पटना हाईकोर्ट ने राज्य से नेत्रहीन बच्चों के आगे की पढ़ाई का ब्यौरा मांगा
कोर्ट ने कहा राज्य में केवल 3 विद्यालय ऐसे जहां नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई होती
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में बिहार सरकार से उस पीटीशन को लेकर जवाब मांगा जिसमें नेत्रहीन बच्चों के पढ़ाई की गारंटी दी गई थी। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की बेंच वह डांटा देख रही थी। जिसमें राज्य के कुल 8 विद्यालय ऐसे हैं,जहां शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों की पढ़ाई होती हैं। इनमें से 3 विद्यालय ऐसे हैं जहां नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई को देखा जाता है। पटना हाईकोर्ट ने इसी संदर्भ में स्टेट कमिश्नर से पूरी जानकारी मांगी है। पटना हाईकोर्ट ने सवाल उठाते हुए पूछा कि राज्य में केवल तीन स्कूल ही ऐसे हैं जहां नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई होती है क्या यह संख्या कम नहीं हैं?
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कोर्ट ने कमिश्नर और बिहार चीफ सेक्रेटरी से पूछे गए सवाल
* कोर्ट ने कमिश्नर से पूछा कि क्या उन्होंने भारतीय कानून में शामिल राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 को ध्यान में रखकर कोई कार्रवाई की है या नहीं?
* कोर्ट ने पूछा कि उन तीन स्कूलों में कितने नेत्रहीन बच्चे कुल मिलाकर पढ़ाई कर सकते हैं उनकी क्षमता कितनी है? और क्या राज्य सरकार उन तमाम बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है या नहीं?
* कोर्ट ने यह भी पूछा कि अगर राज्य के तरफ से उपलब्ध साधन पर्याप्त नहीं थे तो इन बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य ने क्या कदम उठाए हैं ?
* कोर्ट ने राज्य से यह भी पूछा कि उन्होंने इन बच्चों के लिए क्या-क्या सुविधा उपलब्ध करवाई है? यूनाइटेड नेशन के कन्वेंशन राइट ऑफ प्रसेंस विद डिसेबिलिटीज को पढ़ते हुए एवं भारतीय कानून के आर्टिकल 15, 39,45 एवं 47 का हवाला देते हुए कोर्ट ने राज्य से इस संदर्भ में सवाल पूछे हैं।
कोर्ट ने कहा और जानकारी लेकर आए
कोर्ट ने कहा राज्य में केवल 8 स्कूल ही ऐसे हैं जो शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों की पढ़ाई देखते हैं इस पर राज्य को और जानकारी कोर्ट को मुहैया कराने की जरूरत है पटना हाईकोर्ट ने अपना ध्यान 2011 के सेंसस रिपोर्ट पर भी दिया। उस सेंसस रिपोर्ट में करीब 1.72 लाख बच्चों की बात आई थी जिनकी उम्र 15 से 19 वर्ष के बीच की है और वह शारीरिक रूप से दुर्बल है। कोर्ट ने इस संदर्भ में पूछा कि हमारे पास यह जानकारी नहीं है कि उनमें से कितने बच्चे नेत्रहीन थे और 14 वर्ष से कम उम्र के थे। फिलहाल कोर्ट की कार्रवाई को रोक दिया गया है और इस मामले पर अगली बैठक 22 दिसंबर को सुनिश्चित की गई।