पंचायत भवन: 21 करोड़ की राशि नहीं हुई ख़र्च, कई भवन अधूरे

बिहार सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के 8057 पंचायतों में चरणबद्ध रूप से पंचायत सरकार भवन बनाने की योजना है. पंचायती राज विभाग के ‘ग्राम स्वराज योजना’ के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है.

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पल्लवी कुमारी
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पंचायत भवन: 21 करोड़ की राशि नहीं हुई ख़र्च, कई भवन अधूरे

पंचायत भवन का काम अधूरा

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बिहार सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के 8057 पंचायतों में चरणबद्ध रूप से पंचायत सरकार भवन बनाने की योजना है. पंचायती राज विभाग के ‘ग्राम स्वराज योजना’ के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है. इसके निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 71.20 करोड़ रूपए आवंटित किये गये थे. लेकिन पंचायती राज विभाग द्वारा आवंटित इस राशि में ज़िले मात्र 49.84 करोड़ रूपए ही ख़र्च कर सके. शेष 21.36 करोड़ रूपए विभाग ख़र्च ही नहीं कर सके.

पंचायत भवन

आवंटित राशि को तय वित्तीय वर्ष में ख़र्च नहीं कर पाना सम्बंधित अधिकारियों की सुस्ती और योजना के क्रियान्वयन को लेकर उनकी लापरवाही को उजागर करता है.

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पंचायत सरकार भवन में मिलती है ब्लॉक स्तर की सुविधा 

पंचायत के कार्यों के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए भवन का होना आवश्यक है. जिसमें पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत स्तर के सरकारी कर्मियों के बैठने के लिए स्थान, ग्राम कचहरी के लिए न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, पंचायत कमिटी के बैठकों के लिए हॉल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, कंप्यूटराइज़ड सेवा प्रदान करने के लिए सेवा केंद्र, स्टोर, पैन्ट्री एवं शौचालय का प्रावधान किया गया है.

इसके लिए प्रत्येक पंचायत में दो मंजिला पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है. ऐसे भवन के निर्माण से पंचायतों को अपने कार्य संचालन और आम नागरिकों के प्रति उत्तरदायी बनने और कार्यकलापों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सुविधा होगी.

प्रत्येक पंचायत को भवन बनाने के लिए 20 लाख रूपए सरकार ने निर्धारित किये हैं. पंचायतों द्वारा जगह चिन्हित करने के बाद जिले से राशि स्वीकृत की जाती है. लेकिन जिले आवंटित राशि को पंचायतों में ख़र्च करने में विफ़ल हो रहे हैं. जिलों की उदासीनता के कारण योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ब्लॉक जाने को विवश हैं.  

पंचायत भवन

कई पंचायत में भवन का नहीं हुआ है निर्माण

औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के खुटहन पंचायत में लगभग 8 हज़ार की आबादी रहती है. यहां के लोग आवासीय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन जैसी कई सरकारी सुविधाओं के लिए ब्लॉक या निजी साइबर संचालकों के ऊपर निर्भर हैं. अगर इस पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो जाए तो लोगों को ब्लॉक जाने की आवश्यकता नहीं होगी.    

खुटहन गांव के मुखिया राकेश कुमार अपने पंचायत में पंचायत सरकार भवन नहीं बनाये जाने पर बताते हैं

पंचायत सरकार भवन नहीं होने से हमारे पंचायत के बुज़ुर्ग लोग वृद्धा पेंशन कार्ड बनवाने के लिए ब्लॉक जाते है. उनका काम पंचायत में नहीं हो पाता है. अगर पंचायत सरकार भवन बन जाएगा तो उनको सहूलियत हो जाएगा. हमारे पंचायत में आठ हज़ार के करीब आबादी है. लेकिन सरकार की तरफ़ से पर्याप्त फंड नहीं मिलने से हमलोग अपने पंचायत की जनता के लिए कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. पांच सालों के बाद हमलोग जनता से किस आधार पर वोट मांगने जाएंगे?

राकेश कुमार का कहना है कि

पंचायत सरकार भवन बनवाना मुखिया के हाथ में नहीं हैं. हम तो केवल जगह चिन्हित करके दे सकते हैं. पिछले वर्ष पंचायत से ज़मीन चिन्हित करके जिला में भेजे थे. वहां से इसी साल जनवरी माह में भवन निर्माण के लिए चिन्हित ज़मीन को स्वीकृति दिया गया है. अब आगे का काम तो जिला से ही किया जाएगा.

पंचायत भवन

वहीं बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड के मालपुर पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण साल 2015 में ही किया गया था. लेकिन निर्माण के आठ सालों बाद भी इस भवन का उपयोग पंचायत के कामकाज के लिए नहीं किया जा रहा है. लाखों की लागत से बना यह भवन आज जगह-जगह से टूट चूका है. भवन के आगे घास-फूस उग चुके हैं.  

मालपुर गांव के रहने वाले उमेश ठाकुर बताते हैं

किसी भी काम के लिए यहां से करीब 7-8 किलोमीटर दूर छौड़ाही ब्लॉक जाना पड़ता है. भवन बनने के बाद भी आज तक यह कभी खुला ही नहीं है.

मालपुर पंचायत के सरपंच बिनोद राम बताते हैं

पंचायत सरकार भवन खोलने के लिए हम कई बार बीडीओ साहब को आवेदन दिए हैं लेकिन कहीं कुछ नहीं हो रहा है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी भी यहां आए थे. उन्होंने भी आश्वासन दिया कि खुलेगा. अगर पंचायत सरकार भवन रहता तो न्याय मित्र, सचिव और अन्य लोग वहां जाकर जनता को समय देते. साथ ही पंचायत का सारा दस्तावेज हम वहां रख सकते थे.

423 पंचायतों की राशि नहीं हुई ख़र्च

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना (RJSA) के तहत प्रत्येक जिले के जिला पंचायतीराज पदाधिकारी को राशि आवंटन का निर्देश दिया गया है. पंचायती राज विभाग के आंकड़ों के अनुसार 453 पंचायत की 16 करोड़ 25 लाख 46957 रूपए ख़र्च नहीं हुए हैं. वैसे जिले जो आवंटित राशि को ख़र्च करने में पीछे हैं उनमें सहरसा, कटिहार, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण शामिल हैं. सहरसा में 1.99 करोड़, कटिहार में 1.46 करोड़, गोपालगंज में 1.45 करोड़, पूर्वी चंपारण में 1.25 करोड़ रूपए ख़र्च नहीं हो पाए हैं.

वहीं बाकि जिलों में भी आवंटित रुपयों में से लाखों रूपए अभी भी ख़र्च नहीं हो पाए हैं. पूर्णिया में 92 लाख, किशनगंज में 85 लाख, रोहतास में 71 लाख, सिवान में 67 लाख, नवादा में 63 लाख रूपए ख़र्च नहीं हुए हैं. वहीं राशि ख़र्च करने के मामले अरवल जिला सबसे आगे हैं और यहां आवंटित राशि में मात्र 5 लाख रूपए ख़र्च होने बाकि हैं.

पंचायत भवन

चालू वित्तीय वर्ष में 50.15 करोड़ का आवंटन   

जिलों की इस उदासीनता के बावजूद इस वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 50.15 करोड़ रूपए का आवंटन कर  दिया गया है. यह आवंटन चार जिले बांका, लखीसराय, मधुबनी एवं शिवहर को छोड़कर अन्य जिलों के लिए किया गया है. राशि आवंटन के साथ ही विभाग ने प्रत्येक जिले के जिला पदाधिकारियों को समय पर चिन्हित भूमि का सत्यापन और राशि आवंटन से सम्बंधित निर्देश जारी करने को कहा है.

बिहार विधान परिषद में पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने बताया कि

वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के सभी पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कर लिया जाएगा. चालू वित्तीय वर्ष में 2300 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो जाएगा. बाकि पंचायतों में अगले वित्तीय वर्ष में भवन का निर्माण कर लिया जाएगा. 

इस साल विभाग द्वारा आवंटित राशि में सबसे अधिक पूर्वी चंपारण को 3.95 करोड़ तो सहरसा को 3.79 करोड़ दिए गये हैं. वहीं गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, पूर्णिया को भी दो करोड़ से अधिक राशि दिए गये हैं. वहीं बाकि जिलों को एक करोड़ से 1.91 करोड़ के बीच राशि आवंटित की गयी है.  

राज्य के 8054 पंचायतों में 2022 तक 1,491 पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो चुका है. वहीं 825 पंचायतों में अभी निर्माण कार्य किया जा रहा है.

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