सरकार बदली लेकिन आज भी CTET के छात्रों पर बरस रही लाठियां

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पल्लवी कुमारी
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सत्ता में आते ही तानाशाह हो जाना तो कोई बिहार सरकार से सीखे.

ये कहना है पूर्णिया के रहने वाले अब्दुल का. अब्दुल आगे कहते हैं

सरकार रोजगार देने के बजाय यहां युवाओं के ऊपर जानवरों के तरह लाठियां बरसाता है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि हम शिक्षा में सुधार लाना चाहते हैं और ऐसे शिक्षक जो अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को नही देंगे उनपर करवाई करेंगे. लेकिन हमारा कहना है सुधार तो तब होगा जब शिक्षकों की बहाली करेंगे. जिस विद्यालय में 15 शिक्षकों कि आवश्यकता है वहां मात्र 2 शिक्षक मौजूद है. संसाधन कि भारी कमी है स्कूलों में मंत्री जी उसमे सुधार करे.

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बिहार में बेरोजगारी की मार झेल रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा पास शिक्षक जब अपना हक मांगने सरक पर आए तो बिहार पुलिस ने उनके साथ जो व्यवहार किया वो कहीं से मानवतापूर्ण नहीं था.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को 20 लाख रोजगार देने का वादा किया था और मात्र एक हफ्ते बाद जब  CTET और BTET पास अभ्यर्थी नौकरी की मांग के लिए शांतिपूर्ण ढंग से डाकबंगला चौराहा पर धरना देने आये तो उनपर पुलिस वालों ने लाठियां बरसा दी.

हद तो तब हो गयी जब एडीएम साहब (के के सिंह) ने भी एक अभ्यर्थी के उपर ताबड़-तोड़ लाठियां बरसा दी. और यह सब तब होता रहा जब लड़के ने हाथ में तिरंगा ले रखा था. ये तस्वीर उस तानासाह अफसर का है जो कभी खुद छात्र और अभ्यर्थी रहे होंगे. लेकिन प्रशासन और पद पर  आने के बाद छात्रों और अभ्यर्थियों के लिए काम करने के बजाय उनकी आवाज दबाने के लिए उनपर लाठियां भांजते नजर आये.

तस्वीर और वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान भी सामने आया जिसमे वो जाँच का आदेश दिया. तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था. ऐसे में कल छात्रों के साथ हुए इस पुलिसिया बर्बरता के लिए आखिर कों दोषी है.

एडीएम की इस हरकत को लेकर तेजस्वी यादव ने सफाई देते हुए कहा है कि “पटना में लाठीचार्ज प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए किया गया. इसमें एडीएम को भी छात्रों पर लाठी भांजते देखा गया. इस घटना को लेकर इंक्वायरी कमेटी बिठाई गई है. अगर एडीएम दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.



तेजस्वी ने आगे विद्यार्थियों से धैर्य रखने कि अपील की साथ ही कहा हम काम कर रहे हैं. हमारी रोज़गार और नौकरी को लेकर ही लड़ाई रही है. हमने 15 अगस्त को ऐलान किया है कि 10 लाख नौकरी देंगे और उसके अलावा भी रोज़गार के साधन उपलब्ध होंगे और 20 लाख को रोज़गार मिलेगा.”

सातवें चरण के नियोजन के लिए विज्ञप्ति जारी करने कि मांग को लेकर लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों ने डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया.  अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार में आठ साल बाद 2019 में शिक्षक भारती परीक्षा के लिए नोटीफ़िकेशन जरी किया गया था. जनवरी 2020 में ऑफलाइन परीक्षा हुआ लेकिन कुछ सेंटर पर फर्जीवारे के कारण परीक्षा रद्द कर दिया गया. वापस सितम्बर 2020 में ऑनलाइन परीक्षा ली गयी. अभ्यर्थियों का कहना है कि हम तीन सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. सरकार बदलने के बाद नये शिक्षा मंत्री से उम्मीद जगी थी लेकिन वो भी हमे घुमाने का काम कर रहे हैं.

बेगुसराय के रहने वाले सीटेट पास अभ्यर्थी अब्दुल का कहना है कि “कल हमारे साथ सरकार ने जो किया वो बर्बर था. हमारे साथी रहमान भाई के उपर एडीएम ने लाठियां बरसाई हमारे झंडे के उपर लाठियां बरसाई. हम साक्षर होने के बाद भी बेरोजगार हैं. 2019 से सीटेट परीक्षा पास करके बैठा हूँ. शिक्षा मंत्री विजय कुमार के समय आशा थी लेकिन जब से नई सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बने हैं छात्रों को दुविधा में डाल रहे हैं. कभी कहते हैं चुनाव से पहले बहाली होगी कभी कहते हैं छह महीने के अंदर बहाली आएगी. इसी दुविधा के कारण हमलोगों ने राजभवन मार्च करने का फैसला लिया.”

आगे अब्दुल कहते हैं कि “शिक्षक बहाली के लिए अभी कुछ समय पहले मेरिट लिस्ट बनाने का नया नियम बनाया गया है. इससे पूर्व में परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नुकसान होगा क्योंकि हमारे समय 70 प्रतिशत मार्क्स बहुत होते थे लेकिन आजकल 80 से 85 प्रतिशत नंबर आते हैं. ऐसे में यदि जल्द से जल्द विज्ञप्ति नही जारी कि जाएगी तो हम जैसे अभ्यर्थी को नुकसान होगा.”  

दरअसल, बिहार में काफी लंबे समय से अभ्यर्थी सातवें चरण की शिक्षक भर्ती की बहाली की मांग कर रहे हैं. प्रारंभिक शिक्षक मोर्चा के बैनर तले 2019 के क्वालीफाई छात्र बीते 21 दिनों से राजधानी के गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे थे. लेकिन सरकार के तरफ से किसी भी प्रकार का आसवान नही मिले के बाद सोमवार को सभी अभ्यर्थी डाक बंगला चौराहा पहुंचे गए. यहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने इन अभ्यर्थियों को रोक दिया. इससे उग्र हुए छात्रों और अभ्यर्थियों ने शिक्षामंत्री और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों को वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया. इन अभ्यर्थियों की मांग थी कि अविलंब बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए. इसके अलावा छात्र बीटीईटी परीक्षा कराने की मांग कर रहे है. वहीं, प्राथमिक शिक्षा विभाग अभी परीक्षा कराने से मना कर रहा है.

वहीं छात्रों का कहना है कि क्या हम अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नही कर सकते हैं. क्या प्रदर्शन करने वाले के उपर प्रशासन इसी प्रकार से लाठियां चलाएगी. सरकार को बेरोजगार मंत्रालय बनाना चाहिए ताकि बेरोजगार लोगों का भी डाटा सरकार के पास मौजूद हो.

छात्रों कि मांग क्या है

वही छात्रों का सरकार से मांग है कि वो सातवे चरण कि बहाली प्रक्रिया आरंभ करे. इसके लिए जल्द से जल्द ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया जाए. इसके अलावा इन अभ्यर्थियों कि मांग है कि भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन और केंद्रीकृत हो. इन लोगों का कहना है कि पिछले तीन साल से सातवें चरण के शिक्षक बहाली की बात कही जा रही है, लेकिन ऑफिशियल नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है. 

छात्रों और शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन से एक दिन पहले ही राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए ऐलान करते हुए कहा था कि शिक्षा विभाग में साढ़े तीन लाख भर्तियां की जाएंगी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिन 20 लाख नौकरियों की बात कही थी, उनमें से साढ़े तीन लाख नौकरियां शिक्षा विभाग में दी जाएंगी. सीएम नीतीश कुमार कि तारीफ करते हुए यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जो संकल्प लेते हैं उसे जरुर पूरा करते हैं.