पटना ऑटो हड़ताल: जानें क्यों राजधानी में हुई हड़ताल और क्या है इनकी मांग?

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पटना ऑटो हड़ताल: जानें क्यों राजधानी में हुई हड़ताल और क्या है इनकी मांग?
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पटना में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल का खामियाज़ा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है.  पटना जंक्शन, कंकड़बाग, बोरिंग रोड, आशियाना, पटना सिटी सहित पूरे पटना में आज ऑटो का परिचालन बंद है. यात्री सरकारी और निगम के बसों के सहारे सफ़र कर रहे हैं.

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ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि रूट परमिट के फ़ैसले को वापस लिया जाए और यातायात पुलिस द्वारा ऑटो के पीछे से तस्वीर लेकर जुर्माना लगाया जाना बंद किया जाए. ऑटो चालकों की मांग है कि उन्हें शहर के हर रूट पर ऑटो चलाने दिया जाए और इसका परमिट उन्हें दिया जाए.

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ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा से अस्त-व्यस्त रहने वाली पटना की सड़के आज ऑटो हड़ताल के कारण सुनसान है. लोग घर से निकलने के बाद अपने मंजिल तक पहुंचने के लिए परेशान हैं. घंटो इंतज़ार के बाद भी कोई सवारी गाड़ी नहीं मिलने से परेशान यात्री पैदल ही अपने मंजिल तक पहुंचने के लिए निकल रहे हैं. 

यात्रियों को उठानी पर रही है परेशानी 

रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड, अस्पताल, ऑफिस, कोचिंग और स्कूल आने-जाने वाले लोगों को हड़ताल के कारण काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

एक्जबिशन रोड स्थित एक कोचिंग संस्थान में बारहवीं क्लास में पढने वाली सोनाली सौरभ बताती हैं

ऑटो हड़ताल के कारण सुबह पापा कोचिंग छोड़ने आए थे और फिर अपने ऑफिस चले गये. अब वापस मुझे घर जाने के लिए बस का इंतज़ार कर रही हूं. जो बस आ रही है उसमे बहुत भीड़ है. उसपर भी कंकड़बाग रूट की बस तो पिछले एक घंटे से आई नहीं है.

सासाराम से पटना लौटे शिवम राज बताते हैं

ऑटो हड़ताल के कारण पिछले डेढ़ घंटे से स्टेशन पर घूम रहे हैं कि कोई ऑटो तैयार हो जाए या बस में जगह मिल जाए. 2 बजे से कोचिंग था वो भी छूट गया. बस में इतना भीड़ है की आप चढ़ नहीं पाएंगे. सरकार को जब पहले से पता था आज ऑटो का हड़ताल होने वाला है तो उसने सरकारी बसों का इंतजाम क्यों नहीं किया?

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राजधानी पटना में 40 हजार के करीब ऑटो रिक्शा है. ऑफिस, कोचिंग, स्कूल या अन्य स्थानों पर आने जाने के लिए यात्री ऑटो का सहारा लेते हैं. लेकिन आज हड़ताल के कारण यात्रियों का दबाव सरकारी बसों पर आ गया है. शहर में 145 सरकारी और 50 के करीब निगम के बसों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन यात्रियों की संख्या सरकारी बसों से ज्यादा होने के कारण बसों में काफ़ी भीड़ हो रही है. यात्री चाह कर भी बस में नहीं चढ़ पा रहे हैं. 

पटना सिटी से हनुमान मंदिर दर्शन करने आई सरिता देवी अपने तीन बच्चों के साथ रोड पर बस को रुकने का इशारा कर रही हैं लेकिन बस आगे बढ़ जाती हैं. सरिता देवी बताती हैं

सुबह 6 बजे मंदिर दर्शन करने आये थे. आज मेरी बेटी का जन्मदिन था. सुबह बस में भीड़ नहीं थी. अभी तो यहां खड़े-खड़े डेढ़ घंटा से ज्यादा हो गया है. अब अगर बस नहीं मिला तो ट्रेन से पटना सिटी चले जाएंगे.

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जहानाबाद से पटना महावीर आरोग्य में इलाज़ कराने आये श्याम प्रसाद बताते हैं

सुबह ट्रेन से आये हैं. महावीर आरोग्य में डॉक्टर को दिखाना है. लेकिन ऑटो नहीं चल रहा. रिक्शा वाला 150 सौ रुपया मांग रहा है. हमेशा 50 रूपया लगता था आज 100 रुपया बढ़ा दिया है. मजबूरी है तो जाएंगे ही.

ऑटो हड़ताल और बस में भीड़ के कारण बुजुर्ग और महिलाएं रिक्शा का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि आम दिनों के मुकाबले आज रिक्शा चालकों ने किराया बढ़ा दिया है.

पीछे से फोटो क्लिक कर फाइन लिया जा रहा: ऑटो चालक

पटना जंक्शन पर हड़ताल कर रहे ऑटो चालकों का कहना है सरकार मनमाना व्यवहार कर रही  हैं. मनमाना चालान काटा जा रहा है. रूट निर्धारित किए जाने से उनके आमदनी पर असर पड़ेगा. ऑटो चालकों का कहना है कि उन्हें हर रूट में ऑटो चलाने का परमिट दिया जाए. साथ पैसेंजेर चढ़ाने और उतारने का स्टापेज निर्धारित किया जाए.

पटना जंक्शन पर हड़ताल कर रहे ऑटो चालक चंदन कुमार बताते हैं

हम पटना जंक्शन से राजेंद्र नगर तक ऑटो चलाते हैं. लेकिन राजेंद्र नगर में पैसेंजर उतारने का कोई जगह निर्धारित नहीं है. हम लोग पैसेंजर उतारते हैं और पीछे से फ़ोटो खींचकर चालान काट दिया जाता है. अब गरीब आदमी 5 से 10 हज़ार का चालान कहां से भरेंगे और जब तक चालान भरेंगे नहीं तब तक कागज़ बनेगा नहीं. 

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वहीं ऑटो चालक अनिल कुमार वर्मा बताते हैं

सरकार पिछले सात आठ सालों से परमिट बनाना बंद किये हुए हैं. अब नया नियम बनाया गया है कि बिना परमिट के गाड़ी नहीं चलेगा. हमारी मांग है सरकार हमारे गाड़ी का पेपर बनाए. ऑटो वाला महीने में 25 से 30  हज़ार कमाएगा और 30 हजार चालान ही भरेगा तो उसका बीवी बच्चा क्या खाएगा? सरकार अगर हमारी मांगों को आज पूरा नहीं करेगी तो यह एक दिवसीय हड़ताल तीन दिन तक चलेगा.

ऑटो चालकों का कहना है एक दिन में पांच से छह सौ रूपया कमाने वाले लोगों से दोगुना चालान लिया जा रहा है. परमिट का विरोध कर रहे हैं ऑटो चालकों का कहना है

हम सालों से बिना परमिट के ही गाड़ी चला रहे हैं. पहले तो सरकार को कोई दिक्कत नहीं था. लेकिन अब एक ही दिन में एक ही ऑटो का तीन-तीन बार चालान काट दिया जा रहा है.

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हमलोग कहीं भी परमिट की मांग नहीं कर रहे: ट्रैफिक एसपी    

पटना ट्रैफिक एसपी ने हमें बताया कि

ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए ऑटो और ई-रिक्शा का रूट का निर्धारण किया जा रहा है और ऑटो चालक इसका ही विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि रूट तय नहीं किया जाए बल्कि पूर्व के तरह ही ऑटो का संचालन हो. इसके साथ वो ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा के लिए स्टैंड की मांग कर रहे हैं.

ऑटो चालकों का कहना है कि मनमाने ढंग से ज्यादा चालान काटा जा रहा है? इस पर ट्रैफिक एसपी कहते हैं

चालान तो एक्स्ट्रा नहीं काटा जा रहा है. इसबारे में मैंने उनसे कहा भी है अगर उन्हें कोई शिकायत है तो वो मुझसे पूरे डिटेल के साथ आकर मिलें. वहीं हम लोग कहीं भी परमिट की मांग कर नहीं रहे हैं. हम केवल हर रूट पर ऑटो की संख्या निश्चित करना चाहते हैं ताकि ट्रैफिक दबाव को कंट्रोल किया जा सके. वहीं अगर आप बिना लाइसेंस, गलत रूट और  नो पार्किंग में चलेंगें तो आपको चालान भरना पड़ेगा.

क्या हड़ताल को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए सरकारी और निगम बस का अतिरिक्त परिचालन किया गया है? इस पर सिटी एसपी का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है क्योंकि वह दो दिनों की छुट्टी के बाद आज ही ज्वाइन किए हैं. इसकी जानकरी पटना डीटीओ दे सकते हैं.

हमने इसकी जानकारी के लिए पटना डीटीओ को कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया.