मदरसा सेशन लेट: 4 महीने से अधिक सेशन लेट, बच्चों का 1 साल बर्बाद

हर साल मदरसा बोर्ड फौकानिया और मौलवी की परीक्षा जनवरी माह में ले लेता था. लेकिन इस साल मदरसा बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं कर सका है. इसका कारण मुफ़्ती हसन रज़ा अमज़दी मदरसा बोर्ड में अध्यक्ष पद का खाली होना मानते हैं.

author-image
पल्लवी कुमारी
एडिट
New Update
मदरसा सेशन लेट

मदरसा सेशन लेट

Advertisment

मदरसा शिक्षा बोर्ड की मौलवी (इंटर) एवं फौकानिया (मैट्रिक) की परीक्षा इस वर्ष अभी तक नहीं लिया गया है. जबकि बिहार बोर्ड, सीबीएससी बोर्ड एवं आईसीएससी बोर्ड के 10 वीं और 12 वीं के परिणाम (result) घोषित हो चुके हैं. मदरसा बोर्ड जुलाई के पहले सप्ताह में मौलवी और फौकानिया की परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है. इस बार मौलवी की परीक्षा में 36,808 और फौकानिया की परीक्षा में 56,139 परीक्षार्थी शामिल होंगे.

publive-image

सभी बोर्ड के 10 वीं एवं 12 वीं के  रिजल्ट आने के बाद कॉलेज और विवि ने नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है.

Advertisment

मदरसा के बच्चे विश्वविद्यालय में पढ़ने से होंगे वंचित

लेकिन मदरसा बोर्ड की परीक्षा देर होने की वजह से मदरसा के बच्चे विश्वविद्यालय में नामांकन से वंचित रह जायेंगे. पटना यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी सहित देश के अन्य विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इनमें से अधिकांश विश्वविद्यालय में नामांकन प्रक्रिया जून में ही समाप्त कर लिया जाएगा. ऐसे में अगर मदरसा बोर्ड में पढ़ने वाले बच्चे मदरसा बोर्ड को छोड़कर किसी अन्य विवि या बोर्ड में नामांकन लेना चाहे तो उन्हें अगले साल का इंतजार करना होगा.

कॉलेज और विश्विद्यालय में शुरू हो चुकी है आवेदन प्रक्रिया

अलग-अलग बोर्ड द्वारा संचालित 10 वीं और 12 वीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कॉलेज और विश्वविद्यालय ने नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दिया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 12 वीं में नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दिया है. बीएसईबी (BSEB) ने नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दिया है. दोबारा पोर्टल 1 जून से 6 जून तक के लिए खोला जाएगा. इस बीच छात्र 12 वीं में नामांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

वहीं पटना यूनिवर्सिटी समेत अन्य विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. पटना विश्विद्यालय में 5 जून तक तो पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी में 15 जून तक आवेदन किया जा सकता है. वहीं IGNOU में नामांकन के लिए आवेदन देने की अंतिम तारीख़ 30 जून है.

ऐसे में अब यह प्रश्न उठता है कि मदरसा बोर्ड की परीक्षा लेट होने की वजह से फौकानिया और मौलवी की परीक्षा पास छात्रों का एडमिशन इन कॉलेज और विवि में कैसे होगा?

publive-image

दो सालों से खाली पड़ा है अध्यक्ष पद

हर साल मदरसा बोर्ड फौकानिया और मौलवी की परीक्षा जनवरी माह में ले लेता था. लेकिन इस साल मदरसा बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं कर सका है. इसका कारण मुफ़्ती हसन रज़ा अमज़दी मदरसा बोर्ड में अध्यक्ष पद का खाली होना मानते हैं. हसन रज़ा अमज़दी उर्दू-बंगला TET संघ के अध्यक्ष हैं. साथ ही हसन रज़ा मदरसों की स्थिति पर उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर बदलाव लाने का भी प्रयास करते हैं.

हसन रज़ा डेमोक्रेटिक चरखा से बातचीत में कहते हैं

मदरसा बोर्ड का सेशन चार महीने लेट चल रहा है. इसका कारण है नीतीश कुमार का उर्दू और मुस्लिम विरोधी हो जाना. ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड कभी बिना अध्यक्ष के नहीं रहा है जबकि मदरसा बोर्ड पिछले दो सालों से बिना अध्यक्ष के है. अब्दुल करीम अंसारी के अध्यक्ष पद से हटने के दो सालों बाद भी यह पद खाली पड़ा है. अभी कुछ समय पहले मदरसा बोर्ड में कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं. लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष के अधिकार सीमित होते हैं. किसी नई योजना को लागू करने का अधिकार उनके पास नहीं होता है. सेशन लेट होने का मुख्य कारण अध्यक्ष का नहीं चुना जाना ही है.    

वहीं मदरसा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक मोहम्मद नूर इस्लाम इस बात से इंकार करते हैं और कहते हैं  

फौकानिया और मौलवी की परीक्षा लेने में देर हो गयी है जिसका कारण दोनों परीक्षाओं के सिलेबस में हुआ बदलाव है. चेयरमैन के नहीं रहने से परीक्षा के लेट होने का कोई संबंध नहीं है. अभी मदरसा बोर्ड वस्तानिया की परीक्षा 17 जून से लेने जा रही है.

publive-image

वस्तानिया की परीक्षा छह महीने लेट

मदरसा बोर्ड में ना केवल फौकानिया और मौलवी की परीक्षा देर से होने वाली है. जबकि वस्तानिया यानि 8 वीं की परीक्षा भी छह महीने से नहीं हुई है. 8 वीं की परीक्षा दिसंबर माह में हो जानी चाहिए थी. लेकिन सेशन लेट होने के कारण मई महीना बीत जाने के बाद भी परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका है.

हसन रज़ा बताते हैं

बिहार बोर्ड या सीबीएससी बोर्ड में मार्च का सेशन चलता है जबकि मदरसों में दिसंबर का सेशन चलाया जाता है. इस तरह 8 वीं क्लास की परीक्षा दिसंबर माह में हो जानी चाहिए थी. जो अभी तक नहीं हुई है. कई बार परीक्षा का डेट निकाला गया और परीक्षा नहीं लिया गया है. सेशन लेट होने से छात्रों के ऊपर मानसिक दबाव बढ़ा हुआ है.

मुख्यधारा में जुड़ने से वंचित रहेंगे मदरसों के बच्चे

साहिल कमर नालंदा जिले के रहने वाले हैं. नालंदा के एक मदरसे से वो मौलवी की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने सोचा था कि वो मदरसा से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पटना यूनिवर्सिटी से उर्दू साहित्य में स्नातक की पढ़ाई करेंगे. अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकांश बच्चे तंगहाल होने की वजह से मदरसा में दाख़िला लेते हैं. ताकि वो कम-से-कम पैसों में अपनी पढ़ाई पूरी कर लें. साहिल ने भी इसीलिए मदरसे में दाख़िला लिया था. साहिल डेमोक्रेटिक चरखा से बात करते हुए बताते हैं-

मैं एक साल का था जब मेरे अब्बू (पिता) का देहांत हुआ. ऐसे में मेरे घरवालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो मेरा किसी स्कूल में दाख़िला करा पाते. इसलिए मैं पास के मदरसे में ही पढ़ाई करने लगा. मैंने सोचा था कि ग्रेजुएशन पटना यूनिवर्सिटी से करूंगा. लेकिन सेशन लेट होने की वजह से मैं इस साल दाख़िला नहीं ले पाऊंगा. मेरा एक साल बर्बाद हो गया.

साहिल जैसे अनेकों ऐसे बच्चे हैं जिनका साल मदरसा बोर्ड की लापरवाही से बर्बाद हो गया.

publive-image

पहली बार एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित होगी परीक्षा   

इस साल फौकानिया और मौलवी के सिलेबस में बदलाव किया गया है. पहली बार दोनों परीक्षाएं एनसीईआरटी (NCERT) पर आधारित होने वाली है. इस साल मदरसा बोर्ड भी अन्य बोर्ड की तरह 12वीं यानी मौलवी की परीक्षा अलग-अलग संकाय में लेने वाला है. जैसे- आईए, आईएससी और आईकॉम की परीक्षा ली जाती है उसी तरह मदरसा बोर्ड मौलवी साइंस, मौलवी आर्ट्स, मौलवी कॉमर्स और मौलवी इस्लामियात की परीक्षा लेगा.

साथ ही इस बार की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ (objective) प्रश्नों को भी जोड़ा गया है. आर्ट्स विषय में 30 नंबर जबकि साइंस और होम साइंस में 26 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे. साइंस में 30 अंकों का प्रैक्टिकल और 70 अंको के थ्योरी प्रश्न पूछें जाएंगे. 

सिलेबस और परीक्षा में पूछे गये प्रश्न में हुए बदलाव की जानकारी देते हुए परीक्षा नियंत्रक मो. नूर इस्लाम ने बताया कि

इस बार मौलवी के चार स्ट्रीम की परीक्षा होगी. छात्रों को किसी एक स्ट्रीम में ही परीक्षा देनी है. साथ ही छात्रों से इसी आधार पर ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरवाए गये हैं.

क्या मदरसा बोर्ड अपने सेशन में सुधार लाएगा?

मदरसा बोर्ड कई सालों से सरकारी और प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो रहा है. सरकार हर साल मदरसों के लिए करोड़ों का बजट पेश करती है, लेकिन सारी योजनायें कागज़ों पर ही रहती है. पूरे बिहार में कई मदरसे मौजूद हैं लेकिन बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड से केवल 1,942 मदरसे जुड़े हुए हैं. बिहार के मदरसों में 20 हज़ार से अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे पढ़ाई करते हैं.

साल 2015 में भी मदरसों की आधुनिकीकरण की मांग उठी थी. उस समय अल्पसंख्यक मामलों की केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्लाह ने बिहार के 3 मदरसों को 3.6 करोड़ रूपए देने की घोषणा की थी. उस समय उन्होंने एक हाथ में कुरआन और दूसरे हाथ में कंप्यूटर की बात कही थी. इस बात को 7 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी 70% से अधिक मदरसों में कंप्यूटर क्या पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी मौजूद नहीं हैं.

ऐसे में क्या मदरसा बोर्ड अपने सेशन में सुधार ला पायेगा?

patna news bihar board exam Madrasa session late