गौहर जान: भारत की पहली महिला सिंगर जिनकी आवाज हुई रिकॉर्ड, फीस के तौर पर लेती थीं 3 हजार रुपए

एक 13 साल की छोटी लड़की ने अपने सबसे गहरे दुख से उभरने के लिए संगीत का साथ लिया. वह संगीत में इतनी रम गई कि अपने साथ हुए बलात्कार के दर्द को कहीं दबा दिया.

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गौहर जान

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माना जाता है कि कला हर दुख दर्द से उबर का एक अच्छा माध्यम है. कला में डूबे हुए लोग अपनी समस्या को भूलकर कला की दुनिया में खुशियां ढूंढ लेते हैं. मन की शांति के लिए संगीत सुनना गुनगुनाना काफी अच्छा माना जाता है. समय के साथ संगीत कला ने अलग-अलग रूप तैयार किए हैं. आज के समय गायकी को रिकॉर्ड करना बेहद आसान है. यह सुविधा हर हाथ में पहुंच चुकी है, मगर तकरीबन 100 साल पहले गाने की रिकॉर्डिंग करना बड़ी बात थी. भारत की सुपरस्टार सिंगर गौहर जान पहली ऐसी महिला बनी जिनकी सुरीली आवाज को रिकॉर्डिंग टेप में कैद किया गया. साल 1903 में देश का पहला रिकॉर्ड गाना रिलीज हुआ था. यह रिकॉर्डिंग तत्कालीन सुपरस्टार सिंगर गौहर जान की आवाज वाली थी.

एक 13 साल की छोटी लड़की ने अपने सबसे गहरे दुख से उभरने के लिए संगीत का साथ लिया. वह संगीत में इतनी रम गई कि अपने साथ हुए बलात्कार के दर्द को कहीं दबा दिया.

गौहर जान की जिंदगी उतार चढ़ाव भरी रही है. वह एक शोख और चुलबुली गायिका थी, जिनके ब्रिटिशर्स भी दीवाने थे. उनका जन्म 26 जून 1873 को आजमगढ़ में हुआ, उनकी दादी रुक्मणी हिंदू, दादा ब्रिटिश और पिता अमेरिकन थे. मां विक्टोरिया ने तलाक के बाद गौहर के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया. गौहर का असली नाम एंजेलिना योवर्ड था. इस्लाम धर्म अपनाने के बाद विक्टोरिया मलका जान‌ और एंजेलिना गौहर जान बनी. गौहर की मां 1883 में कोलकाता चली आई, वह एक बेहतरीन गायिका और नर्तकी थी, जिनसे गौहर को गायकी का हुनर विरासत में मिला. हालांकि उन्होंने कोलकाता में संगीत सीखा, उनकी मां यही नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में डांस किया करती थी. 3 साल में ही उन्होंने 24 चितपोर रोड पर 40 हजार रुपए में एक मकान खरीद लिया. यहां वह अपनी महफिल सजाया करती थी. इस दौरान गौहर भी अपने मां के साथ कोठे पर रहा करती थी.

गौहर जान का बेहद कम उम्र में शोषण हुआ, जिसके बाद वह तवायफ बन गई. वह बेहद पढ़ी लिखी तवायफ थी, जिन्हें तकरीबन 20 भाषाएं आती थी. इसके साथ ही वह ध्रुपद, खयाल, ठुमरी और बंगाली कीर्तन में भी पूरी तरह निपुण थी. उनकी शोहरत का आलम यह था कि नवाब उन्हें अपनी कोठी पर महफिल सजाने के लिए बुलावा भेजा करते थे, तो वह पूरी बुक ट्रेन से जाया करती थी. उन्होंने अपनी पहली परफॉर्मेंस साल 1887 में दरभंगा राज्य में दी.

गौहर जान ने तकरीबन 600 गीत रिकॉर्ड किए थे. वह दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामोफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए थे. साल 1902 से 1920 के बीच ‘द ग्रामो फोन कंपनी ऑफ इंडिया’ ने गायिका गौहर के हिंदुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो अंग्रेजी और फ्रेंच गीत के 600 डिस्क निकाले थे. उनकी गायकी का जलवा ऐसा था की रियासतों और संगीत सभा में उनका आना प्रतिष्ठा की बात हुआ करती थी. मगर हर कोई उन्हें सुनने की हैसियत नहीं रखता था. दरअसल, वह अपनी गायकी के लिए 1000 रुपए नजराना लिया करती थी. जो उसे दौर में काफी ज्यादा हुआ करता था. उनका यह नजराना देना सिर्फ राजा-महाराजाओं के बस में था. रिकॉर्डिंग के लिए गौहर जान 3000 फीस चार्ज करती थी. उस दौर में सोना 20 रुपए प्रति तोला हुआ करता था. उनकी फीस को कम करने के लिए सरकार ने नोटिस भी भेजा, मगर वह अपनी शर्तों पर काम करती रहीं.

एक समय गौहर जान को दतिया में गायकी का परफॉर्मेंस देने जाना था, तब बहुत कम ट्रेन हुआ करती थी. गौहर ने तब अपने साथी सिंगर, धोबी, कुक, हकीम को ले जाने के लिए पुरी ट्रेन की डिमांड रखी थी, जो पूरी भी की गई थी. कहते हैं कि उन्होंने अपने बिल्ली के बच्चों को साथ ले जाने के लिए 20 हजार रुपए की शाही बग्घी भी खरीदी थी.

गांधी जी ने स्वराज आंदोलन की शुरुआत में तवायफों से मदद मांगने कोलकाता गए थे. यहां उन्होंने मशहूर तवायफ गौहर जान से भी मदद मांगी, जिसके लिए गायिका ने हामी भर दी. इसके बाद उन्होंने तवायफ संघ बनाया और असहयोग आंदोलन के लिए खूब पैसे इकट्ठे किया.

कोठे पर बचपन बिताने और बदनाम गलियों में पली बढ़ी गौहर जान के गाने इतने सुर ताल में पिरोए होते थे कि उस दौर में वह बॉलीवुड की पहली करोड़पति महिला बन गई थी. मगर पैसे और शोहरत से घिरी गायिका गौहर की निजी जिंदगी बेहद उथल-पुथल भरी रही थी. तीन नाकाम रिश्तों का बोझ और रिश्तेदारों का छल उनके जीवन में बड़ा मलाल देता रहा होगा. गौहर ने अपने 10 साल छोटे तबला वादक पठान से शादी की. मगर पठान ने धोखे से गौहर की जायदाद अपने नाम कर ली. कुछ समय बाद गौहर को पता चला कि शादीशुदा होने के बाद पति का रिश्ता दूसरी औरतों से है तो उन्होंने कानूनी लड़ाई शुरू की, जो काफी लंबी चली. इसमें गौहर के खूब पैसे खर्च हो गए. इसी दौरान गुजराती स्टेज एक्टर अमृत वागल नायक गौहर के करीब आए और सहारा बने. दोनों का रिश्ता कुछ साल चला, लेकिन अचानक अमृत की मौत हो गई. इसके बाद गायिका का नाम जमींदार निमाई सेन से जुड़ा, लेकिन दोनों का रिश्ता कुछ ही महीनों में टूट गया. अपने आखिरी दिनों में गौहर पाई-पाई की मोहताज हो गई थीं.

7 जनवरी 1930 को गायिका गौहर ने बीमारी से लड़ते हुए दम तोड़ दिया. हमेशा अपने प्रशंसकों की भीड़ से घिरी रहने वाली गौहर की मौत अस्पताल में गुमनामी में हुई. उन्हें कहां और किसने दफन किया, इसकी जानकारी आज तक किसी के पास नहीं है.

India's first female singer singer Gauhar Jaan