Bihar News: तीन दिनों के अंदर 6 पुलों के गिरने की होगी जांच, सरकार ने बनाई हाई लेवल समिति
Bihar News: बिहार में 6 पुलों के गिरने के बाद नीतीश सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई है. इतने दिनों में जितने भी पुल जमींदोज हुए हैं, उनकी जांच कर कमिटी तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी.
बिहार में बीते दो हफ्तों के अंदर आधा दर्जन पुल नदी में समा गए हैं. दो हफ्तों में राज्य के अलग-अलग जिलों से पुल गिरने, धसने और बहने की खबरें आई है. लगातार इतने पुल गिरने की घटना के बाद अब राज्य सरकार भी जाग गई है और मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है. बिहार में 6 पुलों के गिरने के बाद नीतीश सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई है. इतने दिनों में जितने भी पुल जमींदोज हुए हैं, उनकी जांच कर कमिटी तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी.
राज्य में जितने भी निर्माणाधीन पुल गिरे हैं उन्हें बनाने का काम राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा कराया जा रहा था. ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को बताया कि चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता वाली कमिटी इन पुलों के गिरने का कारण का विश्लेषण करेगी. कमेटी आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यवाही की सिफारिश भी करेगी.
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों से इन दिनों कई पुल ढहने की घटना सामने आई है, जिसको देखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. जिसकी अध्यक्षता चीफ इंजीनियर करेंगे. आरडब्ल्यूडी निर्मित पुलों से संबंधित घटनाओं पर समिति दो से तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ पुल चालू नहीं थे और कुछ को रख रखाव की जरूरत थी. उदाहरण के लिए परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित 182 मीटर लंबा पुल 18 जून को ढह गया, इसे पीएमजीएसवाई के तहत बनाया जा रहा था. लेकिन अधूरे एप्रोच रोड होने के कारण इसे खोला नहीं गया था. पुल गिरने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उच्च स्तरीय जांच कमेटी पुलों के नींव और संरचना के निर्माण में किन सामग्री का इस्तेमाल किया गया था, उसकी गुणवत्ता की जांच करेगी. बता दें कि बीते दिन हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(सेकुलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने बिहार में पुल ढहने के मामले पर कहा था कि राज्य में अचानक पुल ढहने की घटनाएं क्यों शुरू हुई है? लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे इसके पीछे किसी साजिश का संदेह है. अधिकारियों को इस पहलू पर भी गौर करना चाहिए.
बता दें कि मानसून के आगमन के बाद बिहार के मधुबनी, अररिया, सिवान और पूर्वी चंपारण में पुल ढहने की घटना हुई है. किशनगंज में पिछले दिनों 6 दिन में दो पुल बह गए थे.