वर्ष 2022-23 में शिक्षा मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 1.04 लाख करोड़ रूपए था. जबकि इस वर्ष 8% की मामूली बढ़ोतरी के साथ 1.12 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2023-24 का बजट 1 फ़रवरी को संसद में पेश किया. ये बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था. बजट में वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं. खासकर मिडिल क्लास को खासी राहत दी गई है. लेकिन इस बजट में शिक्षा के लिए क्या है?
वर्ष 2022-23 में शिक्षा मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 1.04 लाख करोड़ रूपए था. जबकि इस वर्ष 8% की मामूली बढ़ोतरी के साथ 1.12 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें से स्कूल शिक्षा विभाग को 68,804 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा विभाग को 44,094 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
सीतारमण ने वर्ष 2019 के बजट में शिक्षा के लिए 94,855 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे. वर्ष 2020 में 4.6% बढ़ोतरी के साथ शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. 2021 में, शिक्षा मंत्रालय को 93,224 करोड़ रुपये और 2022 में 1.04 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था.
शिक्षा मंत्रालय की सबसे बड़ी स्कूली शिक्षा योजना, सर्व शिक्षा अभियान को लगभग पिछले वर्ष की समान राशि आवंटित की गई है. वर्ष 2022-23 में लगभग 37,383 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि इस साल 37,453.47 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है.
पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट, चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट और अन्य स्रोतों को इन भौतिक पुस्तकालयों को क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी में किताबें और अन्य सामग्री प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी ताकि सभी भौगोलिक क्षेत्रों, भाषाओं की शैलियों और स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके. राज्यों से उनके लिए पंचायत और सभी स्तरों पर भौतिक पुस्तकालय स्थापित करने का आग्रह किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुँचने के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा सके.
अपने बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बच्चों और किशोरों के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की घोषणा की. इस तरह की लाइब्रेरी की घोषणा वर्ष 2018 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी किया था.
सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि शिक्षकों के प्रशिक्षण को नवीन शिक्षाशास्त्र, पाठ्यक्रम संचालन, निरंतर व्यावसायिक विकास डिपस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से फिर से लागू किया जाएगा.
चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे और चिकित्सा उपकरणों में प्रशिक्षण के लिए नए कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में, केंद्र 740 मॉडल एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती करेगा, जो 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को बेहतर आधुनिक शिक्षा देंगें.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को 4,900 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के मुकाबले 5,350 करोड़ रुपये का आवंटन मिलता है.
इसके अलावा शीर्ष शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने कहा,
अग्रणी उद्योग के खिलाड़ी कृषि, स्वास्थ्य, टिकाऊ शहरों के क्षेत्रों में अंतःविषय अनुसंधान करने, अत्याधुनिक अनुप्रयोगों और मापनीय समस्या समाधान विकसित करने में भागीदार होंगे.
इस वर्ष के बजट घोषणा में पीएम श्री स्कूलों के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं. पीएम श्री स्चूलों की घोषणा पिछले साल के बजट भाषण में की गई थी, लेकिन उस वर्ष उस मद में पैसा आवंटित नहीं किया गया था.
पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया या पीएम श्री के तहत, 14,500 स्कूलों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के घटकों को प्रदर्शित करने के लिए अपग्रेड किए जाने की उम्मीद है.
पीएम पोषण शक्ति निर्माण (जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना के रूप में जाना जाता था) यानि ‘मिड डे मील’ योजना को 11,600 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है.
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) को 9,661.50 करोड़ रूपए और एनआईटी (NIT) और आईआईईएसटी (IIAST) को 4,620 करोड़ रूपए का आवंटन दिया गया है.
उच्च शिक्षा के लिए बजट में 44,094 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं जिसमें पीएम उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन (पीएम-यूएसपी) योजना के लिए 1,554 करोड़ रुपये और पीएम रिसर्च फेलोशिप के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
स्कूली शिक्षा के लिए पिछले वर्ष 2022-23 के 59052.78 करोड़ रुपये दिए गए थे जिसे इस वर्ष बढ़ाकर 68,804 करोड़ रुपये का दिया गया है.
‘मेक एआई इन इंडिया’ और ‘मेक एआई वर्क फॉर इंडिया’ के विजन को साकार करने के लिए शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
इंजीनियरिंग संस्थान में 5जी सेवाओं का उपयोग कर नए एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब स्थापित करने का भी नियम बनाया गया है. साथ ही शीर्ष शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे. अवसरों की नई श्रृंखला, व्यवसाय मॉडल और रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लासरूम, सटीक खेती, परिवहन प्रणाली और स्वास्थ्य देखभाल जैसे अनुप्रयोगों को कवर करेंगी.
आईसीएमआर लैब में कुछ चुनिंदा सुविधाएं बाहरी लोगों के रिसर्च के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. मौजूदा चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों के लिए समर्पित बहु-विषयक पाठ्यक्रम का संचालन किया जाएगा.
देश के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारतीय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा
युवाओं को सशक्त बनाने के लिए हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की है जिसका दायरा व्यापक है, लेकिन हमारा एक फोकस नौकरी प्रशिक्षण है. पीएम कौशल विकास योजना 4.0 के तहत उद्योग साझेदारी और उद्योग की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रमों के निर्माण पर जोर दिया जाएगा. इस योजना में उद्योग 4.0 के लिए कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स आईओटी, 3डी प्रिंटिंग ड्रोन और अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल युवाओं को अन्य सॉफ्ट कौशल जैसे नए युग के पाठ्यक्रम भी शामिल होंगे जिसके लिए विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारतीय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
स्किलिंग के लिए डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत ‘स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म’ के लॉन्च के साथ और विस्तारित किया जाएगा ताकि मांग आधारित औपचारिक स्किलिंग को सक्षम बनाया जा सके. जिससे आगे चलकर उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सहित नियोक्ताओं के साथ जोड़ा जा सके और उद्यमिता योजना तक पहुंच को सुगम बनाया जा सके.
3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को छात्रवृत्ति (Scholarship) सहायता प्रदान करने के लिए, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा. पैन इंडिया नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा.
मिशन कर्म योगी के तहत केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों सरकारी कर्मचारियों के कौशल को उन्नत करने और जन केंद्रित दृष्टिकोण को सुविधाजनक बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच भी लॉन्च किया जाएगा.
अनुग्रह नारायण कॉलेज में इकॉनोमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर अभिषेक दत्ता कहते हैं
इस वर्ष के बजट का फोकस युवाओं को बेहतर रोजगार के लिए कौशल विकास, आदिवासी छात्रों के लिए शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, प्रौद्योगिकी अनुसंधान और विकास तथा शिक्षक प्रशिक्षण पर है. नए बजट में शिक्षा के मोर्चे पर एक नई घोषणा देखी गई है. शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता के तीन केंद्रों की स्थापना करने की घोषणा की गई है. यह अंतःविषय अनुसंधान करने साथ ही कृषि, स्वास्थ्य और विभिन्न समस्याओं के समाधान में एक प्रभावी एआई पारिस्थितिकी तंत्र को प्रेरित करेगा और इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों का पोषण करेगा.