जनता की समस्या देखकर क्यूं नहीं उबलता नेताओं का दर्द

यह पहला मौका नहीं है जब किसी राजनेता ने इस तरीके से नाराजगी जाहिर की हो. कई बार नेताओं का दर्द अक्षरों में नहीं, बल्कि अश्रुवो तक में नजर आ चुका है.

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सौम्या सिन्हा
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नेताओं का दर्द

नेताओं का दर्द

आज बिहार में एनडीए की ताकत देखने मिली, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा बिहार पहुंचे. आज जेपी नड्डा ने राज्य में सीएम नीतीश कुमार के साथ हाथों में हाथ डालकर कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. जेपी नड्डा आज से दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं, जिसमें वह कई स्वास्थ्य सुविधाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं. भाजपा के दिग्गज नेता के आगमन से बिहार बीजेपी में काफी उत्साह है. इधर सीएम नीतीश कुमार भी दिल खोलकर जेपी नड्डा के स्वागत में लगे हुए हैं. सीएम के अलावा पार्टी के विधायक, सांसद, कार्यकर्ता भी कार्यक्रम को सफल बनाने में एकजुट नजर आ रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री नड्डा के कार्यक्रम के लिए जहां आज भाजपा और जदयू मिलकर काम कर रही है, वहीं इसमें एक पूर्व केंद्रीय मंत्री नाराज हो गए हैं. 

इन कार्यक्रमों से दूर बैठे वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बुलावा ना मिलने के कारण खफा हो गए हैं. जिसे लेकर उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को पत्र भी लिख दिया है. सीएम को लिखे गए खत में अश्विनी चौबे ने बताया कि किस तरह से उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भागलपुर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण में अहम भूमिका निभाई. इसके साथ ही उन्होंने यह भी मलाल जाहिर किया कि उनके कार्यकाल में इसका उद्घाटन नहीं हो पाया. अश्विनी चौबे के नाराजगी की चर्चा प्रदेशभर में हो रही है. जाहिर है गठबंधन में सभी नेता-मंत्रियों को साथ लेकर चलने की एक जिम्मेदारी होती है. एक छोटी सी भूल चूक के कारण बड़ा मनमुटाव हो जाता है, जिसका‌ असर चुनावी समय पर दल बदल करते हुए समझ आता है. 

हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी राजनेता ने इस तरीके से नाराजगी जाहिर की हो. कई बार नेताओं का दर्द अक्षरों में नहीं, बल्कि अश्रुवो तक में नजर आ चुका है. 2020 में उत्तराखंड के कोटद्वार में शरदोत्सव में स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री को निमंत्रण ना मिलने पर खूब सियासत तो हुई थी. स्थानीय विधायक हरक सिंह रावत इससे इतने खफा हो गए थे कि उन्होंने नगर निगम के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे.

ताजा मामला हरियाणा के सोनीपत में भी देखने मिला. जहां भाजपा से पूर्व मंत्री कविता जैन का टिकट कट गया. दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की लिस्ट जारी हुई, जिसमें कविता जैन का नाम शामिल नहीं था. इसके बाद कविता जैन की आंखों में आंसू देखा गया. आज सुबह समर्थकों के बीच पहुंची कविता जैन अपने आंसुओं को पोंछती हुई नजर आई.

बीते दिन गुरुवार को पूर्व विधायक बृजभूषण सिंह को भी एक कार्यक्रम में फूट-फूट कर रोते हुए देखा गया‌. गोंडा में एक स्कूल कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे बृजभूषण सिंह अपने ऊपर लगे रेप आरोपों के बारे में बोलते हुए भावुक हो गए और आंसू पोंछते हुए नजर आए.

जाहिर है कि हर नेता, मंत्री, विधायक इंसान होता है और इंसान की भावुकता आम है. मगर जनता की सेवा में लगे यह नेता-मंत्री उनकी समस्याओं और दुखों को सुनते हुए भावुक होते हुए काफी कम देखे जाते हैं. राजनीतिक मुद्दों में भावुक होकर सियासी पारा तो चढ़ जाता है, मगर जनहित में लगे यह राजनेता बस चुनावी मौसम में रोटियां सेंक कर निकल जाते हैं.

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