पटना: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच क्या हम इससे निपटने के लिए तैयार हैं?

बिहार में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसको लेकर कई निर्देश भी जारी किए गए हैं. सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना से लोगों की सुरक्षा और बचाव को लेकर सरकार की ओर से तैयारी के पूरे दावे किए जा रहे हैं. लेकिन सच्चाई क्या है?

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बिहार में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसको लेकर कई निर्देश भी जारी किए गए हैं. सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना से लोगों की सुरक्षा और बचाव को लेकर सरकार की ओर से तैयारी के पूरे दावे किए जा रहे हैं. लेकिन सच्चाई क्या है?

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बार फिर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर कोरोना जांच टीम को सक्रिय कर देने का आदेश दिया गया है. इतना ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले यात्रियों का रेंडम टेस्ट करने का भी निर्देश स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया गया है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना जांच टीम को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया जाए. हमने सार्वजनिक स्थानों पर इसकी पड़ताल भी की और इसकी सच्चाई जाने का भी प्रयास किया.

पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर और बस स्टैंड का लिया गया जायजा
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कोरोना जांच टीम की सक्रियता की पड़ताल करने के लिए हमने पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल और बस स्टैंड को चुना. पड़ताल के दौरान हमने पाया कि पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर कोरोना जांच टीम सक्रिय थी. वहां उनका काउंटर भी लगा था जिस पर 3 लोग बैठे थे. लेकिन पटना जंक्शन के गेट नंबर 1,2 और 4 पर हमने किसी भी प्रकार की जांच टीम को मौजूद नहीं पाया.

इसके अलावा राजेंद्र नगर टर्मिनल पर कोरोना जांच टीम नदारद रही. राजेंद्र नगर टर्मिनल पर ना तो कोरोना जांच टीम का कोई काउंटर लगा था और ना ही किसी स्वास्थ्य विभाग के टीम की उपस्थिति थी. कुछ ऐसा ही हाल गांधी मैदान स्थित सरकारी बस स्टैंड का भी दिखा जहां न तो सरकारी विभाग का कोई व्यक्ति उपस्थित था और ना ही कोई काउंटर.

हमने कोरोना जांच टीम की सक्रियता को लेकर तथा सरकार के प्रबंध के विषय में पटना के सिविल सर्जन से बात की. उन्होंने हमें बताया कि

“बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी तैयारी है. स्टेशन, एयरपोर्ट पर कोरोना जांच टीम को पूरी तरह से तैनात कर दिया गया है. अस्पतालों में प्रतिदिन कोरोना की जांच की जा रही है. राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है."

केवल गेट नंबर 3 पर ही कोरोना जांच टीम मौजूद, विभाग पर उठते हैं कई सवाल

पटना जंक्शन में यात्रियों के बाहर आने और जाने के लिए कुल 4 मुख्य गेट हैं. लेकिन कोरोना जांच टीम केवल गेट नंबर 3 पर ही तैनात की गई है. ऐसे में सवाल उठना बेहद लाजमी है कि यात्री बाहर आने और अंदर जाने के लिए किसी भी गेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

खासकर गेट नंबर 1,3 और 4 पर यात्रियों का आवागमन सबसे ज्यादा रहता है. इस स्थिति में कोरोना जांच टीम की तैनाती पटना जंक्शन के सभी गेटों पर उतनी ही सक्रियता के साथ की जाने की आवश्यकता है.

बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के कार्यक्रम से शुरू हुआ संक्रमण का सिलसिला

बिहार में कोरोना का संक्रमण गया से शुरू हुआ. गया में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय केस हैं. इसके पीछे का कारण बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के दर्शन के लिए गया पहुंचे विदेशी सैलानियों को बताया जा रहा है. बीते दो दिनों में खासकर साल के शुरुआती 1और 2 जनवरी को बिहार के गया से कोरोना के मरीज मिले.

इनमें 2 जनवरी को 2 मरीज जबकि 3 जनवरी को तीन कोरोना मरीज मिले हैं. लगातार गया से आ रहे मामलों को लेकर गया जिला के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार जांच की जा रही है और तमाम तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.

गया के अलावा संक्रमण बिहार के अन्य जिलों में भी फैला

बिहार के गया में कोरोना का सबसे पहला मामला सामने आया था जिसके बाद लगातार कोरोना अपने पैर बिहार के अन्य जिलों में भी फैला चुका है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार गया में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस पाए गए हैं जिनकी संख्या 11 है. इसके अलावा पटना में दो, अरवल भागलपुर और दरभंगा में एक-एक केस सामने आया है.

ऐसे में कोरोना का खतरा इन 5 जिलों के अलावा और भी बढ़ सकता है. इस स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है तथा बिहार के सभी जिलों में कोरोना से होने वाले हर संभावित खतरे को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है.

पटना में सबसे तेजी से संक्रमण के फैलने का खतरा

भले कोरोना के मामले बिहार के गया से शुरू हुए हों लेकिन यदि पिछले वर्ष के कोरोना काल की रिपोर्ट को देखा जाए तो बिहार के सभी जिलों में से सबसे तेज संक्रमण पटना में फैलता दिखा है.

ऐसे में प्रदेश की राजधानी पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है. राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही पटना में संक्रमण को बढ़ने ना देने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी है.

बिहार के सभी अस्पतालों में कोरोना की जांच फिर से शुरू कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर को 30,873 कोविड टेस्ट किए गए जिनमें एक पॉजिटिव केस सामने आया. वहीं 1 जनवरी को 20,089 लोगों का कोविड-19 टेस्ट हुआ जिसमें दो केस सामने आए. जबकि 3 जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अब तक कोविड-19 के 16 एक्टिव केस हैं.

पटना में अब तक हुई है कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें

बिहार की राजधानी पटना को लेकर सरकार इसलिए भी अलर्ट मोड पर है क्योंकि अब तक कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें पटना में ही हुई है. ऐसे में पटना में संक्रमण ना बढ़े इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार अब तक बिहार में 8,51,400 पॉजिटिव केस सामने आए हैं जिसमें 12,302 लोगों की मृत्यु हुई है. मरने वालों की संख्या में सबसे ज्यादा लोग पटना के हैं. पटना में अब तक 2851 मौतें हुई हैं जबकि गया में 374, दरभंगा में 372, भागलपुर में 362 और अरवल में 110 मौतें कोरोना से हुई हैं.

संक्रमण रोकने के लिए लोगों को करना होगा नियमों का फिर से पालन

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए लोगों को इसका खास ध्यान रखना होगा कि सार्वजनिक स्थानों खासकर रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मंदिरों में और विद्यालयों जैसे स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग सहित मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर फिर से जोड़ दिए जाने की आवश्यकता है.

लोगों के बीच फिर से विज्ञापन और जनमाध्यम के द्वारा कोरोना के खतरे को लेकर जागरूक करने की आवश्यकता है. यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो कोरोना  के कहर से निकल पाना कठिन साबित हो जाएगा.

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