बाजार में गोभी की सही कीमत ना मिलने के कारण बिहार किसान ने गोभी के खेत में ट्रैक्टर चला दिया
बिहार किसान को गोभी का रेट ₹1 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा
कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा। आज किसान भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं। देशभर के किसान अपने अपने तरीके से कृषि कानून का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी केवल एक ही मांग है कि सरकार उनके द्वारा बनाए हुए कृषि कानून को रद्द करे। देश भर से किसानों द्वारा प्रदर्शन की नई नई तस्वीरें सामने आ रही है इसी बीच बिहार के समस्तीपुर से एक नया मामला सामने आया है जो अपने आप में काफी दुखद और अलग है।
दरअसल इंडिया टुडे में छपे खबर के अनुसार बिहार के समस्तीपुर के किसान ने अपने खेत के हरे भरे गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला दी। इसका कारण बाजार में गोभी की अच्छी कीमत ना मिलने को बताया गया है। किसानों को गोभी का रेट एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। यह कीमत अपने आप में बेहद कम है मुनाफा तो दूर किसानों को इस कीमत से घाटा ही लग रहा है जिससे परेशान आकर बिहार के किसान ने अपने ही खेत में हरे भरे गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
और पढ़ें :यमुना दसवीं तक पढ़ाई पूरी करने वाली नथजोगी घुमंतू समुदाय की पहली लड़की
बिहार किसान को गोभी की नहीं मिल रहा पा रहा सही कीमत
यह घटना बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर इलाके की है। ओम प्रकाश यादव नामक एक किसान ने अपने खेत में गोभी लगाई थी। गौरतलब हो कि इस वर्ष गोभी की फसल का पैदावार काफी अच्छी हुआ है लेकिन अफसोस किसानों को इसके बावजूद मंडियों एवं बाजारों में गोभी का सही कीमत नहीं मिल पा रहा।
किसानों का कहना है कि वह जब गोभी को मंडी लेकर जा रहे हैं तो वहां उसका कीमत ₹1 प्रति किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। इसी वजह से ओम प्रकाश यादव परेशान चल रहे थे जिसके चलते उन्होंने अपने खेत में लगाए गए गोभीओं पर ट्रैक्टर चला दिया। उनका कहना था कि बीज खरीद कर खेती करने से लेकर गोभी उगाने और मंडी तक पहुंचने पर किसानों को जितने पैसे लगते हैं वह तक वसूल नहीं हो पा रहे। फायदा मिलना दो काफी दूर की बात है।
खेत से गोभी उखाड़कर ले जाने लगे लोग
आसपास के लोगों को जब ओम प्रकाश यादव के द्वारा खेत में लगाए हुए गोभीओं को नष्ट करने वाली बात पता चली तो वहां भारी संख्या में गांव वाले कट्ठा हो गए और खेत से गोभी उखाड़ कर अपने अपने घर ले जाने लगे। जिनसे जितना हुआ उन्होंने उतना गोभी उखाड़े और मुफ्त में अपने घर ले गए।