Impact: पटना ट्रैफिक सिस्टम की बदली तस्वीर, फिर से शुरू हुई सिग्नल व्यवस्था

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कुणाल कुमार शांडिल्य
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Impact: पटना ट्रैफिक सिस्टम की बदली तस्वीर, फिर से शुरू हुई सिग्नल व्यवस्था
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पटना में कई महीनों से बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल्स अब चालू हो गए हैं. डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने इस समस्या को लेकर रिपोर्ट बनाई थी जिसे प्रकाशित होने के 1 महीने बाद ही ट्रैफिक सिग्नल को ठीक कर लिया गया. (इस ख़बर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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(ख़बर के बाद अधिकांश जगहों पर सिग्नल काम करने लगे हैं)

अपनी उस रिपोर्ट में हमने बताया था कि पिछले 7 सालों में बिहार सरकार ने ट्रैफिक को लेकर 3 तरह के बदलाव किए लेकिन सफ़ल एक भी नहीं हो पाया.

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करोड़ों रुपए पटना के 79 चौक-चौराहों पर  खर्च कर दिए गए लेकिन उसके बावजूद भी ट्रैफिक सिग्नल ज्यों-के-त्यों बंद पड़े थे. लेकिन अब यह सभी बंद पड़े सिग्नलों को फिर से चालू कर दिया गया है.

टाइमर वाले सिस्टम को ही किया गया है लागू

पटना की ट्रैफिक लाइट्स में पुराने वाले टाइमर सिस्टम को ही लागू कर इन्हें चालू किया गया है. पहले सरकार ने इसे यह कहते हुए बंद कर दिया था कि टाइमर सिस्टम कई लोगों को समझ में नहीं आ पा रहा है. टाइमर सिस्टम से बनी ट्रैफिक लाइट्स में लगभग 75 लाख रुपए खर्च किए गए थे. हालांकि अब इसे पुनः चालू कर देने के बाद फिर से ट्रेफिक सिगनल्स के साथ ट्रैफिक मैनेज करने का प्रयास सरकार कर रही है.

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(बदलाव से पहले और बाद में: जगह- डाकबंगला चौराहा)

अलग-अलग चौराहों के लिए ट्रैफिक सिगनल्स पर अलग टाइमर सेट

पटना के अलग-अलग चौराहों के लिए ट्रैफिक सिग्नल में लगे टाइमर की टाइमिंग भी अलग है. जिन सड़कों पर ट्रैफिक का लोड अधिक है वहां टाइमर की टाइमिंग को बढ़ा दिया गया है और जहां लोड कम है, वहां टाइमिंग को भी कम रखा गया है. डाकबंगला चौराहा पर तैनात एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने हमें बताया कि

इनकम टैक्स गोलंबर से डाकबंगला की तरफ आने वाली गाड़ियों की संख्या ज़्यादा रहती है. इस रोड में वाहनों का लोड काफ़ी अधिक होने की वजह से यहां टाइमर की टाइमिंग अधिक रखी गई है. लेकिन जो गाड़ियां एस.पी वर्मा रोड से पटना जंक्शन की तरफ आती हैं, वहां लोड कम है. इस वजह से टाइमर की टाइमिंग भी कम रखी गई है.

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लोगों में ट्रैफिक सिग्नल की आदत डालना का भी किया जा रहा प्रयास

गांधी मैदान स्थित एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने हमें बताया कि

काफ़ी दिनों बाद ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम चालू होने की वजह से लोगों में इसकी आदत ख़त्म हो गई थी. इसलिए इसे चालू किए जाने से फिर से लोगों को ट्रैफिक सिग्नल की आदत हो जायेगी. इसका लाभ यह भी होगा कि यदि पुलिस तैनात ना भी हो तो भी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

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अब भी बंद हैं कई जगहों के ट्रैफिक सिग्नल्स

पटना के कई चौराहे अब भी ऐसे हैं जहां ट्रैफिक सिग्नल चालू नहीं हुए हैं, उन पर काम जारी है. गांधी मैदान से एग्जीबिशन रोड आने के क्रम में मिलने वाला ट्रैफिक सिग्नल अब भी बंद पड़ा है.

इन बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को भी जल्द ठीक करने की बात कही जा रही है. इसके अलावा मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि ट्रैफिक सिग्नल का इस्तेमाल किस तकनीक का उपयोग करके किया जाना है.