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पटना: ओवरलोड गाड़ियों का काटा जा रहा चालान, जानें क्या है नियम

पटना में ऑटो वाहन और हवा-हवाई गाड़ियों द्वारा ओवरलोडिंग किए जाने पर चालान काटा जा रहा है. इसके पीछे ट्रैफिक पुलिस यात्रियों की सुरक्षा का हवाला दे रही है.

चालान मुख्य रूप से गायघाट से अशोक राजपथ मार्ग होते हुए गांधी मैदान की तरफ जाने वाले ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई वाहनों से वसूला जा रहा है.

 इन वाहनों के ड्राइविंग सीट पर अगल-बगल यात्रियों के बिठाए जाने को लेकर ट्रैफिक पुलिस बेहद सख्त नजर आ रही है.

1 तारीख को चालान का जारी किया गया था आदेश, पहले दी गई थी वार्निंग

ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई गाड़ियों का चालान काटे जाने को लेकर 1 मार्च को आदेश जारी किया गया था. हालांकि इस प्रकार के आदेश पहले भी आ चुके हैं.

लेकिन ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई गाड़ियों द्वारा इसका पालन नहीं किए जाने की वजह से इसे फिर से जारी करने की आवश्यकता पड़ी.

बाड़ी पथ के मछुआ टोली पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी संजय कुमार द्विवेदी ने हमें बताया कि

आदेश पहले भी दिया गया था लेकिन इसका पालन सही तरीके से नहीं किया गया. यहां पास में पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजीव राय जी रहते हैं जिनके द्वारा इस आदेश को लेकर पहल की गई थी.

अक्सर हो जाती हैं दुर्घटनाएं

ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई गाड़ियों द्वारा ओवरलोडिंग किए जाने से अक्सर कई तरह की दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इस क्रम में कभी-कभी यात्रियों को चोट भी लग जाती है.

इस विषय पर हमने ट्रैफिक पुलिस अधिकारी त्रिपुरारी कुमार जी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि

आए दिन ओवरलोडिंग को लेकर कई तरह की घटनाएं सामने आई आती रहती हैं. लोगों को भी समझना चाहिए कि इस तरह से सफ़र करना उनके लिए भी बेहद ख़तरनाक है. जल्दबाजी के चक्कर में लोग इस तरह का फ़ैसला ले लेते हैं जो उनके लिए ही घातक साबित होता है. कभी-कभी ओवरलोडिंग की वजह से हवा-हवाई का आगे वाला पहिया भी निकल जाता है जिससे ड्राइवर सहित अन्य यात्रियों को भी काफी गंभीर चोट लग सकती है.

500 से 2500 रुपए तक का काटा जाता है चालान

ओवरलोडिंग को लेकर चालान के दंड की राशि 500 से 2500 रुपए तक रखी गई है. इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए हमने ट्रैफिक पुलिसकर्मी संजय कुमार द्विवेदी और ऋषि कुमार से बात की. इन्होंने हमें बताया कि

आमतौर पर हवा-हवाई चालकों से 500 रुपए का चालान वसूल किया जाता है जबकि ऑटो रिक्शा चालकों से 2500 रुपए तक का चालान काटा जाता है. चालान काटने का मुख्य उद्देश्य ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई चालकों को सुरक्षा कारणों को लेकर जागरूक करना और उन्हें इससे जुड़े नियमों को समझाना है.

अनट्रेंड और अंडरेज चालकों को लेकर सख्त है ट्रैफिक पुलिस

ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का मानना है कि आमतौर पर ऑटो रिक्शा और हवा-हवाई वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का मुख्य कारण अनट्रेंड और अंडरेज चालकों द्वारा गाड़ी चलाया जाना है. 

इस विषय पर हमें ट्रैफिक पुलिस के ऋषि कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि

अनट्रेंड और अंडरेज बच्चे ज्यादातर हवा-हवाई गाड़ियों को चलाते नजर आते हैं जिनके पास ऑटो रिक्शा चलाने का लाइसेंस तक नहीं है. इससे काफी दुर्घटना देखने को मिली हैं. ना तो उनके पास लाइसेंस है और ना ही वे प्रशिक्षित हैं. ऐसे में उनको लेकर हम काफी सख्त हैं. ये कम उम्र के बच्चे  ऑटो काफी तेज भी चलाते हैं जो सड़क पर चलने वाले बाकी लोगों के लिए भी काफी खतरनाक है.

ऑटो चालकों का आरोप, नहीं हो रही बचत

ट्रैफिक पुलिस द्वारा ओवरलोडिंग को लेकर चालान काटे जाने से ऑटो चालकों में खासी नाराजगी है. इस विषय पर हमें शुभम नाम के एक ऑटो रिक्शा चालक ने बताया कि

चालान काटे जाने से हमलोगों को कुछ बचता नहीं है.क्गायघाट से अगर हम पैसेंजर को लेकर गांधी मैदान तक जाते हैं तो हमें प्रति पैसेंजर 20 रुपया मिलता है. अगर हम अपनी आगे वाली सीट पर यात्रियों को ना बिठाए तो हमें केवल 60 रुपए ही मिल पाएंगे जिसमें से 30 रुपए का हमारा केवल पेट्रोल जल जाता है.

अपनी इस समस्या को लेकर हवाहवाई चालक भोला ने हमें बताया कि

ट्रैफिक पुलिसवाले सिर्फ आम आदमी और गरीबों से ही चालान वसूल करते हैं. सारा नियम हमारे लिए ही बनाया जाता है. इस चालान के चक्कर में हमारे हाथ में बचत के नाम पर कुछ नहीं बच पाता.

क्या कहता है ऑटो रिक्शा मोटर व्हीकल एक्ट?

ऑटो रिक्शा मोटर व्हीकल एक्ट पर विस्तृत जानकारी के लिए हमने वरिष्ठ अधिवक्ता विशाल कुमार सिंह जी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि

ऑटो रिक्शा मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अधीन आते हैं. सेक्शन 66 में इनके पंजीयन की बात की जाती है. जैसा कि सभी अन्य गाड़ियों पर लागू है, उसमें भी वही कानून लागू है. बिहार में मोटर व्हीकल एक्ट और बिहार मोटर व्हीकल नियमावली दोनो लागू है जिसके हिसाब से चालक के अलावा तीन से ज्यादा व्यक्ति तीन पहिया वाहन पर नहीं बैठ सकते.

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