अररिया: उद्घाटन से ही पहले बह गया 12 करोड़ का पुल, भाजपा मंत्री ने अपना पल्ला झाड़ा

मंगलवार को बकरा नदी पर करोड़ों की लागत से बना नवनिर्मित पुल भरभरा कर नदी में गिर गया. पुल के तीन पिलर लोगों की आंखो के सामने नदी में समा गए.`

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सौम्या सिन्हा
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अररिया में बहा पुल

अररिया में बहा पुल

बिहार के मुखिया विकास पुरुष नीतीश कुमार राज्य में पुल-पुलिया, सड़क, मेट्रो जैसी सुविधाओं को लेकर काम करने का दावा करते हैं. भले ही उनके द्वारा कराए गए काम कुछ महीने टीके, कुछ दिन तक या कुछ मिनट ही क्यों ना टीके हो, मगर सीएम उस काम को जरूर गिनाते हैं. ऐसा ही एक गिनाने वाला काम राज्य में करवाया गया, लेकिन उस काम को गिनने से पहले ही वह धराशाई हो गया.

दरअसल बिहार में विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर पुल का निर्माण कराया गया था. इस पुल का कुछ ही दिनों में उद्घाटन किया जाना था, लेकिन मुंह दिखाई से पहले ही पुल नदी में समा गया. मंगलवार को बकरा नदी पर करोड़ों की लागत से बना नवनिर्मित पुल भरभरा कर नदी में गिर गया. मंगलवार को पुल के तीन पिलर नदी में समा गए.

12 करोड़ की लागत

पड़रिया घाट पर बने इस पुल को 12 करोड़ की लागत से बनवाया गया था. 182 मीटर लंबे इस पुल को तीन हिस्सों में बनाया गया था, जिसमें से दो हिस्सा नदी में बह गया. इस घटना के बाद आसपास में हड़कंप मच गया. लोगों ने आरोप लगाया है कि पुल निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

पीएम योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपए थी. 2021 में पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, जिसमें शुरुआती दौर में इसकी लागत 7.80 लाख थी. लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और अप्रोच सड़क की वजह से पुल की लागत 12 करोड़ तक पहुंच गई. पुल बनने में 1 साल ज्यादा का समय लगा. दरअसल पुल को बीते साल जून में ही तैयार हो जाना था, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण आगमन बाधित हो गया था, जिससे 1 साल और समय बढ़ गया. पुल का अप्रोच रोड भी अभी तैयार नहीं हुआ है.

देशभर में बिहार की किरकिरी

पुल के गिरने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने सफाई देते हुए अपने एक्स पर ट्वीट कर लिखा- बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इसका काम चल रहा था.

एक तरफ पुल के गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे देशभर में बिहार की किरकिरी हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पुल हादसे के बाद सांसद, विधायक, केंद्र एक दूसरे पर गलती का ठीकरा फोड़ रहे हैं. लेकिन बात तो यही है कि लोगों की सुविधा के लिए तैयार किया गया यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

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