बिहार पुलिस के लिए रविवार को आयोजित हुई परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. पटना के कंकड़बाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से पुलिस ने 6 लोगों को नकल करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए 5 लोगों के पास से मिली आंसर-की (answer key) प्रश्नपत्र (question paper) से मैच हुई है. 21,391 सिपाही पदों के लिए रविवार से शुरू हुई परीक्षा दो पालियों में ली जा रही है. इस परीक्षा में 5.95 लाख अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं.
परीक्षा के दौरान पटना, सारण, बक्सर, समस्तीपुर, जमुई, लखीसराय, बेगूसराय सहित एक दर्जन जिलों में 100 से अधिक अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 70 से अधिक स्कॉलर हैं जो अभ्यर्थियों के बदले परीक्षा दे रहें थे.
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) की ओर से एक अक्टूबर को राज्य के 529 केंद्रों पर परीक्षा की शुरुआत हुई है. वहीं रामकृष्णा नगर के भूपतिपुर के एक परीक्षा केंद्र से चार स्कॉलर पकड़े गए हैं.
परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्र
पेपर लीक से जुड़ी खबर सामने आने के बाद बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने जांच शुरू कर दिया है. पटना से जांच के लिए टीम को अलग-अलग जगह भेजा गया है. ADG नैयर हसनैन खान ने पेपर लीक मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
EOU की टीम पटना के साथ नवादा और उत्तर बिहार के उन जिलों में जांच कर रही है, जहां से पेपर लीक की बातें सामने आई है.
ADG का कहना है कि वो खुद उन रेंज के IG, DIG और जिलों के SP से सीधे कांटैक्ट में है. उन लोगों से इस बारे में रिपोर्ट भी मांगी गई है.
अभ्यर्थियों के पास से मिली आंसर-की प्रश्न पत्र से मिल रही है. हालांकि इसके बाद भी केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
जबकि छात्रों और छात्र नेताओं की मांग है कि 1 अक्टूबर को आयोजित हुई परीक्षा को रद्द किया जाएं. वहीं आगे 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा को भी रद्द किया जाए.
छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं “मीडिया और पुलिस के पास मौजूद आंसर-की और प्रश्नपत्र के मिलान से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है. परीक्षा से पहले ही आंसर व्हाट्स अप ग्रुप में वायरल था. 92 क्वेश्चन का आंसर हुबहू आया है. अब इस परीक्षा का कोई औचित्य नहीं रहा है. सरकार 1 अक्टूबर दोनों पालियों में हुई परीक्षा को भी रद्द करे और यह जांच करें की वे कौन लोग हैं जो परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक कर देते हैं.”
दिलीप आगे कहते हैं “7 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा भी स्थगित की जानी चहिए. क्योंकि जब पहले दिन की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक है तो बाकि दो दिनों के भी होंगे. ईमानदारी से तैयारी करके एग्जाम देने वालों का रिजल्ट कभी नहीं होगा. लेकिन जो पैसा दियें होंगें वे पास हो जाएंगे. जब तक सेंधमारी करने वाले ना पकड़े जाएं तब तक परीक्षा का आयोजन ना किया जाए.”
परीक्षा से पहले मिले थे पेपर लीक होने की आशंका
बिहार में एक अक्टूबर से होने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की तैयारी चल रही थी. बेगूसराय में परीक्षा से 3 दिन पहले पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से 33 वॉकी-टॉकी, वॉकी-टॉकी की डिवाइस, 16 ब्लूटूथ डिवाइस, 6 मोबाइल, सिपाही भर्ती परीक्षा का 136 प्रवेश पत्र और 2 लाख रुपए बरामद हुए थे.
इधर, छपरा के खुदाईबाग से पुलिस ने एक फॉर्च्यूनर गाड़ी से 10 वॉकी-टॉकी, 30 ब्लूटूथ, 2 मोबाइल, 28 एंटी जैमर, 55 वाच बैटरी, 4 हॉकी स्टिक, 30 केबल चार्जर बरामद किए थे. गाड़ी पर आबकारी विभाग की प्लेट लगी हुई थी.
ये दोनों कारवाई सहरसा पुलिस द्वारा 26 सितंबर को गिरफ्तार किये गये 3 सेटर्स की निशानदेही पर हुईं है.
जमुई में भी फर्जीवाड़े की तैयारी कर रहे 7 मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया था. इनके पास से 12 अभ्यर्थियों की जानकारी भी मिली जिन्हें परीक्षा पास कराने के लिए डिवाइस मुहैया कराई गई थी.
बेगूसराय से मास्टरमाइंड समेत 5 गिरफ्तार
बेगूसराय के छौड़ाही का एकम्बा निवासी सुनील कुमार, अभ्यर्थी गुलशन कुमार, रामबाबू कुमार, अभय कुमार और बिट्टु कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जबकि विवेक मौके से फरार हो गया.
सुनील और विवेक छौड़ाही में सिपाही भर्ती के लिए ‘इंडियन फिजिकल अकादमी’ नाम से कोचिंग संस्थान चलाते हैं. सुनील परीक्षा पास कराने की बदले में एक परीक्षार्थी से 60 हज़ार एडवांस और उसका शैक्षणिक प्रमाणपत्र ले लेता है. परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी 5 से 6 लाख रुपया और देता है जिसके बाद प्रमाणपत्र लौटा दिया जाता है.
सुनील और विवेक ही बेगूसराय और सहरसा में पकड़े गए गिरोह के मास्टरमाइंड हैं. जांच में पता चला कि गिरोह ब्लूटूथ लगी चप्पल और वॉकीटॉकी की मदद से फर्जीवाड़े की तैयारी में था. वहीं जिन 136 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मौके से बरामद हुए हैं पुलिस उनकी गिरफ़्तारी में जुट गई है.
एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि “जिन 136 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल पुलिस टीम बनाई गई है.”
एसपी योगेंद्र कुमार ने आगे बताया कि “बेगूसराय जिले में काफी संख्या में बच्चे विभिन्न परीक्षा की तैयारी करते हैं. चाहे वह बिहार पुलिस की तैयरी हो, आर्मी की हो या फिर पैरा मिलिट्री की परीक्षा हो, जिसकी फिजिकल तैयारी के लिए बच्चे विभिन्न जगहों पर दौड़ते हैं. उन सभी जगहों पर ये गैंग नजर रखती है और बच्चे को अपने झांसे में फंसा लेती है. फिर अपने कोचिंग में एडमिशन करवा लेते हैं. ये संस्थान छौड़ाही थाना क्षेत्र के एकंबा में संचालित है."
ब्लूटूथ और माइक्रो ईयरपीस के सहारे नकल करवाने की तैयारी
अलग-अलग जिलों से पकड़े गयें गिरोह से बरामद किये गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस परीक्षा में फर्जीवाड़े के लिए उपयोग होने वाले थे. इसमें प्रमुख रूप से चप्पल में फिट होने वाले ब्लूटूथ और कान में फिट होने वाले मक्खी (माइक्रो ईयरपीस) डिवाइस शामिल हैं. इस डिवाइस की रेंज 500 मीटर रहती है. नकल करने वाले अभ्यर्थी को बाहर, 500 मीटर की दूरी पर बैठे सॉल्वर के द्वारा आंसर बताई जाती है.
पटना के बाकरगंज में भी यह डिवाइस उपलब्ध है जिसकी कीमत 10 हज़ार है. लेकिन पकड़े गये अधिकांश सॉल्वरों ने इसे दिल्ली से मंगवाया था जहां इसकी कीमत 3 हज़ार से 5 हज़ार के बीच है.
पटना में बैठकर गिरोह अलग-अलग जिलों में डिवाइस उपलब्ध करा रही थी. बेगूसराय में विवेक और सुनील को पटना के प्रमोद ने डिवाइस उपलब्ध कराई थी. वहीं सहरसा के जालसाजों को खगड़िया के राजन ने डिवाइस दी. गया का गौरव, छपरा का भूषण, आरा का पिंटू, पटना का अभिषेक उर्फ मेंटल, अश्विनी सहित कुछ अन्य परीक्षा माफियाओं ने फर्जीवाड़े की साजिश रची थी.
इधर, द्वारिका कॉलेज में गिरफ्तार रवि रंजन कुमार, रजनीश रौशन कुमार, अरविंद कुमार, कुमार, मनु कुमार, विमल कुमार के खिलाफ केंद्राधीक्षक के लिखित आवेदन पर कंकड़बाग थाना में केस दर्ज किया गया है.
थानेदार रविशंकर सिंह के अनुसार “परीक्षार्थियों के पास से आंसर-की बरामद की गई है. केंद्राधीक्षक ने इन सभी परीक्षार्थियों का ओएमआर शीट और प्रश्नपत्र पुलिस के हवाले किया है. अब पुलिस इसकी जांच करेगी.”
मुंगेर में भी नकल करते पकड़ायें अभ्यर्थी
मुंगेर में भी सिपाही भर्ती परीक्षा की पहली शिफ्ट में नकल करते 3 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया. ये सभी इलेक्टॉनिक डिवाइस की मदद से परीक्षा में नकल कर रहे थे. वहीं पकड़े गए परीक्षार्थियों की निशानदेही पर बाहर बैठकर मदद करने वाले 4 सहयोगियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
सदर एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि “मॉडल उच्च विद्यालय, जिला स्कूल और उपेंद्र ट्रेनिंग एकेडमी से 1-1 परीक्षार्थी को कदाचार करते इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सेट के साथ पकड़ा गया. पुलिस ने 4 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सेट, 3 वॉकी टॉकी, 2 वॉकी टॉकी चार्जर, 5 मोबाइल, 1 स्कॉर्पियो गाड़ी, 1 बाइक जब्त की है.”
सिपाही भर्ती के लिए 1 अक्टूबर, 7 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को लिखित परीक्षा होनी है. वहीं शारीरिक परीक्षा बारिश का मौसम खत्म होने के बाद लिया जाएगा.