दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा ने आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या
लॉकडाउन के दरमियान कई लोगों ने परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया
इस लॉकडाउन काल में सबसे ज्यादा चर्चित अगर कोई मामला रहा तो वह है आत्महत्या का क्योंकि यह पाया गया कि लॉकडाउन के दरमियान कई लोगों ने परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। 2020 में कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन ने कई लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया है।
इतने महीने अकेले घर में बैठकर आए दिन लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं एवं मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं।हाल ही में एक मामला सामने आया है दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज की होनहार छात्रा का जिसने अपने होम टाउन तेलंगाना में कथित रूप से आत्महत्या कर लिया। उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और कई समस्याओं का सामना कर रहा था जिससे परेशान होकर छात्रा ने यह कदम उठा लिया।
आर्थिक रुप से कमजोर पता नहीं दिला पाए पुराना लैपटॉप
छात्रा के पिता तेलंगाना में छोटे-मोटे मोटरसाइकिल मैकेनिक के तौर पर काम करते हैं। पिता ने बताया कि उनकी बेटी बहुत होनहार और मेहनती थी। उसका रिजल्ट हमेशा से बहुत अच्छा आता था और मन लगाकर पढ़ाई करती थी। बेटी का सपना था आईएएस बनने का एवं पिता समेत पूरे परिवार का नाम रोशन करने का लेकिन किसे पता था इससे पहले ही वह दुनिया को अलविदा कह देगी।
लॉकडाउन के दरमियान ऑनलाइन क्लास में भाग लेने के लिए बेटी को लैपटॉप की जरूरत थी जो कि मैकेनिक पिता देने में सक्षम नहीं थे। ऑनलाइन क्लास ना लेने के कारण छात्रों को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही थी। छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में भी इस बात का जिक्र करते हुए लिखा कि वह बिना पढ़ाई किए इस दुनिया में नहीं रह सकती।
और पढ़ें :बिहार में महागठबंधन को बहुमत नहीं मिल पाया,लेकिन तेजस्वी यादव ने पिता की अलग छवि बनाने में कामयाब
12वीं में 98.5 प्रतिशत अंक प्राप्त करके एलएसआर में प्रवेश किया था
पूरी परिवार एवं आसपास के लोगों का कहना था कि छात्रा पढ़ाई में बहुत होनहार थी।वह उसके कुछ सपने थे जिसे वह पूरा करना चाहती थी लेकिन पैसों की कमी के कारण अक्सर पीछे रह जाते थी। स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी कि छात्रा ने 2 नवंबर को अपने शादनगर स्थित आवास में आत्महत्या कर ली।
वह प्रतिष्ठित एलएसआर कॉलेज में बीएससी गणित ऑनर्स की छात्रा थी। उसने 12वीं में भी 98.5% अंक लाकर सब का दिल जीत लिया था।परिवार ने बताया कि छात्रा ने शिव साइड से पहले तेलुगु भाषा में लिखे सुसाइड नोट को भी छोड़ा है। उस खत में छात्रा ने लिखा है कि मैं अपने परिवार के लिए बोझ बन गई हूं। मेरे पढ़ाई के कारण परिवार को पैसों की जरूरत पड़ती है।अगर मैं पढ़ाई नहीं कर सकती तो मैं इस दुनिया में जीवित भी नहीं रह सकती।
छात्रा के पिता ने बताया कि पिछले वर्ष जब बेटी को एलएसआर कॉलेज में प्रवेश मिला तो तेलंगाना स्थित उनके दो कमरे को के घर को पिता ने 2 लाख रुपए में गिरवी रख दिया। वह अभी भी इस घर का क़र्ज़ चुका रहे हैं।
कुछ दिनों पहले ही छात्रा के पिता ने मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की दुकान खोली थी लेकिन लॉकडाउन के चलते हैं उन्हें 1 महीने के अंदर ही दुकान को बंद करना पड़ा। हालांकि अब उन्होंने दुकान दोबारा खोल ली है लेकिन आमदनी बहुत कम होती है।
कॉलेज का कहना है कि मदद के लिए कभी संपर्क नहीं किया गया
इस घटना के बाद पूरा परिवार गमगीन है।पूरे देश की सहानुभूति परिवार के साथ हैं जिन्होंने अपने होनहार बेटी को पैसों की कमी के कारण खो दिया।हालांकि जब एलएसआर के प्रिंसिपल सुमन वर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि छात्रा ने कभी भी मदद के लिए कॉलेज से संपर्क नहीं किया।
प्रिंसिपल ने बताया कि यह उनके लिए एवं पूरे कॉलेज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनका कहना है कि कॉलेज में कई तरीके की मदद योजना है जिसमें छात्रवृत्ति से संबंधित योजना भी शामिल है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम यह उस तक नहीं पहुंच पाए और छात्रा को ऐसा कदम उठाना पड़ गया।