झारखंड में इन दिनों मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना की लहर चल रही है. सीएम हेमंत सोरेन जब से जेल से वापस आए हैं, उन्होंने राज्य में सभी योजनाओं की कमान संभालने शुरू की है. हेमंत सोरेन एक बार फिर से झारखंड में चप्पे-चप्पे पर अपना नाम स्थापित करना चाहते हैं. जिसके लिए वह हर तरह के हथकंडे अपना सकते हैं, जिसमें लाखों बच्चों की शिक्षा को भी रोका जा सकता है.
दरअसल आज झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 लाख महिलाओं को 1-1 हजार रुपए मईयां सम्मान योजना के तहत दिए. पांच जिलों की महिलाओं को पहली किस्त देने के लिए राजधानी रांची के बड़े मैदान में जुटाया गया. रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा जिलों से महिला लाभुकों को बसों में लेकर आया गया. इतनी बड़ी तादाद में महिलाओं के कार्यक्रम में पहुंचने के लिए बड़ी संख्या में परिवहन जुटाना भी था. जिसके लिए रांची प्रशासन ने स्कूल बसों को काम पर लगाना उचित समझा. जिला प्रशासन की ओर से राजधानी के कई स्कूल बसों और प्राइवेट बसों को महिला लाभुकों को रांची लाने का फरमान सुनाया गया. राजधानी की सड़कों पर आज करीब 2000 बसे सिर्फ सीएम के कार्यक्रम के लिए चलाई गई. बसों की मांग के बाद रांची के कई बड़े स्कूलों को आज बंद करना पड़ा. दरअसल बस से आने-जाने वाले बच्चों के लिए स्कूल प्रबंधन कोई उपाय नहीं कर सका तो मजबूरन स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया.
गौरतलब है कि राजनीतिक कारणों की वजह से कई बार स्कूल बंद हो जाते हैं. राज्य में एक पखवाड़े में तीन बार स्कूलों को बंद किया जा चुका है. जिसमें पहली बार भारत बंद, दूसरी बार भाजपा युवा मोर्चा की रैली और तीसरी बार सीएम हेमंत सोरेन के कार्यक्रम से शिक्षा प्रभावित हुई है. इस तरह से स्कूल बंद होने से कैसे पढ़ेगा और बढ़ेगा इंडिया?
झारखंड सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम के लिए बच्चों की शिक्षा प्रभावित करना कितना उचित है? क्या सरकारी कार्यक्रमों की जरूरत में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना सरकार को शोभा देता है? क्या इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन आज ना रखकर रविवार को नहीं हो सकता?
इसके पहले भी मोरहाबादी मैदान में मईयां सम्मान योजना का आयोजन होने वाला था. 30 अगस्त को ही इस कार्यक्रम को रांची में ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ने के कारण रद्द किया गया था.
राज्य में कई सरकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, जिसमें अबुवा आवास योजना, आपकी सरकार आपके द्वारा इत्यादि शामिल हैं. डेमोक्रेटिक चरखा की कई रिपोर्ट में राज्य सरकार के इन महत्वाकांक्षी योजनाओं की सच्चाई जाहिर हो चुकी है. सीएम हेमंत सोरेन ने मईयां सम्मान योजना को भी महत्वाकांक्षी योजना में शामिल किया है. मगर महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की यह योजना उनके ही बच्चों की शिक्षा पर ताला लगा रही है. इस घटना को एक दिन की शिक्षा पर रोक के बजाय लाखों बच्चों के शिक्षा से वंचित रहने पर विचार करना चाहिए. सरकार को भी अपनी राजनीति चमकाने के लिए देश के भविष्य के साथ इस तरह के खिलवाड़ को रोकना होगा.