पिछली बार BPSC के मेरिट लिस्ट में नहीं आ सका था। इसलिए इस बार आशा थीं कि, ‘आ जाउंगा’। पापा लॉकडाउन के बाद से ही घर बुला रहे हैं बिजनेस करने के लिए गांव में। शादी की उम्र भी होती जा रही है। इस सबके बावजूद ये सब देखकर बची-खुची उम्मीद भी खत्म हो रही है।
बिहार के भागलपुर जिला के भ्रमरपुर गांव के 35 वर्षीय अमन झा डेमोक्रेटिक चरखा बताते हैं।
अमन की तरह ही बिहार के कितने छात्रों का सपना एक बार फिर सुशासन के तले चकनाचूर हो चुका है। बेरोज़गारी से त्रस्त बिहार में इस बार 67वीं बिहार लोकसेवा आयोग BPSC का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समय से पहले ही BPSC के सारे प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसके बाद सरकार के द्वारा एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। जिन्हें 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। लेकिन समिति ने महज तीन घंटे में ही रिपोर्ट सौंप कर परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश कर दी।
इस घटना के बाद पूरे बिहार में BPSC की तैयारी करने वाले छह लाख छात्रों को सरकार पर भरोसा उठ गया है। कई ऐसे छात्र भी परीक्षा देने आए थें, जिनके लिए घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर पेपर देने जाने किसी चुनौती से कम नहीं था।
BPSC ने 67वीं संयुक्त परीक्षा के लिए सितंबर, 2021 में कुल 802 पदों के लिए आवेदन निकाला था। इस परीक्षा के लिए रिकॉर्ड स्तर पर छह लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। आयोग के अनुसार, राज्य के 38 ज़िलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिसमें 802 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। अधिकांश छात्र समय से पहले परीक्षा केंद्र पर आ चुके थे। तभी सोशल मीडिया पर अचानक BPSC पेपर लिक की खबरें चलने लगी।
मामले में दर्ज हुए एफआईआर के मुताबिक किसी शख्स ने बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार को 11 बजकर 43 मिनट पर वॉट्सऐप पर ‘लीक हुए पेपर’ भेजे थे। इसके साथ ही परीक्षा शुरू होने के मात्र दस मिनट बाद यानी बारह बजकर दस मिनट पर बिहार लोक सेवा आयोग को इस बात की पुष्टि हो गई कि BPSC का पेपर असल में लीक हो गया है।
परिवार वालों से लड़कर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही हूं। अक्सर घर वाले याद दिलाते हैं कि उनकी शादी की उम्र निकली जा रही है। ऐसी परिस्थिति में अगर परीक्षा समय से न हो और फिर पेपर लीक हो जाए तो भरोसा टूट जाता है। BPSC जैसी परीक्षाओं का पर्चा लीक होना तो और भी भरोसा तोड़ देता हैं कि बांकि परिक्षाओं में तो और भी भ्रष्टाचार होगा।
29 वर्ष की सहरसा की प्रज्ञा दूसरी बार बीपीएससी की परीक्षा में बैठी है।
पटना के पुनाईचक एरिया के पोस्ट ऑफिस गली में स्थित गोपाल भवन नाम का एक लॉज है। इस लॉज में 20 कमरे हैं। जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र रहते हैं। कमरे इतने छोटे हैं कि एक फोल्डिंग और टेबल लगाने के बाद खाना बनाने की जगह मुश्किल से बचती है। इस बार इस लॉज से 24 लड़के ने BPSC का फॉर्म भरा था।
इस लॉज में रह रहे सहरसा जिला के बनगांव पंचायत के आशीष ठाकुर बताते हैं कि,
नौकरी नहीं मिलने की वजह से आसपास वालों का भी ताना सुनना पड़ता है। सरकारें इतने कम फार्म निकाल रही हैं। उसके बाद पर्चा लीक और घोटाले की खबरें सरकारी नौकरी की आस खत्म कर चुकीं है। फार्म भरने के बाद कोई खबर नहीं आती। छात्र आंदोलन करते हैं तो प्री परीक्षाएं होती हैं फिर उसके रिजल्ट का इंतजार। फिर हंगामे-शोर शराबे के बाद उस रिजल्ट आएग। इस तरह कई वर्ष निकल जाते हैं। हमारी जिंदगी का बड़ा समय ऐसे ही दड़बेनुमा कमरों में निकल जाता है।
राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि बेरोज़गारी की वजह से 2018 से 2020 तक 9,140 लोगों ने आत्महत्या की है। 2014 की तुलना में 2020 में बेरोज़गारी की वजह से आत्महत्या के मामलों में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
“ऐसी स्थिति बनी रहेगी तो आत्महत्या के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है। ना पूंजी इतना हैं कि बिजनेस कर सकता हूं। न जमीन की खेती। और बिना पैरवी के प्राइवेट जॉब भी संभव नहीं है।” धीरे आवाज में भरी आवाज लिए समस्तीपुर के अनुज बताते हैं।
सुपौल के एकमा पंचायत के प्रवीण कुमार झा तीसरी बार बीपीएससी परीक्षा में बैठे थे। प्रवीण ने बताया कि, ” परीक्षा सेंटर तक पहुँचने के लिए ट्रेनों से लेकर बसों तक में मारा-मारी, गर्मी से अलग लड़ाई और फिर पैसे का संघर्ष। पेपर भी बढ़िया गया था तो विश्वास था कि इस बार पीटी में पास कर जाऊंगा। इस सबके बावजूद परीक्षा देकर लौट रहा था कि पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई। कुछ समझ नहीं आ रहा था। आखिरकार इंतजार के अलावा हमारे पास कोई चारा भी तो नहीं है। अब परीक्षा की अगली तारीख का इंतजार कर रहा हूं।”
भागलपुर में बीपीएससी की तैयारी करवा रहे सोनू शर्मा आशा भरी शब्दों से डेमोक्रेटिक चरखा को बताते है
रात भर रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहें बच्चे को जब पता चलता है कि सिस्टम में बैठे कुछ पदाधिकारियों और रसूखदार लोगों अपने चंद चहेते परीक्षार्थियों के लिए पेपर लीक कर दिया। उस वक्त की स्थिति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। नीतीश कुमार को चाहिए कि जीरो टॉलरेंस नीति का परिचय देते हुए सीबीआई जांच कराएं ताकि सिस्टम को खोखला कर लाखों ज़िन्दगियों के साथ खिलवाड़ करने वालों पर लगाम लग सके।
बीपीएससी पर्चा लीक मामले में सबसे ज्यादा सुर्खियों में आरा रहा। आरा ज़िले के कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने गए हैप्पी सिंह बताते हैं कि, “हम लोगों को 12:30 तक पेपर नहीं मिला था। शिक्षक कुछ तकनीकी परेशानी बता रहे थे। तभी कुछ छात्रों ने देखा कि दो हॉल में लड़के परीक्षा दे रहे हैं। जिसके बाद सभी वीडियो बनाने लगे। परीक्षा स्थल पर डीएम तक को आना पड़ा। सीसीटीवी फुटेज भी नहीं था। पूरा परीक्षा ही लगाता फिक्स है।”
इस घटना के होने के बाद छात्रों की प्रमुख मांग रही है कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए। छात्रों का कहना है कि इस घटना की अगर सख्ती से जांच करके कारवाई नहीं की गयी तो भविष्य में भी ऐसी घटना हो सकती है। ‘युवा हल्ला बोल’ अध्यक्ष अनुपम कहते हैं
“बिना सरकार के मदद से बीपीएससी जैसी परीक्षा का पेपर लीक करवाने की हिम्मत कोई कैसे कर सकता है। नीतीश सरकार जल्द से जल्द अगर CBI जाँच अगर नहीं करवाते हैं तो स्पष्ट हो जाएगा कि सुशासन बाबू की सरकार ने ही पेपर लीक करवाया है।”
पटना के फेमस टीचर गुरु रहमान बताते हैं कि
बीपीएससी पर्चा लीक बिहार के मुंह पर करारा तमाचा है। 73 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। शिक्षा माफिया शिक्षा पर हावी हो गया है। जिसने भी गलती की है, उसपर कठोर कार्रवाई हो। बिहार की नाक आज कट गई।
छात्रों को उम्मीद है कि बिहार में फिर से कोई जेपी उनकी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेगा। पटना के पोस्टल पार्क एरिया में जनरल कंपटीशन का तैयारी कर रहा 25 वर्षीय विपुल कहता हैं कि, “हर बार की तरह विपक्ष सिर्फ मीडिया के सामने बोलेगा। फिर हमलोग अगले तारीख का इंतजार करेंगे। कुछ नहीं होने वाला है शिक्षा व्यवस्था का। अब बिहार में कोई राजनेता जयप्रकाश नारायण की तरह सड़क पर उतरने को तैयार नहीं है।”
BPSC पेपर लीक को लेकर बिहार की राजनीति भी गर्म है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हैं
सिस्टम में कोई न कोई आदमी बैठा है, जो बार-बार इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है। अभ्यर्थियों को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलना चाहिए। इस नए बिहार में बिहार के नौजवानों के भविष्य बर्बाद होने की कोई चिंता नहीं है।
बिहार सरकार अभी BPSC पेपर लीक को लेकर एक नामी आईएएस अधिकारी से पूछ-ताछ कर रही है। लेकिन इस पेपर लीक की वजह से लाखों नौजवानों का भविष्य खराब हो गया है।