दिल्ली पब्लिक स्कूल के कई बच्चों को फीस न भरने के कारण परीक्षा देने से रोका गया
कई बच्चों को फीस न भरने के कारण परीक्षा देने से रोका गया
दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड के कई बच्चों को बीते बुधवार को परीक्षा देने से रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने अपनी फीस नहीं भरी थी। बच्चों के परिवार वालों का कहना था कि फीस अभी तक इसीलिए नहीं भरी गई क्योंकि 27 जनवरी से इससे जुड़ा एक मामला फिलहाल कोर्ट में अटका है। पिछले साल डीपीएस की तरफ़ से कहा गया था कि लॉक डाउन होने के कारण कोई भी स्कूल बच्चों से ट्यूशन फी के अलावा कोई भी नहीं वसुलेगा।
जो बच्चे फीस नहीं दे रहे उन्हें एग्जाम देने से रोक़ दिया जा रहा है। डीओई के आदेश के बाद डीपीएस ने अपने ट्यूशन फी को 9000 से बढ़ाकर 12000 कर दिया और इसी के साथ बच्चों से एडिशनल फीस भी मांगने लगे जिसका विरोध बच्चों के अभिभावक लगातार कर रहे थे और इसीलिए यह मामला कोर्ट तक भी पहुंचा।
बीते बुधवार को कई बच्चों को परीक्षा देने से रोका गया
आपको बता दें बीते बुधवार को डीपीएस स्कूल अपना एनुअल एग्जाम करवा रहा था जिसे ऑनलाइन माध्यम से लिया जा रहा था। हालांकि कई बच्चों के अभिभावकों को एग्जाम की लिंक नहीं भेजी गई केवल इसीलिए क्योंकि उन्होंने फीस जमा नहीं किया था। कक्षा आठवीं की एक छात्रा के अभिभावक ने बताया कि हमें पता है हमें फीस स्कूल को देने हैं और हमने हर महीने बिना देरी किए फीस जमा भी किया है। बीते 3 महीनों से केवल इसीलिए पैसे नहीं दिए गए हैं क्योंकि यह मामला कोर्ट में अटका है। अगर विद्यालय उन्हें पहले इस बारे में सूचित करता कि अगर पैसे नहीं जमा किए जाएंगे तो बच्चों को एग्जाम नहीं देने देंगे तो भले ही वह कुछ करते हैं लेकिन यह विद्यालय प्रशासन की ओर से अभिभावकों को नहीं बताया गया था।
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एक अभिभावक ने बताया डीपीएस का यह कदम ब्लैकमेल करने जैसा
इन्हीं में से एक़ दूसरे अभिभावक ने यह बताया कि डीपीएस गया कदम ब्लैकमेल करने जैसा है। उन्होंने जुलाई तक के फीस जमा किए हैं। विद्यालय प्रशासन केवल अभिभावकों से पैसे ऐंठने में लगा रहता है। इस संदर्भ में स्कूल की प्रिंसिपल दीक्षा से भी बात किया गया तो उन्होंने बताया कि अभिभावकों को फिलहाल केवल ट्यूशन फीस देने की जरूरत है क्योंकि कई अभिभावक ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक स्कूल को एक पैसा नहीं दिया है। प्रिंसिपल नहीं है अभी बताया कि आने वाले दिनों में जिन बच्चों को एग्जाम देने से रोका गया है वह दोबारा पेपर दे सकेंगे लेकिन उन्हें उसके लिए कम से कम ट्यूशन फीस तो जमा करना ही पड़ेगा।