CTET बहाली: क्यों बिहार में शिक्षकों की भर्ती रोक रही है बिहार सरकार ?

बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए अगले हफ़्ते तक वैकेंसी निकाले जाने की संभावना है. 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों

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पल्लवी कुमारी
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CTET बहाली: क्यों बिहार में शिक्षकों की भर्ती रोक रही है बिहार सरकार ?

बिहार में शिक्षकों की भर्ती के लिए अगले हफ़्ते तक वैकेंसी निकाले जाने की संभावना है. 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को बीपीएससी (BPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना है. शिक्षकों की भर्ती कक्षा 1 से 12 तक के लिए किया जाएगा.

बिहार में शिक्षकों की भर्ती

इसमें प्राइमरी कक्षा (1 से 5वीं) में 79,943, सेकेंडरी कक्षा में (9वीं और 10वीं) 32,916 और हायर सेकेंडरी यानि उच्च माध्यमिक कक्षा में (11वीं और 12वीं) 57,602 शिक्षक बहाल किए जायेंगे. इस भर्ती प्रक्रिया में मिडिल क्लास (6 से 8वीं) के लिए नियुक्ति संख्या निर्धारित नहीं किया गया है. साथ ही इसके लिए वैकेंसी भी नहीं निकाली जायेगी.

बिहार में शिक्षकों की भर्ती में CTET पास अभ्यर्थी निराशा       

आरा के रहने वाले विवेक कुमार दिसंबर 2022 में हुई सीटेट परीक्षा में पास हुए हैं. 6 से 8 कक्षा में केवल 1,745 रिक्तियां निकाले जाने पर कहते हैं,

मैं क्लास 1 से 8 तक के लिए सीटेट क्वालीफाई हूं. पर मेरा ज़्यादा फोकस क्लास 6 से 8 पर है. क्योंकि कोई भी छात्र जो किसी एक सब्जेक्ट (विषय) में ग्रेजुएट है वो ग्रेजुएशन में पढ़े सब्जेक्ट को ही पढ़ना चाहता है. स्नातक और बीएड क्वालिफाइड छात्र, जो किसी कारण से मास्टर की डिग्री नहीं ले पाए या एसटेट की परीक्षा नहीं पास हैं, वो 6 से 8 क्लास के बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं.

हालांकि कम पोस्ट निकाले जाने पर विवेक कहते हैं,

अब जितना पोस्ट निकाला जाए चाहे वो 1500 ही क्यों न हो हमें तो फाइट करना ही है. क्योंकि हमें तो एक ही सीट चाहिए.

आरा की रहने वाली दिव्या सिन्हा इंग्लिश में स्नातक हैं. और 2022 में बीएड पास किया है. दिव्या दिसंबर 2022 में हुई सीटेट परीक्षा में सफ़ल हुईं थी. और शिक्षक बनने की राह देख रहीं थी. लेकिन नई नियमावली के कारण शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी द्वारा आयोजित एक अन्य परीक्षा पास करना अब आवश्यक हो गया है.

दिव्या कहतीं हैं,

सीटेट पास करने के बाद लगा था. अब टीचर बन जाउंगी. क्योंकि मैं क्लास 1 से 8 तक के लिए क्वालीफाई हूं. लेकिन अब लग रहा है. जैसे मेरा सारा मेहनत बेकार हो गया है. क्योंकि पहले पेपर (Paper 1) के मुकाबले दूसरे पेपर (Paper 2) में मेहनत (effort) ज़्यादा लगता है. दूसरा पेपर क्लास 6 से 8 के लिए लिया जाता है. ऐसे में वैसे स्टूडेंट जिन्होंने 6 से 8 के लिए मेहनत किया है, उन्हें परेशानी तो होगी.

बिहार में शिक्षकों की भर्ती
(दिव्या सिन्हा ने इस भर्ती के लिए काफी तैयारी की थी)

"उलझाकर कर रखना चाहती है सरकार"- दिलीप कुमार

शिक्षक भर्ती में 6 से 8 के लिए वैकेंसी नहीं निकाले जाने पर छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं,

जो छात्र सीटेट में केवल 6 से 8 के लिए क्वालीफाई है. वो तो इस बहाली प्रक्रिया से वंचित रह जाएंगे. क्योंकि ये छात्र न तो 1 से 5 और न ही 10 से 12 के लिए आवेदन दे सकते हैं. ऐसे में इन छात्रों के साथ तो नाइंसाफी होगी.

दिलीप आगे कहते हैं

विभाग का कहना है, कि 6 से 8 कक्षा को प्रोनत्ति से भरेंगें. लेकिन सरकार के इस तर्क में घालमेल है. क्योंकि पहले से नियोजित शिक्षकों की भी परीक्षा होगी. क्योंकि उनकी योग्यता पर सरकार को विश्वास नहीं है. दूसरी बात जब नियोजित शिक्षक इस नई परीक्षा को पास करेंगे. तो वे भी नई बहाली प्रक्रिया में आ जाएंगे. ऐसे में किन शिक्षकों की प्रोनत्ति करने की बात सरकार कर रही है? साथ ही अभी परीक्षा पास होकर कक्षा 1 से 5 में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की पदोनत्ति भी तुरंत नहीं होने वाला है. ऐसे में 6 से 8 कक्षा में तो सीट ख़ाली ही रहेगा.

बिहार में शिक्षकों की भर्ती
(मीडिया से बात करते छात्र नेता दिलीप कुमार)

कक्षा 6 से 8 में शिक्षक बनने की योग्यता रखने वाले छात्रों की संख्या लगभग 70 से 80 हजार है. वहीं इस कक्षा के लिए करीब दो साल पहले 35 हजार रिक्त पदों की जानकारी जिलों द्वारा दी गयी थी. जबकि अभी हाल में रिक्त पदों की जानकारी विभाग ने नहीं मंगाई है.

कक्षा 6 से 8 के लिए शिक्षा विभाग ने 1,745 रिक्ति निर्धारित किया था. सरकार का कहना है, कि कक्षा 1 से 5 तक में पढ़ाने वाले कई शिक्षक स्नातक कर चुके हैं. साथ ही वो कक्षा 6 से 8 में पढ़ाने की अहर्ता/योग्यता रखते हैं. लेकिन साल 2007 के बाद से ही ऐसे शिक्षकों को पदोनत्ति नहीं मिली है. ऐसे में शिक्षा विभाग पहले इन्हीं शिक्षकों की पदोनत्ति से कक्षा 6 से 8 की रिक्तियों को भरेगा.

दोनों पेपर के लिए लगता है ज़्यादा शुल्क

सीटेट का फॉर्म साल में दो बार आता है, और इसमें छात्रों को दो पेपर के लिए आवेदन मांगा जाता है. पहला पेपर 1 से 5 और दूसरा पेपर 6 से 8 के लिए लिया जाता है. जो छात्र दोनों पेपर के लिए आवेदन करना चाहते हैं. उन्हें ज़्यादा शुल्क देना पड़ता है. एक पेपर के लिए सामान्य छात्र को 1000 और दोनों पेपर के लिए 1200 का भुगतान करना पड़ता है.

बिहार में शिक्षकों की भर्ती

पटना के रहने वाले आदित्य कुमार बीएड और सीटेट पास हैं. लेकिन शिक्षक भर्ती में 6 से 8 के लिए कम वैकेंसी निकाले जाने से दुखी हैं. आदित्य कुमार डेमोक्रेटिक चरखा की टीम से बात करते हुए बताते हैं-

अभ्यर्थी तैयारी दोनों पेपर के लिए करता है, और दोनों पेपर के लिए फॉर्म भी भरता है. इसके लिए उसको ज़्यादा शुल्क भी भरना पड़ता है. ग्रेजुएट छात्र 6 से 8 के साथ-साथ 1 से 5 के लिए भी फॉर्म भरता है. लेकिन उसका ज़्यादा ध्यान 6 से 8 क्लास के लिए होता है. जब सीटेट छात्रों को दोनों पेपर में आवेदन देने का मौका देता है. तो राज्य सरकार बहाली में कैसे भेदभाव कर सकती है?

प्राथमिक विद्यालयों में बहाल होंगे उर्दू और बांग्ला के शिक्षक

प्राथमिक विद्यालयों में 79,943 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. इस नियुक्ति में 12,792 उर्दू और 148 बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. जबकि इसमें सामान्य शिक्षकों की संख्या 67,066 होगी. वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्त होने वाले सभी शिक्षक सामान्य होंगे. या उनमें भी बांग्ला और उर्दू के शिक्षक सम्मिलित होंगे यह स्पष्ट नहीं किया गया है.

वहीं प्राथमिक विद्यालयों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया जाएगा. प्राथमिक विद्यालयों के 79,943 पदों के आधे पद पर महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक पदों पर 35% आरक्षण महिलाओं के लिए है. मेधा निर्माण भी आरक्षण नियमावली के तहत ही किया जाएगा.

परीक्षा में सफ़ल होने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 40%, पिछड़ा वर्ग को 36.4%, अति पिछड़ा वर्ग को 34% एवं अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग और महिला उम्मीदवार को न्यूनतम 32% अंक प्राप्त करने होंगे.

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