धान ना बिकने से परेशान होकर पत्रकार ने किया आत्महत्या, भाजपा सांसद को बताया जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पत्रकार ने किया आत्महत्या
इस वर्ष 2020 में आत्महत्या की घटनाओं में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है जो कि एक चिंता का कारण है। आए दिन लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं और परेशान होकर आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेते हैं। एक नया मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जहां एक पत्रकार ने आत्महत्या कर लिया। जानकारी के मुताबिक धान ना बिकने की वजह से वह लंबे समय से परेशान चल रहा था।
पत्रकार ने शिव साइड से ठीक पहले अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाला जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार भाजपा सांसद, एक भाजपा के विधायक और एक सिपाही को बताया है। घटना मोहम्मदी कोतवाली के शंकरपुर चौराहा की है। पत्रकार का नाम दिलीप शुक्ला बताया जा रहा है। पत्रकार ने मरने से पहले एक अन्य पत्रकार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
दिलीप ने 6 अक्टूबर को लिखे पोस्ट में कहा कि
पत्रकार दिलीप शुक्ला ने मरने से 1 महीने पहले फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था जिसमें उन्होंने शीर्षक दिया था पता नहीं कौन क्या करेगा? उन्होंने लिखा था कि मेरा निवेदन है कि बीजेपी, सपा, बसपा या कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी भी माध्यम से प्रयास सपने में भी ना करें, पता नहीं कहां उनका नुकसान हो जाएगा। 2 दिन बाद ही 8 अक्टूबर को लेकर पोस्ट में उन्होंने कहां की सांसद , विधायक मेरी लाश पर वोट मांगने मत जाना मेरा अंतिम निवेदन है।
उन्होंने यह भी लिखा है कि आज मैं अपने जीवन का अंतिम पोस्ट विधायक एवं सांसद को समर्पित कर रहा हूं। आगे की पोस्ट में उन्होंने कुछ अपशब्दों का भी प्रयोग किया था।ठीक एक दिन बाद 9 अक्टूबर को उन्होंने दोबारा एक पोस्ट लिखा जिस पर उन्होंने कहा कि अब शायद आप लोगों को मेरी लाश भी ना मिले। वह आगे लिखते हैं कि जहर और शराब दोनों मैंने खरीद ली है। इस विधायक से कह दो तुम्हारे गुंडे पुलिस मुझे तलाश नहीं कर सकते।
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अंतिम पोस्ट 11 अक्टूबर को पत्रकार ने सांझा की
पत्रकार ने मरने से पहले अपना आखिरी पोस्ट 11 अक्टूबर 9: 54 पर लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि मैं भागता – भागता थक गया हूं अगर किसी भी प्रकार से मेरी मौत हो जाती है तो इसके जिम्मेदार विधायक और छविराम सिपाही होंगे। इसके कुछ समय बाद ही सूचना मिली कि पत्रकार दिलीप शुक्ला ने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी है।उनके तमाम फेसबुक पोस्ट से यह बात तो साफ जाहिर होती है कि वह लंबे समय से परेशान चल रहे थे और लोगों तक अपनी परेशानी पहुंचाने का प्रयास भी कर रहे थे जिसमें वह असफल रहे।
उनके जीवित रहते हुए किसी ने उनकी मदद नहीं की ना ही कोई राजनीतिक पार्टी उनके लिए खड़ा हो सका। जांच पड़ताल में जो नाम सामने आए हैं उसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भाजपा सांसद रेखा वर्मा, मोहम्मदी के विधायक लोकेंद्र सिंह सहित एक सिपाही का नाम सामने आया है। दिलीप शुक्ला ने फेसबुक पर अपना दर्द बयां करते हुए काफी कुछ लिखा था। फिलहाल उनके मौत की जांच पड़ताल की जा रही है।