झारखंड सरकार काम के पहले लेगी क्रेडिट

किसी काम का क्रेडिट तभी लिया जाता है जब वह काम सफल हो जाए. धरातल पर उतरने के साथ ही सफलता हाथ नहीं लगती, बल्कि उसके लिए योजनाओं को भी धरातल पर उतारकर काम को सफल बनाना होता है, तब क्रेडिट जनता सरकार को देती है.

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काम के पहले क्रेडिट लेती सरकार

काम के पहले क्रेडिट लेती सरकार

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन हमेशा राज्य से होने वाले पलायन की शिकायत करते हैं. हेमंत सोरेन का कहना है कि राज्य में रोजगार न होने के कारण तेजी से पलायन हो रहा है. पलायन को रोकने के लिए हेमंत सोरेन ने बिल भी लागू किया, जिसका क्रेडिट बड़े गर्व के साथ झारखंड सीएम लेते हैं. लेकिन किसी काम का क्रेडिट तभी लिया जाता है जब वह काम सफल हो जाए. धरातल पर उतरने के साथ ही सफलता हाथ नहीं लगती, बल्कि उसके लिए योजनाओं को भी धरातल पर उतारकर काम को सफल बनाना होता है, तब क्रेडिट जनता सरकार को देती है.

झारखंड सरकार पलायन रोकने और विस्थापन करने के लिए भी क्रेडिट लेने की होड़ में है. बीते दिन ही झारखंड में 27 प्रवासी मजदूरों का फिर से स्वागत किया गया. यह सभी मजदूर विदेश में फस गए थे, जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की ही मदद से झारखंड लाया गया. मगर क्रेडिट लेने के लिए फिर से सीएम ने हाथ आगे बढ़ा दिया.

वर्तमान में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा हर दिन उठ रहा है. लेकिन इस घुसपैठ पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है. हर काम का क्रेडिट लेने के लिए सरकार के कान खड़े रहते हैं, मगर समस्याओं के समाधान को देखने, सुनने और बोलने की शक्ति सरकार के हाथों से चली जाती है. 

इसी महीने झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करने का आदेश दिया गया था‌. हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताया था और घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए निर्देश दिए थे. घुसपैठियों के खिलाफ सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करने के भी निर्देश कोर्ट ने दिए थे. कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस पर काम करने के लिए कहा गया था.

आदिवासी बहुल राज्य झारखंड के एक इलाके में आदिवासियों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है. धीरे-धीरे आदिवासियों की संख्या इलाके में घट रही है. मगर झारखंड सरकार के मंत्री इसे मानने से इनकार करते हैं. झारखंड सरकार का कहना है कि आदिवासियों को घुस्पैथियां कहना उनका अपमान है. इधर इलाके के लोगों का कहना है कि घुसपैठियों ने इलाके की लड़कियों से शादी कर जमीन हथियाना शुरू कर दिया है. 

लोगों की शिकायत, भाजपा का सवाल, हेमंत सरकार का इनकार और हाईकोर्ट की चिंता इन सब पर सरकार का रुख क्या होगा, कोर्ट के निर्देशों का कब तक पालन होगा यह इंतजार का विषय है. मगर जब इस पर काम की शुरुआत होगी, तब फिर से क्रेडिट लेने के लिए लाइन जरूर लगेगी.

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