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दलित विवाह की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए 80 पुलिसकर्मी 

भारत जैसे देश में जाति-पाति धर्म जैसी कुप्रथाएं प्राचीन समय से विद्यमान है लेकिन मौजूदा समय में लगातार दावा किया जाता है कि देश डिजिटल हो चुका है और अब छुआछूत या जाति प्रथा देश में विद्यमान नहीं है। लेकिन यह बातें खोखली प्रतीत होती हैं क्योंकि आज भी देश में दलित वर्ग की स्थिति में थोड़ा भी परिवर्तन नहीं आया है।

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लगातार दलित हत्याएं तथा दलितों पर हो रहे अत्याचार इस बात के गवाह हैं। ऐसा ही एक मामला है गुजरात के साबरकांठा जिले का नरेशभाई लेबाभाई को अपने बेटे की शादी में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 80 पुलिसकर्मियों की तैनाती करनी पड़ी।

‘विवाह में ऊँची जाति के लोगों द्वारा हमले की आशंका’
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साबरकांठा जिले स्थित भजपुरा में अपने बेटे की शादी में उच्च जातियों के लोगों द्वारा हमले की आशंका के तहत नरेशभाई लेबर ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। दरअसल शादी के दौरान दूल्हे ने पारंपरिक पोशाक और घोड़े पर सवार होने का निर्णय लिया था। आपको बता दें दलित विवाह के दौरान पारंपरिक पोशाक पहनना और घोड़े पर सवार होना कथित उच्च जातियों द्वारा पसंद नहीं किया जाता। इससे पहले भी ऐसा करने पर कई दलित विवाहो में पत्थरबाज़ी हिंसा जैसी वारदात को अंजाम दिया जा चुका है। नरेशभाई अपने बेटे की शादी में इस तरह की घटना होने को लेकर भयभीत थे। यही वजह थी कि शादी में 80 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 

पहले भी हो चुकी है दलित विवाहों में कई घटनाएं

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दलित शादी में दूल्हे का घोड़े पर बैठना, बैंड बाजा बजाना इन सब के खिलाफ पहले भी कई तरह की वारदातें हो चुकी हैं। इसका ताजा उदाहरण है इसी साल फरवरी माह में घटित हुई। जहां गुजरात के अरावली जिले में एक दलित युवक की बारात पर इसलिए पथराव किया गया कि उसने विवाह के दौरान टोपी पहनी थी। इससे पहले आरोपियों ने दूल्हे के परिवार को धमकी दी थी कि वे शादी में डीजे और संगीत बजाने से परहेज करें।

ऐसी ही घटना साल 2018 में सौराष्ट्र में घटी थी जहां गांव के दबंगों ने घोड़ी रखने पर एक दलित युवक की हत्या कर दी थी। साल 2019 में गुजरात के साबरकांठा जिले में ही एक दलित की बारात को रोकने के लिए सड़क जाम किए तथा सड़क के बीचो-बीच यज्ञ, मंदिर पर ताला लगाना जैसे वारदातों को अंजाम दिया जबकि इस दौरान पुलिस की भी तैनाती की गई थी। 

उसी साल 26 अप्रैल के समय उत्तराखंड के टिहरी में एक 21 साल के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दरअसल वह युवक दलित वर्ग से ताल्लुक रखता था उसका बस यही गुनाह था कि उसने एक शादी समारोह में आरोपियों के सामने बैठकर खाना खाया।

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