बिहार के औरंगाबाद के हसपुरा प्रखंड में एक पुल के टूट जाने से वहां के ग्रामीणों का संपर्क शहर से टूट गया था. इलाके के मुखिया भी लोगों की समस्या को सुनने के लिए एक बार भी गांव नहीं पहुंचे थे.
डेमोक्रेटिक चरखा के द्वारा इस खबर को दिखाए जाने के बाद कुछ ही महीनों में यह पुल बनकर तैयार हो गया.
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