पक्ष-विपक्ष की लड़ाई में इंटर्नस के हाथों में लड्डू

2024 में केंद्र के बजट में इंटर्नशिप की घोषणा हुई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में इंटर्नशिप देने की घोषणा की.

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सौम्या सिन्हा
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इंटर्नस के हाथों में लड्डू

इंटर्नस के हाथों में लड्डू

आज इंटर्न डे है. यानी आज उन युवाओं का दिन है जो कुछ सीखने की लालसा के लिए नौकरी से पहले की छोटी नौकरी करते हैं. इस छोटी नौकरी को ही इंटर्नशिप कहा जाता है. कई बार यह इंटर्नशिप बिना पैसे वाली होती है, तो वहीं कई कंपनी युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पैसे भी ऑफर करती हैं. इंटर्नशिप के दौरान एक इंटर्न को कंपनी के अंदर होने वाले लगभग सभी कामों से परिचित कराया जाता है. जिसमें एक कंपनी किस तरह से चलती है. उसके लाभ के लिए किन कामों पर फोकस किया जाता है. एक कंपनी के अंदर की संरचनाएं किस तरह की होती हैं. कुछ ऑर्गेनाइजेशन इंटर्नशिप में अच्छा प्रदर्शन करने वाले इंटर्न को अपनी कंपनी में परमानेंट कर देते हैं. तो वहीं कुछ को इंटर्न अवधि खत्म होने पर काम की तलाश से शुरू करनी होती है. इंटर्नशिप अवधि खत्म होने पर इन्हें सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसमें काम के अनुभवों का प्रमाण होता है.

2024 में केंद्र के बजट में भी इंटर्नशिप देने की घोषणा हुई. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए कई घोषणाओं में से एक घोषणा युवाओं के इंटर्नशिप को लेकर भी की.

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि मोदी सरकार की पांचवी नई योजना के तहत 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे एक करोड़ युवाओं को फायदा होगा. युवाओं के लिए इस स्पेशल इंटर्नशिप पैकेज में हर महीने 5 हजार रुपए भी मिलने की घोषणा हुई. इसके अलावा जो युवा इंटर्नशिप पूरी कर लेते हैं उन्हें 6 हजार रुपए भी दिए जाएंगे.

इस योजना के लोकसभा में पेश होते ही विपक्ष ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह योजना कांग्रेस के न्याय पत्र से कॉपी की गई है. कांग्रेस ने कहा कि उनके द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र से बजट में कई चीजें कॉपी पेस्ट की गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से सीख लेकर इंटर्नशिप कार्यक्रम को शुरू किया है.

कांग्रेस ने प्रशिक्षुत कार्यक्रम लाने की घोषणा की थी, जिसे “पहली नौकरी पक्की” कहा गया था. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्रामेटिक गारंटी दी थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इसी के तर्ज पर भाजपा ने मनमाने ढंग से एक करोड़ इंटर्नशिप का लक्ष्य दिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई मौकों पर ऐलान किया था कि 25 साल से कम आयु के हर डिप्लोमा धाराक, कॉलेज ग्रैजुएट को एक निजी या सार्वजनिक कंपनी में 1 साल की अप्रेंटिसशिप देगी. जिससे युवाओं को हर साल 1 लाख रुपए की आए सुनिश्चित होगी.

कांग्रेस के घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र था कि वह इंटर्नस को कौशल देगी, रोजगार क्षमता बढ़ाएगी और लाखों युवाओं के लिए नौकरी के अवसर देगी.

पक्ष और विपक्ष के आरोपो की लड़ाई लंबी चलेगी, लेकिन इस लड़ाई में जनता का अगर फायदा हो तो उससे क्या नुकसान है? जनता के फायदे और युवाओं के रोजगार के लिए एक मजबूत विपक्ष के आइडिया को बजट में शामिल करना युवाओं के लिए दोनों हाथों में लड्डू जैसा है. आने वाले समय में विपक्ष के कुछ ऐसे ही मुद्दों को अगर केंद्र लागू करती है, तो इसे विपक्ष को भी अपने जीत की तरह देखना चाहिए.

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