समित ठक्कर पर अश्लीलता और मानहानि के आरोपों के तहत हुआ मामला दर्ज़
समित ठक्कर पर हुआ मामला दर्ज़
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी समित ठक्कर को मुंबई की स्थानीय अदालत ने 9 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
हम आपको बता दें कि नागपुर पुलिस ने 24 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार किया था और उसे सोमवार को नागपुर की कोर्ट से जमानत मिली, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में ले लिया था।
अब इसी बीच समित ठक्कर का एक वीडियो जल्दी से वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस काले कपड़े से उसका चेहरा छिपा कर और हाथों में हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही है।जिसके बाद समित के भाई ऋषि ठक्कर ने आरोप लगाया है कि पुलिस समित के साथ आतंकियों जैसा व्यवहार कर रही है।
साथ ही बीजेपी नेता संबित पात्रा ने इस वीडियो को लेकर ट्वीट भी किया है।जिसमें समित ठक्कर को इस तरह कोर्ट में पेश किए जाने का उन्होंने विरोध किया है।बता दें कि समित ठक्कर ने उद्धव और आदित्य को लेकर कुछ ट्वीट किए थे जिसके बाद 13 जुलाई को मुंबई के वीपी रोड पुलिस स्टेशन में ठक्कर के खिलाफ शिकायत दर्ज़ की गई थी और समित को गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार किया गया था।
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समित ठक्कर ने ट्विटर पर की सीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी
समित ठक्कर के करीब 60,000 फॉलोअर्स है ट्विटर पर और बात अगर उसके ट्वीट की बात करें तो उसमें समित ने कहा है कि मिलिए महाराष्ट्र के मुहम्मद आज़म शाह उर्फ बेबी पेंग्विन उर्फ आदित्य ठाकरे से जो कि आधुनिक औरंगजेब के सुपुत्र हैं। यह वही शख्स है जो पूजा दर्शन को छोड़ कर पंढरपुर में हिन्दू धर्म का अपमान करते हैं लेकिन इनके पास दरगाह यात्रा के लिए विश्वास और समय हैं।
जानकारी के मुताबिक़ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री को ट्वीटर पर क्रमशः औरंगजेब और बेबी पेंगुइन का नाम देने को लेकर समित ठक्कर पर अश्लीलता और मानहानि के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है और ग़ौर करने वाली बात यह है कि इसके पहले भी समित ठक्कर को शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के समर्थकों द्वारा कई मामलों में निशाना बनाया गया है बल्कि यही नहीं ठक्कर के अनुसार उनके खिलाफ कम से कम 11 एफआइआर दर्ज़ की गई हैं और दो अदालती मामले चल रहे हैं।
अब बात अगर समित के ट्वीट की करें तो समित ठक्कर पर मामला दर्ज होने के बाद समित ने कहा है कि मैंने सिर्फ मजबूत भाषा का इस्तेमाल किया है जो किसी भी तरह से असंवैधानिक नहीं है। अगर मेरी पोस्ट अपमानजनक थीं तो ट्विटर ने उन्हें क्यों नहीं हटा लिया? मैंने सरकार की आलोचना करने के लिए सिर्फ अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का ही इस्तेमाल किया है।
भाई ऋषि ठक्कर का बयान
समित के भाई ऋषि ठक्कर ने कहा है कि पुलिस ने जब मेरे भाई को कोर्ट में पेश किया तब उसका चेहरा काले कपड़े से ढका हुआ था और हाथ बंधे हुए थे। ये पुलिस के द्वारा मेरे भाई के मानवाधिकारों का उल्लंघन है तथा वे उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रहे थे जैसा आतंकवादी के साथ होता है।
साथ ही भाई ऋषि ने कहा कि मेरा भाई महाराष्ट्र के सीएम को आधुनिक औरंगजेब और उनके बेटे को बेबी पेंग्विन कहने की कीमत चुका रहा है और ये वो नाम हैं जो एनसीपी लीडर ने उन्हें दिए हैं।
बात अगर बीजेपी नेता संबित पात्रा के ट्वीट की करें तो उन्होंने कहा है ये क्या हो रहा है महाराष्ट्र में?सरकार के खिलाफ मात्र ट्वीट करने से समित के साथ इस तरीके का व्यवहार किया जाएगा? कुछ अन्य ट्वीट्स की बात करें तो वरुण गांधी ने प्रश्न उठाते हुए ट्वीट किया कि क्या समित ठक्कर कोई आतंकी है क्या वो जानवर है क्या वो राष्ट्र के लिए खतरा है जिसके साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है?
ये तो हर तरह से मानवता के खिलाफ है। राजनीतिक सोच को अलग हटाकर सोचें तो ये पूरी तरह गैरकानूनी और अनैतिक है। हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।