Advertisment

युवती की मौत के बाद मीडिया ट्रायल के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे HC का मीडिया को नसीहत

युवती की मौत के मामले में उसे पिता द्वारा लगाई की गई मीडिया ट्रायल के आरोप में सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकार्ट ने कहा कि, मीडिया को अनावश्यक प्रचार से बचते हुए इसे तूल नहीं देना चाहिए। जस्टिस एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ ने गुरुवार दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान  निर्देश दिया की मीडिया अनावश्यक प्रचार नहीं करें।

author-image
democratic
Aug 12, 2022 13:09 IST
New Update
Advertisment

युवती की मौत के मामले में उसे पिता द्वारा लगाई की गई मीडिया ट्रायल के आरोप में सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकार्ट ने कहा कि, मीडिया को अनावश्यक प्रचार से बचते हुए इसे तूल नहीं देना चाहिए। जस्टिस एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ ने गुरुवार दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान  निर्देश दिया की मीडिया अनावश्यक प्रचार नहीं करें।

सारे मीडिया संस्थान क्यों कर रहे हैं मीडिया ट्रायल ? Media trial
पीड़िता की मौत और उसके कथित संबंध को लेकर आ रही खबरों के खिलाफ मीडिया ट्रायल याचिका दायर
Advertisment

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति पीटाले की खंडपीठ के सामने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते ने कहा कि उनके मुवक्किल को आठ फरवरी 2021 को पता चला था कि उनकी बेटी आठ फरवरी को पुणे में अपने फ्लैट की बालकनी से गिर गई थी और अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

राजनीतिक दलों व मीडिया पर  बातचीत की 12 आडियो क्लिप सार्वजनिक करने का भी आरोप लगाया

उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद ‘प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया’ ने कक्षा 10 की छात्रा के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध होने की खबरें देना शुरू कर दिया गुप्ते ने इन खबरों को मानहानि करने वाली और अपमानजनक बताया। गुप्ते ने दलील दी कि राजनीतिक दलों और मीडिया ने याचिकाकर्ता की बेटी और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच हुई कथित बातचीत की करीब 12 ऑडियो क्लिप सार्वजनिक कीं। 

Advertisment
याचिकाकर्ता के वकील ने सुशांत सिंह राजपूत मामले का भी किया जिक्र

गुप्ते ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया ट्रायल के खिलाफ दायर याचिका पर उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि संवेदनशील मामलों पर खबरें देते समय मीडिया को तय दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। 

Supreme Court may decide today on the case handed over to CBI in Sushant Singh Rajput case
Advertisment
अब इस मामले की सुनवाई 31 मार्च को होगी

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने  मीडिया को उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 31 मार्च की तारीख तय की है।

मीडिया ट्रायल को क़ानून का उल्लंघन करार दे चुका है बॉम्बे हाईकोर्ट
Advertisment

ग़ौरतलब है कि इसी वर्ष जनवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के आत्म्हत्या मामले में मीडिया ट्रायल की याचिका पर सुनवाई करते हुए मीडिया ट्रायल को क़ानून का उल्लंघन करार दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया ट्रायल केबल टीवी नेटवर्क नियमन क़ानून के तहत कार्यक्रम नियमावली का उल्लंघन करता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा था कि,जब तक कि कुछ नए दिशानिर्देशों को तैयार नहीं किया जाता है। तब तक सुसाइड के मामलों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा भारतीय प्रेस परिषद के दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।  

#Bihar #Bihar NEWS #Breaking news #Current News #Hindi News #patna #Patna Live #patna news #Bombay High Court #Pune