पटना: जल जीवन मिशन से दूर क्यों हैं राजधानी के निवासी?

जल जीवन हरियाली मिशन के तहत केंद्र सरकार के द्वारा राज्य को 1832 करोड़ रुपए दिए गए थे. जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 2020-21 के दौरान यह राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई.

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पटना: जल जीवन मिशन से दूर क्यों हैं राजधानी के निवासी?

बिहार में रहने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सके इसके लिए सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की.

इस योजना के माध्यम से बिहार सरकार पर्यावरण में सुधार करना चाहती है. इसके साथ ही जल संरक्षण को बढ़ावा देना भी इस योजना का हिस्सा है.

इस योजना के तहत आवेदन करने वाले आवेदकों को 75,000 की सब्सिडी दी जाने की बात भी की गई थी जिससे किसान अपने खेतों के निकट तालाब का निर्माण कर सकते हैं.

लेकिन क्या वाकई में यह योजना जमीनी स्तर तक प्रत्येक बिहारवासियों को लाभ पहुंचा पा रही है? हालांकि केंद्र सरकार के द्वारा इसके लिए 70,000 करोड़ का बजट भी तय किया गया है.

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100% कवरेज की बनाई गई थी योजना

जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार के द्वारा राज्य को 1832 करोड़ रुपए दिए गए थे. जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 2020-21 के दौरान यह राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई.

राज्य की 2020-21  में शेष 1.50 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने की योजना की थी. बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के सामने अपनी जल जीवन मिशन वार्षिक कार्य योजना पेश की जिसमें 2020-21 तक कार्यात्मक नल जल कनेक्शन वाले सभी घरों को 100% तक कवरेज देने की बात कही गई थी.

नल जल योजना को लेकर पहले भी नीतीश सरकार को भारतीय जनता पार्टी ने घेरा है. मुद्दा कई बार लोकसभा में भी उठाए गया है.

हर घर में नल से पेयजल उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगाता रहा है विपक्ष

बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने राज्य सरकार से केंद्र द्वारा आवंटित धन का सही उपयोग नहीं करने का आरोप लगाया.

इस पर जदयू ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बिहार सरकार ने आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया क्योंकि राज्य सरकार ने हर घर, नल-जल के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए अपनी मौजूदा योजना के तहत 90% घरों को कवर करने का काम किया है.

नल जल योजना का नहीं मिल पा रहा लोगों को लाभ

बिहार के कई इलाके ऐसे हैं जो अब भी इस योजना से वंचित हैं. पटना के वार्ड नंबर 27 की हालत भी ऐसी ही है.

यहां भी लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है. इस विषय पर हमने शोभा जी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि

हमारे पास स्वच्छ पेयजल की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. आवेदन भी बहुत बार दे चुके हैं लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. हम लोग तो यही गंदा पानी को थोड़ा उबालकर पी लेते हैं.

वहां मौजूद करिश्मा से हमने बात की. उन्होंने बताया कि

नल लगा हुआ है लेकिन पानी नहीं आता. शुरू-शुरू में पानी आता था लेकिन फिर बंद हो गया. हमलोग पास के एक नल का ही इस्तेमाल करते हैं.

वार्ड नंबर 27 के मनोज जी से हमने बात की. उन्होंने हमें बताया कि

नल तो लगा हुआ है और पानी भी आता है लेकिन बहुत गंदा है. पाइप लगाया गया लेकिन उसको सही तरीके से अंडर ग्राउंड नहीं किया गया जिस वजह से वह फट गया है और उसमें गंदगी जा रही है. हम लोगों वही पानी पीने पर मजबूर हैं.

क्या है जल जीवन मिशन

जल जीवन योजना केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके तहत जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाता है.

जल जीवन अभियान के तहत 75,500 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है. इसके माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है.

इस योजना में 1 एकड़ खेत को एक इकाई माना जाता है. कृषि विभाग के पास वाटर हार्वेस्टिंग के 5 मॉडल हैं. जैसे तालाब, पौधारोपण, पईन, वर्षा जल संचयन और जहां सूखा पड़ता है वहां तक नदियों का पानी उपलब्ध कराना आदि इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं.

जल जीवन मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले उन सभी परिवारों को घर में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना जिन्हें पानी जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ता है. केंद्र सरकार के इस मिशन के अंतर्गत अभी तक 50 प्रतिशत परिवारों को इस मिशन से लाभांवित किया गया है.

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