नौ महीने में बाकरगंज नाला का निर्माण होना था पूरा, साल भर बाद भी 30% हुआ

बाकरगंज नाले की बसावट पटना में सबसे पुरानी मानी जाती है. पहले यहां से नहर गुज़रा करती थी. लेकिन विकास की अंधी दौड़ में ये नहर नाले में तब्दील हो गयी.

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आमिर अब्बास
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नौ महीने में बाकरगंज नाला का निर्माण होना था पूरा, साल भर बाद भी 30% हुआ

साल 2024 की जून महीने में ही बाकरगंज नाले का जीर्णोद्धार होना था. बाकरगंज नाला पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए काफ़ी ज़रूरी माना जा रहा है. लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी अभी तक सरकार अतिक्रमण को हटाने में विफल रही है. ये कार्य बुडको को सौंपा गया था. लेकिन बुडको का अनुबंधन इस नाले का जीर्णोद्धार के लिए सिर्फ़ 9 महीने का था, जो कि समाप्त हो चुका है. 

पटना नगर निगम प्रशासन इसकी वजह अतिक्रमण बता रहा है. लेकिन क्या सच में अतिक्रमण की वजह से ये कार्य पूरा नहीं हुआ है? या फिर इसकी वजह सुस्त अफ़सरशाही है?

26 करोड़ से अधिक है बजट 

बाकरगंज नाले की बसावट पटना में सबसे पुरानी मानी जाती है. पहले यहां से नहर गुज़रा करती थी. लेकिन विकास की अंधी दौड़ में ये नहर नाले में तब्दील हो गयी. इस नाले की चौड़ाई 40 फ़ीट से अधिक थी. लेकिन इसके दोनों तरफ़ कंक्रीट की दीवारें उठनी शुरू हो गयीं. उसके बाद से इस नाले में हर तरह का कचरा-शौच सब कुछ जाता गया. धीरे-धीरे इस नाले की चौड़ाई कम होते चली गयी. 

पटना नगर निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत बाकरगंज नाला के जीर्णोद्धार का कार्य करने का फ़ैसला किया था. जब नगर निगम ने इसकी घोषणा की थी तो इसकी काफ़ी वाह-वाही हुई थी. वजह थी कि बाकरगंज नाले में फैलती जा रही गन्दगी की वजह से आस-पास की बसावट को कई तरह की बीमारीयों का सामना करना पड़ रहा था. पटना नगर निगम ने बाकरगंज नाले का जीर्णोद्धार कर इसे 1.4 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का फ़ैसला किया था. जिसके लिए  26.89 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गयी थी. तय किये गए डिज़ाइन के मुताबिक 8.64 एकड़ में फैले बाकरगंज नाले का जीर्णोद्धार करना था. साथ ही इसके निर्माण कार्य को जून 2024 तक पूरा करना था. लेकिन जनवरी 2025 के अंत में 30% कार्य ही पूरा हो पाया है. 

अंडरग्राउंड पाइप और केबल की वजह से काम सुस्त   

दरअसल इस इलाके में आबादी काफ़ी अधिक है. इस वजह से यहां अंडरग्राउंड वाटर पाइप और केबल की अधिकता है. अगर इसमें ज़रा सी भी चूक हो जाती है तो एक बड़ी आबादी को पानी से दूर होना पड़ेगा. साल 2024 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. जब निर्माण कार्य की वजह से गांधी मैदान पेट्रोल पंप के पीछे की पानी की पाइप फट गयी थी. जिस वजह से एक बड़ी आबादी को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा था. 

इस घटना के बाद से बुडको की तरफ़ से निर्देश आया था कि अंडरग्राउंड पाइप और केबल को ध्यान में रखते हुए ही जीर्णोद्धार किया जाए. बुडको की तरफ़ से साझा की गयी जानकारी के अनुसार "ये इलाका काफ़ी संकरा है. यहां केबल और पाइप की अधिकता भी है. इसी वजह से यहां मशीन से कार्य कर पाना नामुमकिन है. सारा कार्य मैनुअल तरीके से किया जा रहा है. ऐसे में 8 एकड़ से अधिक में फैले नाले का जीर्णोद्धार 9 महीने में पूरा कर पाना नामुमकिन है."

बाकरगंज नाला जीर्णोद्धार से जलजमाव से मिलती मुक्ति

मॉनसून के महीने में पटना के पांच वार्ड (वार्ड नंबर 28, 36, 37, 38 और 39) में पानी निकासी में सहूलियत होती. पटना नगर निगम की ओर से साझा किये गए डिज़ाइन के अनुसार इन वार्ड में जलजमाव से मुक्ति मिलती और लाखों की आबादी लाभान्वित होती. हर साल मॉनसून में इस इलाके में जलजमाव की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. अगर निर्माण कार्य पूरा नहीं होगा तो इस साल भी इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति वैसी ही बनी रहेगी.

तीन नालों का जीर्णोद्धार फाइलों में अटका 

पटना नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तीन नालों का जीर्णोद्धार होना था. इसमें आनंदपुरी, सरपेनटाईन और बाकरगंज नाले को शामिल किया गया था. लेकिन इस प्रोजेक्ट में से आनंदपुरी और सरपेनटाईन नाला को हटा दिया गया. दरअसल, पटना नगर निगम को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एक तय समय में पूरा करना है. आनंदपुरी और सरपेनटाईन नाला को विकसित करने में लगातार देरी हो रही थी. 

ऐसे में पटना नगर निगम ने सिर्फ़ बाकरगंज नाला को ही विकसित करने का फैसला लिया और अब उसमें भी नाकाम हो रही है. इस मामले में अधिक जानकारी लेने के लिए डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने पटना नगर निगम की पीआरओ श्वेता भास्कर से बात की. उन्होंने बताया कि "इस प्रोजेक्ट में कुछ भी देरी नहीं हुई है. नाला का जीर्णोद्धार का कार्य अगले 15 दिन में पूरा कर दिया जाएगा. कल शाम भी हमारी टीम ने साइट पर पहुंच कर इसे देखा है. सब कार्य चल रहा है और जल्द पूरा होगा."

हालांकि इसके बाद डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की टीम से सटीक जानकारी लेना चाही. हालांकि किसी कार्यक्रम में होने की वजह से उनके टीम से बात नहीं हो सकी.