पटना जिले के खुसरूपुर प्रखंड के मोसिमपुर गांव में महादलित महिला से मारपीट का मामला सामने आया है. महिला का कहना है कि सूद का पैसा नहीं लौटाने पर दबंगों ने उसके साथ मारपीट किया है. इस घटना के दौरान दबंगों ने महिला के साथ ना सिर्फ मारपीट किया बल्कि उसको निर्वस्त्र भी कर दिया. मारपीट के दौरान छह आरोपी महिला के ऊपर लाठी डंडे से प्रहार कर रहे थे. महिला किसी तरह वहां से जान बचाकर भागी थी.
महिला का आरोप है कि उसने आरोपियों से 2 साल पहले 1500 रुपए उधार लिए थे. जिसे उसने कुछ समय बाद लौटा दिया था. लेकिन आरोपी इधर कुछ दिनों से उधार लिए पैसे पर सूद की मांग कर रहा था. सूद का पैसा नहीं लौटाने के कारण ही उसके साथ मारपीट की गयी है.
क्या है घटना का कारण?
सोमवार की शाम 3 बजे जब हम पीड़ित महिला के घर पहुंचे तो वहां मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ था. मुख्य सड़क से होकर हम महिला के घर पहुंचे. दो कमरों के इस छोटे से घर में महिला एक अंधेरे कमरे में लेटी हुईं थी क्योंकि घर में बिजली नहीं थी. बिना खिड़की वाले उस कमरे में बाहरी हवा नहीं आने के कारण उमस हो रही थी. थोड़ी-थोड़ी देर में पीड़ित महिला की रिश्तेदार (भाभी) हाथ वाले पंखा का इस्तेमाल कर रही थी.
सिर में चोट होने के कारण महिला ज़्यादा बातचीत नहीं कर रहीं थी. हमने रिश्तेदारों से घटना का कारण पूछा. लेकिन महिला खुद ही घटना के बारे में बताते हुए कहती हैं “दो साल पहले बीमारी के इलाज के लिए 1500 रुपया उधार पर लिए थे. कुछ दिन बाद पैसा लौटा भी दिए. लेकिन इधर शुक्रवार को जब हम काम पर जा रहे थे तो रास्ते में प्रमोद सिंह रोककर बोला पैसा दो. हम बोले स्कूल से आकर बात करेंगे. लेकिन वो गाली देते हुए मारने लगा. उस टाइम उसका बेटा, पत्नी और बेटी भी थी. उस टाइम भी वो लोग ईंट चलाकर मारा.”
महिला गांव के ही प्राथमिक स्कूल में रसोईए का काम करती है. महिला के पति बाहर मज़दूरी करते हैं. महिला के चार बच्चे हैं. जिन्हें डर के कारण रिश्तेदार के घर भेज दिया गया है.
महिला आगे कहती है “अगले दिन शनिवार को फिर से जब हम सुबह चापाकल पर पानी भरने गये तो देखे प्रमोद सिंह लाठी लेकर बैठा था. हम पानी भी नहीं भरे कि वो मारने लगा. भीड़ लग गया. वो गाली देकर बोल रहा था जो बचाने आएगा उसको भी मारेंगे.”
महिला के रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें लोगों ने बीच बचाव करके उस समय बचा लिया. लेकिन आरोपी पूरे दिन सड़क पर लाठी लेकर बैठा रहा. महिला और उसके बच्चे डर से घर से बाहर नहीं निकल रहे थे.
महिला बताती हैं “प्रमोद सिंह बाहर ही बैठा था फिर सरपंच को फोन किए. जब सरपंच आया तो उसको साथ लेकर गया. हमको लगा अब सब शांत हो गया होगा. रात में 11 बजे डरले (डरते हुए) घर से बाहर चापाकल पर पानी लेने निकले. तभी उधर से प्रमोद सिंह आया और बोला- तोर मर्दाना (पति) के कब्ज़ा में लेले हियऊ चल हमरा साथ (मगही में). अनहोनी के डर से हम उसके साथ चल गये.”
महिला बताती हैं जब वह उसके घर पहुंची तो वहां उसके बेटे के आलावा चार लोग और मौजूद थे. वो सब मिलकर उसको लाठी डंडा से पीटने लगे.
आरोपी गाली देते हुए महिला को धमकी देता है कि इसकों नंगा घुमाएंगे. महिला बताती हैं “वो लोग मेरा कपड़ा फाड़ दिया और लाठी से मारने लगा. प्रमोद सिंह अपना बेटा से बोला इसके मुंह पर पेशाब कर. छुट पड़ने पर हम कपड़ा लेकर वहां से भाग गए. घर के गली में पहुंचकर बेहोश हो गये. इसके आगे हमको कुछ पता नहीं है.”
अब तक नहीं हुई है आरोपियों की गिरफ़्तारी
खुसरूपुर थाना में पीड़िता के बयान पर मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित पक्ष की ओर से दिए आवेदन में दो लोग प्रमोद सिंह यादव और अंशु यादव को नामजद किया गया है. वहीं अन्य चार लोगों को देखने पर पहचानने की बात कही गई है.
महिला की बहु बताती हैं “रात में जब चाची घर पर नहीं मिली तो मेरे ससुर उन्हें बाहर खोजने निकले. तभी ये भागते हुए उधर से आयीं और रास्ते में बेहोश होकर गिर गयीं. वहां से उनको घर लेकर आएं, खून से पूरा लतपथ थी. 112 पर फोन करके पुलिस बुलाएं. फिर उसी गाड़ी में बैठाकर हमलोग उनको खुसरूपुर प्राथमिक अस्पताल ले गये.”
खुसरूपुर प्राथमिक अस्पताल के अस्पताल कर्मी से मिली जानकारी के अनुसार “महिला के शरीर पर चोट के निशान थे. लेकिन यह चोट उसे कैसी आई यह पुलिस के जांच का मामला है. हमने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को एनएमसीएच रेफ़र कर दिया था. लेकिन उसके परिजन उसे लेकर घर चले गए.”
घटना के संबंध में खुसरूपुर थाने के थाना प्रभारी गंगा प्रसाद सिंह बताते हैं “महादलित महिला के साथ मारपीट की सूचना मिली है. आवेदन प्राप्त हुआ है कार्रवाई की जा रही है. केस नंबर 416/23 के तहत केस दर्ज किया गया है. इसमें धारा 341, 323, 325, 354, 360, 504, 506 के साथ-साथ एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.”
क्या आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई है, इसपर थाना प्रभारी कहते हैं “सभी आरोपी फरार हैं. गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी की जा रही. हमलोग हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. अभी महिला के घर पर सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है. साथ ही मुआवज़ा प्रस्ताव भेजा गया है. वारंट के लिए प्रे किया गया है.”
हाईकोर्ट के वकील नंदकुमार कहते हैं “इस तरह के मामले बराबर सामने आ रहे हैं. ऐसे मामलों में स्पीडी ट्रायल करके आरोपियों को सज़ा दिलवाया जाना चहिए. एससी, एसटी एक्ट के तहत आरोपी को कम से कम 10 साल की सज़ा होनी चाहिए. ऐसे केस में मुआवज़े का भी प्रावधान है. पीड़ित पक्ष को 2 से 8 लाख तक का मुआवज़ा दिया जाता है जिसमें 50% राशि 15 से 30 दिन के अंदर मिल जाना चाहिए.”
ग्रामीणों का कहना है कि समुदाय विशेष का गांव होने के कारण यहां महादलितों को परेशान किया जाता है. थोड़े से पैसे पर 50 से 100 रूपए सैकड़ा ब्याज लिया जाता है. गरीब परिवार ज़रूरत पड़ने पर सूद के चक्कर में फंस जाता है.
हालांकि आरोपी समुदाय से आने वाले ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कई महादलित परिवारों ने कर्ज़ लेकर अपना काम किया है. लेकिन पैसा वापस मांगने पर फंसा देने का धमकी दी जाती है.
अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो पुलिस जांच के बाद ही सामने आ सकता है.