बेगूसराय: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन दो मुस्लिम बच्चियों का यौन शोषण, प्रशासन चुप

बेगूसराय में दो मुस्लिम बच्चियों का बलात्कार, स्कूल के प्रांगन में बच्चियों का किया गया बलात्कार. उसी गांव के हैं अपराधी.

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पल्लवी कुमारी
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बेगूसराय: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन दो मुस्लिम बच्चियों का यौन शोषण, प्रशासन चुप
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बुधवार शाम 8 मार्च को बिहार के बेगूसराय में दो मुस्लिम बच्चियों से दुष्कर्म का मामला सामने आया है. जिले के साहेबपुर कमाल प्रखंड की रहने वाली बच्ची छह साल की है. जबकि दूसरी बच्ची 10 साल की है जिसका चेहरा आरोपियों ने बुरी तरह जख्मी कर दिया है. दोनों बच्चियों का इलाज सदर अस्पताल बेगूसराय में किया जा रहा है.

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बेगूसराय सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह ने डेमोक्रेटिक चरखा से बातचीत में बताया कि

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बच्चियों को जब अस्पताल लाया गया था, तब उनकी हालत गंभीर थी. लेकिन प्रशासन द्वारा घटना की जानकारी हमें पहले ही दे दी गयी थी. इस कारण हमने सारी तैयारी पहले से ही करके रखी थी. अब बच्चियां पहले से काफ़ी बेहतर हैं.

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इस घटना में आरोपीत चार लोगों में से दो आरोपियों को घटना के दिन ही गिरफ़्तार कर लिया गया. जबकि दो आरोपी अभी तक पुलिस के गिरफ़्त से बाहर हैं. घटना आरोपित एक व्यक्ति गांव के ही पूर्व सरपंच का बेटा है और एक व्यक्ति पेशे से पत्रकार बताया जा रहा है.

कब और कहां हुई घटना

घटना गांव के ही राजकीयकृत मध्य विद्यालय में हुई है. बेगूसराय में दोनों बच्चियां गरीब मुस्लिम समुदाय से आती हैं. जो गांव में ही लोगों से खाना मांगकर अपना पेट भरते हैं. 8 मार्च जिस दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और होली जैसा त्योहार मनाया जा रहा था. उसी दोपहर शराब के नशे में धुत चार लोगों ने स्कूल परिसर में खेल रही बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.

8 मार्च की दोपहर बच्चियां स्कूल परिसर में लगे झूले पर झूलने गई थीं. जबकि चारों आरोपी पहले से स्कूल परिसर में मौजूद थे. आरोपित शराब के नशे में थे और बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार करने लगे. इस दौरान एक छोटी बच्ची अपना बचाव करते हुए वहां से भागने में सफल रही, जबकि दूसरी बच्ची वहां से भागने में नाकामयाब रही.

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बच्ची के मामा डेमोक्रेटिक चरखा से बातचीत में बताते हैं

नीतीश कुमार के द्वारा सभी स्कूलों में झूला लगाया गया है. बच्चों का मन झूला-झूलने का कभी भी कर सकता हैं. बच्चों को होली, दीवाली या ईद से ज्यादा खेलकूद में मन लगता है. बच्ची उस दिन भी झूला झूलने स्कूल में चली गई. जहां आरोपियों ने उनके साथ हैवानियत को अंजाम दिया.

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वे आगे बताते हैं

दोनों बच्चियों में से एक बच्ची थोड़ी समझदार थी और वहां से भागने में सफल रही. लेकिन एक बच्ची के साथ उनलोगों ने दुष्कर्म किया और जब बच्ची बेहोश हो गई तो आरोपी उन्हें स्कूल  के पास वाले गटर में डालने का प्रयास किया. तभी उनलोगों पर स्कूल परिसर से कुछ दूरी पर स्थित किराना दुकानदार की नज़र पड़ी और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया. जिसको सुनकर ग्रामीण जमा हुए और आरोपी बच्ची को वहां छोड़कर भाग गया.

इस मामले में परिवार ने चार युवकों सोहन कुमार (उर्फ़ छोटू महतो), बबलू कुमार, हरदेव कुमार और गोविन्द महतो को नामजद अभियुक्त बनाया है जिसमें से सोहन और बबलू की गिरफ़्तारी हो चुकी है. 

बाकि दो आरोपियों की जल्द हो गिरफ़्तारी

बच्ची के परिजनों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार करें. बच्ची के परिजन कहते हैं

अगर प्रशासन चाहे तो आरोपियों को तुरंत गिरफ़्तार कर सकती है. लेकिन क्या कारण है कि दो आरोपित अभी तक फरार हैं. आरोपी व्यक्ति दबंग और पैसे वाले लोग हैं. हम लोगों से परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग करते हैं. क्योंकि पीड़ित परिवार को केस लड़ने के लिए भी पैसे की ज़रूरत है.

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आरोपियों की गिरफ़्तारी अब तक क्यों नहीं हुई? इसपर जानकारी के लिए डेमोक्रेटिक चरखा ने साहेबपुर कमाल थाने के एसआई दिनेश कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि

फ़रार दो आरोपी अभी तक गिरफ़्तार नहीं किए जा सके हैं. आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं बच्चियों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.

वहीं इसपर ज्यादा जानकारी के लिए डेमोक्रेटिक चरखा ने एसपी कार्यालय में कॉल किया लेकिन उन्होंने हमारे कॉल का उत्तर नहीं दिया.

शराब और गांजा बेचनें का आरोप

आरोपित व्यक्तियों के ऊपर ग्रामीण शराब और गांजा बेचने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ये लोग बहुत दिनों से शराब और गांजा बेच रहे हैं.  

बच्ची के पिता डेमोक्रेटिक चरखा से बातचीत में बताते हैं

आरोपित व्यक्ति शराब और गांजा बेचता है और यह उनका पहला अपराध नहीं हैं. इससे पहले भी आरोपियों ने तीन और घटना को अंजाम दिया है जिसमें एक पीड़ित तो ख़ुद इनके परिवार का ही है.

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बच्ची के पिता आगे कहते हैं

बच्ची ने बहुत हिम्मत दिखाई और ज़ख्मी हालत में भी बाहर आकर लोगों को बताया की अंदर एक और बच्ची है. ग्रामीणों के प्रयास और एकजुटता से दो आरोपियों को पकड़ा गया है लेकिन प्रशासन अपनी वाह-वाही ले रहा है. अगर प्रशासन कुछ करती तो शराबबंदी के बावजूद आरोपित इतने दिनों से शराब कैसे बेच रहे होते. साथ ही बाकि दो लोग अब तक क्यों नहीं पकड़े गए हैं.

पीड़ित परिवार का कहना है इस घटना के बाद भी गांव में तनाव का माहौल नहीं है. लेकिन हमारी मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द बाकि दो आरोपियों को पकड़े और उन्हें फांसी की सज़ा दे.