ऐसा लगता है कुछ नया करने का भाजपा और मोदी सरकार कोई चाह ही नहीं रखती है। बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 100 सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी पर अपनी बात के अनुसार कुछ नया करने के बजाए केंद्र सरकार जवाहर नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूल में कन्वर्ट करने का विचार कर रही है।

केंद्र सरकार की ये प्रक्रियाएं जल्द ही आरंभ भी होने वाली है और इसी कारण से भोपाल, सीहोर, कटनी समेत छत्तीसगढ़ के रायपुर और ओडिशा के बालासोर के जवाहर नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूल में बदलने की सरकार द्वारा कोशिशें चल रही हैं। सरकार की ओर से इस कार्य के लिए मैपिंग का कार्य भी जल्द ही आरंभ होगा।
शिक्षा के लिए देश के सर्वोत्तम संस्थानों में गिने जाते हैं जवाहर नवोदय विद्यालय

हम आपको बता दें कि ऐसा होने के बाद से इन जिलों के नवोदय स्कूलों को सैनिक स्कूल के नाम से कन्वर्ट किया जाने वाला है।
26 फरवरी को नवोदय विद्यालय समिति के डिप्टी कमिश्नर को रक्षा मंत्रालय द्वारा इस बारे में पत्र भेजा गया था। जानकारी के अनुसार भोपाल सीहोर, कटनी सहित छत्तीसगढ़ के रायपुर व ओडिशा के बालासोर में जवाहर नवोदय विद्यालय को सैनिक स्कूल बनाने का जिक्र उठाया गया है।
देश में माध्यमिक से लेकर इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में जवाहर नवोदय विद्यालय 27 राज्यों एवं 8 संघ शासित राज्यों में संचालित हैं। नवोदय विद्यालय के सैनिक स्कूल में तब्दील होने से इसमें पढ़ने वाले सभी छात्रों को नेशनल डिफेंस अकादमी की परीक्षा देनी होगी।
सरकार को नए सैनिक स्कूल की स्थापना करनी चाहिए ना कि नवोदय विद्यालयों को तब्दील

जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों के छात्रों का होता है। इन विद्यालयों में ग्रामीण छात्रों के लिए कम से कम 75% सीटें उपलब्ध रहती हैं।
हर नवोदय विद्यालय एक सह-शैक्षणिक आवासीय संस्थान है जो छात्रों को फ्री बोर्डिंग और लॉजिंग, स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी, और रेल, बस किराया प्रदान करता है। लेकिन अब ऐसा लग रहा जैसे सरकार देश के श्रेष्ठ संरचना को नष्ट करने के पीछे पड़ गई है।
जवाहर नवोदय विद्यालयों के सैनिक स्कूल में तब्दील होने से नवोदय स्कूलों में सीटों की कटौती होगी।इतना ही नहीं अभी नवोदय स्कूलों में बेटियों के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हैं और सैनिक स्कूल में 10 फीसदी है। शायद अब बेटियों के आगे बढ़ाने की योजना भी थम जाएगी।
दरअसल केंद्र सरकार को नवोदय विद्यालय को सैनिक स्कूल में तब्दील करने की बजाय नए सैनिक स्कूलों को खोलने चाहिए। कारण देश को और ज्यादा नवोदय विद्यालयों एवं सैनिक स्कूल की आवश्यकता है।इन दोनों मॉडल की अपनी-अपनी विशेषता है जिसे बदला या ठुकराया नहीं जा सकता है।
केंद्र सरकार को अपने वादों के अनुसार काम करना चाहिए और नए सैनिक स्कूल की स्थापना करनी चाहिए, ना कि नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूल में बदल देना चाहिए।