वह एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी। विवाद की शुरुआत टीएमसी के एक ट्वीट से हुई है जिसमें दावा किया गया है कि वह मूर्ति बिरसा मुंडा की नहीं थी बल्कि एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी। गलत मूर्ति की भनक लगते ही भाजपा के नेताओं ने बिरसा मुंडा की तस्वीर मंगवा कर मूर्ति के नीचे पैरों के पास रखकर उसे फूल माला पहनाई।
आदिवासियों के एक संगठन भारत जकात माझी परगना महल ने इसे बिरसा मुंडा का अपमान बताया है।कथित तौर पर स्थानीय आदिवासियों ने मूर्ति को शुद्ध करने के लिए यहां गंगाजल से छिड़काव किया। वहीं बता दें कि दूसरी ओर बीजेपी ने टीएमसी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अमित शाह की लोकप्रियता से घबराई टीएमसी लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है और इसी कोशिश में तृणमूल कांग्रेस ऐसे ट्विट कर विवाद खड़ी कर रही है।
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तृणमूल कांग्रेस को भाजपा पर हमला करने के लिए मिला सियासी शस्त्र
हम आपको बता दें कि आजादी की लड़ाई में एक नायक बने बिरसा मुंडा की 25 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने बांकुड़ा आदिवासी बहुल जिला से अपने दौरे की शुरुआत की थी।
जहां बीजेपी नेता अमित शाह बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए गए, लेकिन जब ये अहसास हुआ कि प्रतिमा बिरसा मुंडा की नहीं है तो तुरंत ही बिरसा मुंडा की तस्वीर मंगवाई गई और उस प्रतिमा के पास रखकर उस पर फूल माला चढ़ाई गई। अमित शाह के ट्विटर हैंडल से इस कार्यक्रम की तस्वीरें भी शेयर की गईं।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा,“आज पश्चिम बंगाल के बांकुरा में प्रसिद्ध आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा जी को पुष्पांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा जी का जीवन हमारी आदिवासी बहनों और भाइयों के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित था।उनका साहस, संघर्ष और बलिदान हम सभी को प्रेरित करते रहते हैं।”
हम आपको बता दें इसके साथ ही अपने भाषण में अमित शाह ने यह भी कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति ने छीन लिया है बंगाल का गौरव साथ ही पुनर्स्थापना के जरूरत का प्रसंग भी उन्होंने उठाया। इस विवाद ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा पर हमला करने के लिए सियासी शस्त्र प्रदान कर दिए।
टीएमसी ने गृह मंत्री अमित शाह को दिया बाहरी करार
अमित शाह के कार्यक्रमों के बाद बांकुड़ा में तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव कर उसका शुद्धीकरण किया।
साथ ही तृणमूल नेताओं ने कहा कि शाह द्वारा माल्यार्पण किए जाने से भगवान बिरसा की मूर्ति अपवित्र हो गई थी, इसीलिए उन लोगों ने इसका शुद्धीकरण किया है। बात अगर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ट्वीट की करें तो पार्टी ने शाह को बाहरी करार देते हुए ट्वीट किया है, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल की संस्कृति से इतने अनभिज्ञ हैं कि उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को एक गलत मूर्ति की माला पहनाकर अपमानित किया और उनकी तस्वीर को किसी और के पैर में रख दिया। क्या वह कभी बंगाल का सम्मान करेंगे?”
टीएमसी ने ट्वीट करके दावा किया है कि वह मूर्ति बिरसा मुंडा की नहीं थी बल्कि एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी।