देश भर में पिछले 5 साल में कुल 65 पेपर लीक के मामले सामने आए हैं. जिसमे सार्वाधिक मामले उत्तर प्रदेश के हैं जहां 8 बार पेपर लीक हुए हैं. वहीं राजस्थान और हरियाणा में 7, बिहार में 6 और गुजरात और मध्य प्रदेश से 4 मामला सामने आए हैं.
बिहार के 6 मामलों में 2020 में बीपीएससी 66वीं परीक्षा, 2021 में JEE MAINS, 2022 में बीपीएससी 67वीं परीक्षा, 2023 में बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा, 2024 में NEET, बीपीएससी TRE 3.0 और अब बीपीएससी 70वीं परीक्षा प्रश्न पत्र लीक शामिल है.
क्या है पूरा मामला?
बिहार में शैक्षणिक स्तर पर एक बड़ा घमासान देखने को मिल रहा है. इस साल हुए बीपीएससी प्रारंभिक 70वीं की परीक्षा में लगभग 4 लाख 85 हज़ार परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरा. इसकी परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को ली गई. राज्य भर में इसकी परीक्षा व्यवस्थित ढंग से ली गई. उसी दौरान पटना के बापू टावर में भी परीक्षा केंद्र बनाया गया जिसमें कुल 12 हज़ार परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा भवन को तैयार किया गया.
परीक्षार्थी भवन पहुचे और वहां समय होने का इंतज़ार कर रहे थे. उसी दौरान उस परिसर के एक रूम में प्रश्न पत्र घट गया और कुछ लोग प्रश्न पत्र से वंचित हो गए पर इसकी व्यवस्था भी की जा रही थी. परंतु परीक्षार्थियों ने इल्जाम लगाया कि उन्हें प्रश्न पत्र देर से मिला और उसी बापू टावर के परिसर में बहुत सारे परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे.
एक तरफ़ बिहार लोक सेवा आयोग इस 70वीं बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक मामले में परीक्षकों की गलती ठहरा रहे हैं और उन्हें उपद्रवी छात्र की संज्ञा दे रहा है. उनका कहना है कि परीक्षार्थी परीक्षा देने की जगह ओएमआर शीट परीक्षा परिसर में उड़ा रहे थे और अपने सीट से उठकर उपद्रव कर रहे थे. तो वही दूसरी तरफ़ छात्र नेता दिलीप कुमार जो कि हाल में ही नॉर्मलाइज़ेशन में आंदोलन करते हुए गिरफ़्तार किए गए थे, और बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया, वो इस 70 वीं बीपीएससी पेपर लीक मामले में आवाज़ उठा रहे हैं.
पटना जिलाधिकारी का क्या कहना है?
इस मामले में पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि परीक्षा पत्र लीक देर से देने का कारण कुछ और था. बापू टावर के एक परीक्षा भवन में 273 बीपीएससी अभ्यर्थी की परीक्षा देने की व्यवस्था थी पर किसी कारण उस रूम में 192 प्रश्न पत्र ही पहुंचे थे. इसी कारण से अलग अलग रूम से अतिरिक्त प्रश्न पत्र जमा करने में 10-15 मिनट का समय लगा और लगभग 100- 150 बच्चों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.
वहीं बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने अभियार्थियों को उद्दण्डीय, असामाजिक और उपद्रवी तत्व कहकर संबोधित किया और सबको बताया कि जहां परीक्षा हो रही थी, उस परीक्षा परिसर का प्रश्न पत्र छीनकर अभियार्थियों ने हवा में उड़ा दिया और ये बात फैलायी कि परीक्षा रद्द कर दी गई है और प्रश्न पत्र आउट हो गया है. इस तरीके से बीपीएससी अभियार्थियों ने झूठी अफवाह फैलायी. उन्होंने अब फैसला किया है कि केवल बापू टावर के कुल 12 हज़ार अभियार्थियों का पुनः परीक्षा लिया जाएगा.
छात्रों का क्या कहना है?
हालांकि डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे परीक्षार्थियों से बातचीत की. बातचीत के दौरान अभिषेक से बात की जो बेतिया के रहने वाले है उन्होंने बताया कि आधे घंटे तक प्रश्न पत्र का इंतज़ार किया और जब उनके सब्र की सीमा पार हो गई तो वो परीक्षा परिसर से निकालकर दूसरे कमरे की तरफ़ गए तो वहां परीक्षा हो रही थी. साथ ही उनका कहना था कि जो लोग परीक्षा सेंटर पर आधे घंटे पहले भी पहुंचे तो उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया. उनका कहना है कि अगर परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे पहले आवाजाही करना ग़लत है तो परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे के बाद भी प्रश्न पत्र ना मिलना ये कैसे ग़लत नहीं है.
गर्दनीबाग में हो रहे प्रदर्शन में सबकी मांग यही है कि परीक्षा ना सिर्फ़ बापू टावर के 12 हज़ार बीपीएससी अभियार्थियों का लिया जाये, बल्कि बिहार के पूरे जिले का पुनः परीक्षा लिया जाये और किसी के साथ भी नाइंसाफ़ी ना हो. डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने कुछ महिला परीक्षकों से भी बात की जिसमें बक्सर से अनीता प्रसाद ने बताया कि उनके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों पर शादी का दबाव होता ही है और अब दुबारा परीक्षा का भी दबाव बनता जा रहा है. उन्हें मौके बहुत कम मिलते हैं और सरकार की ऐसी लापरवाही से उनका तनाव बढ़ रहा है और मनोबल नीचे गिर रहा है. वहीं कुछ लोगो ने यह भी कहा कि जो लोग परीक्षा दे चुके है वो वापस परीक्षा क्यों दे? जिस परीक्षा सेंटर में ये दिक्कत आई बस उनकी परीक्षा लिया जाये.
तो वहीं कुछ परीक्षार्थियों का यह भी कहना था कि परीक्षा सबका लिया जाना चाहिए. क्योंकि अगर सिर्फ बापू टावर के छात्रों का पेपर लिया जाएगा तो ये बाकी छात्रों के साथ नाइंसाफ़ी होगी. उन्हें अत्याधिक समय मिलेगा पढ़ने के लिए और वह इस बात से सहमत नहीं है. इसी संदर्भ में विपक्षी राजद नेता तेजस्वी यादव छात्रों का समर्थन देने शनिवार को धरना स्थल पहुंचे और आंदोलनरत परीक्षार्थियों से बातचीत की और सरकार से 8 मांगों पर लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया. उनके पत्र में निम्नलिखित बातें सम्मलित हैं:-
- Level Playing Field उपलब्ध कराना
- केन्द्राधीक्षक, वीक्षक जैसे सरकारी कर्मी को परीक्षा संचालक बनाना
- ना सिर्फ़ बापू परीक्षा केंद्र बल्कि उसके अलवा भी सारे केंद्रों में पुनः परीक्षा आयोजित कराना
- 90 हज़ार अभियार्थी जो सर्वर ना काम करने के कारण फॉर्म भरने से वंचित रह गए उन्हें फॉर्म वापस से भरने का मौका देना
- कोचिंग के मॉडल प्रश्न पत्र 25 प्रतिशत से भी ज़्यादा टैली करने की बात
- निष्पक्ष न्यायिक जाँच की माँग करना
- आयोग को धरना - प्रदर्शन को समाप्त करने की कोशिश करना और बीपीएससी पीटी की पुर्नपरीक्षा
- एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर और एक पैटर्न में बिना पेपर लीक करने की मांग
क्या आयोग और छात्रों के बीच होगा निपटारा?
मंगलवार को आयोग ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि सभी छात्रों के पुनः परीक्षा नहीं होंगे, उनके गत परीक्षा पर ही उनका मूल्यांकन किया जाएगा और साथ ही उन्होंने 4 जनवरी 2025 को बापू परीक्षा परिसर के कुल 12 हज़ार अभियार्थियों का पुनः परीक्षा सुनिश्चित किया. पर अभी भी आंदोलनरत अभियार्थियों का कहना है कि जब तक उनका समाधान नहीं मिलता तब तक वो आंदोलन जारी रखेंगे और उनका यह भी कहना है कि अगर आयोग गर्दनीबाग आकर हमसे संवाद करे, हमारी परेशानी सुने- समझे तो वो अपनी भूख हड़ताल रद्द कर देंगे. साथ में उनका यह भी कहना है कि उनका संवाद सीधा बीपीएससी अध्यक्ष से सबके सामने हो, ना कि बंद कमरे में.