किसान आंदोलन को समर्थन देने ‘शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो’ पहुंची सिंघु बॉर्डर
शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में शाहीन बाग में पिछले साल दिसंबर में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान ‘शाहीन बाग की दादी’ के नाम से मशहूर हुई 82 वर्षीय बिल्किस बानो मंगलवार को किसानों के आंदोलन में शामिल होने पहुंची थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते हुए उन्हें शामिल होने से रोक दिया।
इससे पहले सोमवार की रात भी सोशल मीडिया पर बिल्किस दादी का एक वीडियो वायरल हो रहा था। वीडियो में दादी किसानों के किसी प्रदर्शन स्थल पर दिखाई दे रहीं थी। दादी के साथ चल रहे लोग वीडियो में कहते हुए सुने जा रहे थे कि यूपी से लौटते हुए वो किसानों का हालचाल लेने के लिए रुकी हैं।
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बिल्किस बानो ने खुद को बताया किसान की बेटी
बिलकिस बानो ने मीडिया से बात कहते हुए कहा हम किसानों की बेटियां हैं और हम आज किसानों के विरोध का समर्थन करेंगी। हम हमारे हक के लिए अपनी आवाज उठाएंगे और सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वह इस मामले के निराकरण के लिए किसानों के साथ सरकार से बात करेंगी। बिलकिस दादी का कहना है कि किसानों ने हमारी मदद की थी अब हम उनका साथ देने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि किसान आंदोलन में शामिल होने गई बिल्किस बानोशाहीन बाग के प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आई थीं बिल्किस बानो को टाइम मैग्जीन में भी अपने मैग्जीन में जगह दिया था। टाइम मैगजीन की साल 2020 में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भी बिल्किस बानो का नाम शामिल किया है। इस पर उन्होंने खुशी भी जताई थी।
उनके जुझारूपन के कारण उन्हें ‘शाहीन बाग की दादी’ का तमगा मिला
जानकारी के मुताबिक बिल्किस बानो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली है लेकिन वे फिलहाल अपने बच्चों के साथ दिल्ली में रह रही हैं।उनके पति खेती मजदूरी किया करते थे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
बिल्किस दादी एनआरसी आंदोलन में सुबह से रात तक शाहीनबाग में धरना देती नजर आती थी। उन्होंने कहा था कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता तब तक विरोध करती रहेंगी।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) पर किसानों (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम 2020 लेकर आई है। लेकिन इसके विरोध में पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली मार्च के तहत पिछले 6 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे है। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है। अब सरकार के साथ संवाद गुरुवार को होगी जिसमें 30 से अधिक यूनियनों के किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत होगी।