बीज की होम डिलीवरी से किसानों को कितना फायेदा होगा?

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खरीफ फसल के बुवाई का सीजन आ गया है. किसान खेत को तैयार करने में लगे हुए हैं ताकि समय पर खरीफ फसलों की बुवाई की जा सके. किसानों को खरीफ फसल की बुवाई के लिए बीजों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी पर खरीफ फसलों के उन्नत बीज प्रदान किए जा रहे हैं.

इस योजना का उद्देश्य जिले में गुणवत्ता वाले बीज की पहुंच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कराना और उसके उपयोग को बढ़ावा देना है. उक्त योजना के तहत सभी राजस्व गांव में चयनित फसलों का बीज उपलब्ध कराना है ताकि स्थानीय स्तर पर नवीनतम प्रभेद के बीज की उपलब्धता हो सके. बिहार राज्य बीज निगम के अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से प्रखंड स्तरीय शिविर में  प्रमाणित बीज उपलब्ध कराया जाएगा.

इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना था. आवेदन का अंतिम तिथि 25 मई 2022 तक रखा गयी थी. इच्छुक किसानों ने अनुदानित दर पर विभिन्न खरीफ फसलों के बीज प्राप्त करने के लिए आवेदन भी किया था.

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मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना में किसानों का चयन पात्रता के आधार पर किया जाता है. योजना में भाग लेने वाले इच्छुक किसानों को सर्वप्रथम अपना निबंधन कृषि विभाग के बेवसाइट पर कराना होता है. प्रगतिशील किसान जो आधुनिक कृषि तकनीक अपनाते हो. किसानों के पास अपनी जमीन हो या फिर बटाई पर खेती करते हो एवं आधा या एक चौथाई एकड़ पर जमीन फसल उत्पादन करने के इच्छुक हो. सिंचाई की सुनिश्चित व्यवस्था व बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ऊंची भूमि वाले किसानों को योजना में शामिल किया जाता है. किसानों के चयन की प्रक्रिया बीईओ कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के सहयोग से किया जाएगा.

बिहार सरकार, राज्य के किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत उन्नत किस्म के बीज प्रदान कर रही है. जिसमे धान, अरहर, सोयाबीन, उड़द, ज्वार, मडुआ, सांवा आदि फसलों के बीज को शामिल किया गया है. बता दें कि किसानों को इन बीजों पर अलग-अलग योजना एवं किसान वर्ग के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी.

तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत धान का बीज एक किसान को अधिकतम आधा एकड़ के लिए 6 किलो बीज दिया जाएगा. जिसका अधिकतम मूल्य 42 रुपए प्रति किलो है, जिस पर 90 प्रतिशत यानि अधिकतम 37 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी जाएगी.

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10 वर्ष से कम समय के धान के बीज एक किसान को अधिकतम 5 एकड़ के लिए 60 किलो दिया जा रहा है. यह बीज 40 रुपए प्रति किलो की दर से किसानों को दिया जाएगा. इस पर अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी दिया जाएगा.

10 वर्ष से अधिक समय के धान के बीज एक किसान को अधिकतम 5 एकड़ के लिए 60 किलो बीज दिया जा रहा है. यह बीज 40 रुपए प्रति किलो की दर से किसानों को दिया जाएगा. इस पर अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी यानि 15 रुपए प्रति किलो (जो भी न्यूनतम हो) दिया जाएगा.

तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत एक किसान को अधिकतम एक चौथाई (0.25) एकड़ के लिए 2 किलो अरहर का बीज दिया जाएगा. जिसका अधिकतम मूल्य 135 रुपए प्रति किलोग्राम है जिस पर 90 प्रतिशत यानि अधिकतम 112.50 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी जाएगी.

राज्य के किसानों को दलहन (सोयाबीन, उड़द) और तिलहन फसलों के भी प्रमाणिक बीज अधिकतम 80 प्रतिशत की सब्सिडी पर दी जाएगी. इसके अलावा ज्वार, मडुआ, सांवा के बीज पर अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दी जाएगी.

राज्य कृषि विभाग की ओर से किसानों को चयनित बीज की होम डिलेवरी की व्यवस्था भी की गई है. इसके लिए किसानों से होम डिलेवरी के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. होम डिलीवरी के लिए आवेदन के समय विकल्प चयनित करना होगा. बीज खरीदते समय अनुदान की राशि घटाकर शेष राशि देना होगा. किसानों को होम डिलेवरी के समय बीज प्राप्त करने के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य होगा.

चूंकि प्रखंड के कई गांव के किसानों को लंबी दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता था. इस व्यवस्था की वजह से उनका समय और पैसा दोनों की बचत होने की उम्मीद है.

कृषि विभाग के तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक जिन किसानों ने सब्सिडी वाले बीजों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है उनके घरों तक बीज पहुंचाया जा रहा है. कृषि विभाग ने अधिकारियों को काम समय पर पूरा करने को कहा है.   

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बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने खरीफ मौसम में बीज वितरण की समीक्षा की है. बिहार राज्य बीज निगम द्वारा अभी तक 86 हजार 823 क्विंटल बीज जिलों को उपलब्ध कराया गया हैं. बताया गया है कि 63 हजार 154 क्विंटल बीज अनुदानित दर पर वितरित किया जा चुका है. जो तय लक्ष्य का 72.74 प्रतिशत है. बीजों के वितरण व्यवस्था के मुताबिक खगड़िया, बेगूसराय, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, और शेखपुरा क्रमशः पहले से पांचवे स्थान पर है. यानि इन जिलों  के अधिकारियों ने अपने यहां के किसानों को बीज मुहैया कराने के लिए विशेष प्रयास किया है.

बीजों की होम डिलीवरी के मामले में गया जिला पहले स्थान पर है, जहां कुल वितरित बीज का 43.75 प्रतिशत वितरित किया गया है.

राज्य के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि मध्यम और अल्पावधि के बीज हर हाल में 15 जून तक किसानों को उपलब्ध कराए जायें. वैसे जिले जहां किसानों के बीच बीज का संतोषप्रद वितरण नहीं हुआ है, वैसे जिलों के कृषि पदाधिकारी के कार्य की समीक्षा की जाएगी और इस दौरान बीज वितरण में उनको दोषी पाए जाने पर उनपर करवाई भी होगी.

बखरी प्रखंड के कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार पंजियार से बीज वितरण के संबंध में हमने जानकारी ली. उन्होंने बताया कि

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत साढ़े सात क्विंटल धान के बीज 125 किसानों के बीच बांटा गया. इस योजना के तहत एक-एक पैकेट बीज किसानों को देना था. धान का 10 वर्ष से अधिक अवधि का 14 क्विंटल प्रभेद 116 पैकेट बांटा गया. इस अवधि के बीज प्रत्येक किसान को एक, दो या पांच पैकेट लेना था जिसमे कोई एक लिया कोई तीन लिया. इस तरह लगभग 100 किसानों को बीज दिया गया. 10 वर्ष से कम अवधि का प्रभेद 9 क्विंटल 150 किसानों के बीच बांटा गया है.

बेगूसराय के छौड़ाही प्रखंड के कृषि समन्वयक ने बताया कि यहां 10 पंचायत में 59 राजस्व गांव हैं. छौराही प्रखंड के मालपुर पंचायत में बीज अनुदान वितरण केंद्र बनाया गया है. मालपुर पंचायत में बीज प्राप्त करने वाले राजस्व गांव की संख्या 10 हैं. 10 वर्ष से कम अवधि का धान का प्रभेद इस पंचायत में 180 किलो मिला था. 10 वर्ष से अधिक अवधि का धान का प्रभेद इस पंचायत में 286 किलो प्राप्त हुआ था जिसमें 56 किलो आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए था. मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत पंचायत के 20 किसानों को धान का बीज मुहैया कराया गया है जिसमे छह किसान आरक्षित वर्ग के हैं. वही अरहर के बीज तीन राजस्व गांव में दो-दो व्यक्ति को दिया गया है जिसमे एक व्यक्ति आरक्षित वर्ग के हैं. वहीं पंचायत में खरीफ फसल का बीज भी दिया गया है. साथ ही किसानों को बीज की होम डिलीवरी भी किया गया है.

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