पटना यूनिवर्सिटी के दो अलग-अलग वोकेशनल कोर्सेज में पढ़ रहीं छात्राओं कि एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर होने का मामला सामने आया था. इसको लेकर छात्राओं को काफी समस्या पैदा हो रही थी. बीएमसी विभाग की आरती अनमोल सिंह और बीबीए विभाग की अंकिता राज का रजिस्ट्रेशन नंबर समान हो जाने की वजह से उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था.
डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने इस समस्या पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की जिस पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2 हफ्तों के भीतर छात्राओं की समस्या का समाधान कर दिया.
कन्या उत्थान योजना का लाभ नहीं मिल पाने को लेकर छात्राएं थीं काफी परेशान
बीएमसी की छात्रा रह चुकी आरती अनमोल सिंह और बीबीए विभाग की अंकिता राज का रजिस्ट्रेशन नंबर समान हो जाने की वजह से कन्या उत्थान योजना का लाभ केवल किसी एक को ही मिल पा रहा था. लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा रजिस्ट्रेशन को लेकर हो रही कठिनाई का समाधान कर दिया गया है. अब दोनों ही छात्राएं अपने-अपने रजिस्ट्रेशन नंबर कन्या उत्थान योजना का लाभ उठा सकेंगी.
इस विषय पर हमने आरती अनमोल सिंह से बात की. उन्होंने हमें बताया कि
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा रीजेनरेटेड रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किए जाने के बाद मैंने कन्या उत्थान योजना के लिए आवेदन दे दिया है. जो समस्या पहले आ रही थी वह अब बिल्कुल नहीं है.
नए सिरे से जारी किया गया रजिस्ट्रेशन नंबर
पटना विश्वविद्यालय के द्वारा नए सिरे से रजिस्ट्रेशन नंबर आवंटित किया गया. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा गया कि किसी भी हाल में रजिस्ट्रेशन नंबर एक समान होने की स्थिति पैदा ना हो ताकि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को पंजीयन से संबंधित कठिनाई का सामना फिर से ना करना पड़े.
इस विषय पर हमने आरती अनमोला सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि
आवेदन देने के बाद 2 महीने का समय लगा इस समस्या को सुलझाने में. विश्वविद्यालय प्रशासन ने एजेंसी से डेटा मांगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय के द्वारा जिन-जिन बच्चों के रजिस्ट्रेशन नंबर में गड़बड़ी पाई गई थी. उनका रजिस्ट्रेशन नंबर फिर से रीक्रिएट किया गया.
वोकेशनल कोर्सेज में पढ़ने वाले छात्रों के रजिस्ट्रेशन नंबर की पुनः की गई समीक्षा
पटना कॉलेज के बीएमसी विभाग समेत सभी वोकेशनल कोर्सेज में पढ़ने वाले छात्रों के रजिस्ट्रेशन नंबर की पुनः समीक्षा की गई.
सभी छात्रों को नामांकन के वक्त आवंटित किए गए अपने उस दस्तावेज को विभाग में जमा करने को कहा गया जिसमें उनका रजिस्ट्रेशन नंबर और एप्लीकेशन आईडी शामिल है.
छात्रों द्वारा जमा किए गए इन दस्तावेजों की विभागीय स्तर पर एक बार पुनः जांच की गई ताकि आने वाले भविष्य में किसी छात्र को एक समान पंजीयन संख्या आवंटित होने जैसी समस्या ना हो.