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Impact: रिपोर्ट के बाद मज़दूरों को मिला उनका बैंक खाता और बकाया राशि

कुंदन कुमार पंडित जिनके पिताजी स्वरूप लाल पंडित ने बहुत पहले बैंक में खाता खुलवाया था. लेकिन उनका पासबुक बैंक के द्वारा जारी नहीं किया जा रहा था. खाता खुलवाने के 8-9 महीने बाद तक भी स्वरूप लाल जी को बैंक के द्वारा पासबुक नहीं दिया गया था. उनके खाते पर इंदिरा आवास योजना के तहत 40 हजार रुपए आए थे. लेकिन खाता अपडेट नहीं होने और अन्य समस्याओं की वजह से वह उस राशि को बैंक से नहीं निकाल पा रहे थे.

इसके बाद बैंक के मिनी ब्रांच मैनेजर दीप नारायण के द्वारा वह राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर ली गई. इस रिपोर्ट को हमने अपने चैनल पर दिखाया जिसके बाद स्वरूप लाल जी की यह समस्या दूर हो गई. डेमोक्रेटिक चरखा की इस रिपोर्ट से स्वरूप लाल जी के चेहरे पर मुस्कान आ गई. डेमोक्रेटिक चरखा लगातार समाज से जुड़े मुद्दों को उठाता और दिखाता रहा है.

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