किसान आंदोलन को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक कल
किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक कल
सितंबर में सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रकार के मामलों पर बातचीत के लिए 30 दिसंबर को आमंत्रित किया गया है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य नए कृषि क़ानूनों पर जारी गतिरोध का एक समाधान निकालना है।
इसी बीच हम बता दें कि दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का आज 34वां दिन है और कृषि बिल के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर अभी भी किसान डटे हुए ही नज़र आ रहे हैं। बता दें कि किसान संगठनों ने तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए सभी तौर तरीके सहित एजेंडे पर बातचीत के लिए पिछले हफ्ते ही एक प्रस्ताव दिया था एवं सरकार ने इसके बाद ही उन्हें आमंत्रित किया है। किसानों और सरकार के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर 30 दिसंबर यानी बुधवार को दोपहर 2 बजे से चर्चा होने वाली है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी सरकार को किसानों के समर्थन में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
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पंजाब में नए कृषि बिल का विरोध हुआ तेज
किसानों ने नए कृषि बिल का विरोध सबसे अधिक पंजाब में तेज हुआ है। वहां प्रदर्शनकारी किसानों ने अपना गुस्सा मुकेश अंबानी की रिलायंस पर उतारा है। दरसअल पंजाब में जियो सहित विभिन्न मोबाइल कंपनियों के1500 से ज्यादा टावरों में तोड़फोड़ की खबर आई है। इतना ही नहीं हरियाणा के पानीपत के समालखा में रिलायंस के पेट्रोल पंप को किसानों ने जबरदस्ती बंद करा दिया है। किसान यूनियनों ने 30 दिसंबर यानी इस बुधवार की बातचीत के बाद आंदोलन को और अधिक तेज करने की चेतावनी दी है। जानकारी के मुताबिक़ सरकार के साथ बातचीत के कारण से उन्होंने 31 दिसंबर को उनके ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है।
वहीं सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने चेतावनी दिया कि अगर केंद्र सरकार इन किसानों के मुद्दों से संबंधित उनकी मांगों पर कोई सही निर्णय नहीं लेती है तो अगले महीने यानी जनवरी में वह दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर देंगे एवं इसके बारे में सरकार को सूचित कर दिया गया है। हालंकि अभी इस आंदोलन की शुरुआत को लेकर कोई भी तारीख की जानकारी नहीं दी गई है।