बिजली कटौती: राजधानी में लोडशेडिंग की वजह से जनता बेबस

बिजली कटौती और लोडशेडिंग की वजह से भीषण गर्मीं में राजधानी पटना की जनता बेबस है. इस वर्ष राजधानी पटना ना केवल बिहार

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बिजली कटौती

बिजली कटौती और लोडशेडिंग की वजह से भीषण गर्मीं में राजधानी पटना की जनता बेबस है. इस वर्ष राजधानी पटना ना केवल बिहार बल्कि पूरे देश की सबसे गर्म राजधानी रही है. जहां दिन का तापमान 42.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था. जो पिछले 10 वर्षों में सबसे ज़्यादा रहा है. इस दौरान दोपहर 12.30 से दो बजे तक पारा 44 डिग्री पहुंच गया था.

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गर्मी से बचाव के लिए लोग लगातार एसी, कूलर, पंखा, फ्रिज आदि चला रहे हैं. जिसके कारण शहर में बिजली का खपत बढ़ गया है. पीक घंटों के दौरान 11 केवी फीडर ओवर लोड होने से ट्रिपिंग की समस्या शुरू हो गया है.

बिजली कटौती, ट्रिपिंग और फ्लक्चुएशन से परेशान हैं आमलोग

राजधानी पटना के लोग बिजली ट्रिपिंग की समस्या का सामना कर रहे हैं. भीषण गर्मीं में बिजली कटने से लोगों को काफ़ी परेशानी उठाना पड़ रहा है. शहर के 100 से अधिक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हो चुके हैं. लोड बढ़ते ही फ्यूज उड़ने की समस्या आम हो गई है. शाम ढलते ही ट्रिपिंग होने लगती है.

शनिवार देर रात गोला रोड, सगुना मोड़, आशियाना, अनीसाबाद, दीघा, कंकड़बाग, राजेंद्रनगर, पटना सिटी, गुलजारबाग, महेंद्रू, बोरिंग रोड, पटेल नगर, कदमकुआं, भंवर पोखर, बेउर सहित बाइपास के इलाके में लोग ट्रिपिंग से परेशान रहे.

अनीसाबाद में रहने वाली पूजा निधि पटना में रहकर जॉब करती हैं. ट्रिपिंग और बिजली कटौती से परेशान पूजा कहती हैं

बिजली कट होने के कारण रात में भी मैं आराम नहीं कर पाती हूं. यहां मेरे रूम पर इन्वर्टर नहीं है. अक्सर रात में लाइट कट जाने पर नींद खुल जाती है. हम ऑफिस जाने वाले लोग वीकेंड पर सुबह में देर तक सोना चाहते हैं. लेकिन सुबह-सुबह लाइट कट जाने से वीकेंड भी बर्बाद हो जा रहा है.     

ट्रिपिंग और लाइट कटने की शिकायत करने के बावजूद लाइट कटने की समस्या दूर नहीं हो रही है. फ्यूज कॉल सेंटरों पर ट्रिपिंग और लाइट कटने की शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ गयी है.

दरअसल गर्मी बढ़ने के साथ ही एसी, कूलर और पंखा चलाने के घंटे बढ़ गये हैं. गर्मी से बचने के लिए लोग लगातार एसी, कूलर और पंखा चला रहे हैं. एक मकान में जहां औसतन 5 से 6 घंटे एसी चलता था, वहां अब दिन के 12 से 15 घंटे एसी चलाया जा रहा है. इसके चलते पिछले एक सप्ताह में बिजली की खपत 158 मेगावाट बढ़ गयी है. 

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700 मेगावाट के पार हुई बिजली खपत

शुक्रवार 2 जून की रात 11 बजे राजधानी पटना में बिजली की खपत दूसरी बार 702 मेगावाट पहुंच गई थी. इससे पहले 31 मई को सबसे अधिक 718 मेगावाट बिजली खपत हुई थी. बढ़ती  गर्मीं में यह लगातार दूसरी बार है जब बिजली का खपत 700 के पार पहुंचा है. इससे पहले पिछले वर्ष 13 जून 2022 में सबसे अधिक 735 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी. यह पटना शहर की रिकॉर्ड खपत है.

बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार बिजली की कोई कमी नहीं है. बिजली कटने का मुख्य कारण लोकल फॉल्ट हैं. दरअसल लोड बढ़ने के कारण ट्रांसफॉर्मरों से निकलने वाली एलटी लाइन का फ़ेज उड़ जा रह है. जिसके कारण संबंधित इलाके में बिजली बाधित हो जा रही है.   

ट्रिपिंग और फ्लक्चुएशन के बढ़ते शिकायत के कारण बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों ने ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मरों के बगल में अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने का निर्देश दिया है. अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने से बार-बार फ्यूज उड़ने की समस्या से निजाद मिल सकता है. जल्द ही ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम शुरू किया जाएगा. वहीं जिन मुहल्लों में ट्रिपिंग की समस्या ज्यादा है वहां के उपभोक्ता डिवीजन ऑफिस में अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए आवेदन दे सकते हैं.   

निर्धारित घंटो से कम सप्लाई, लेकिन फिक्स चार्ज में नहीं मिल रही छूट

बिहार विद्युत विनियामक बोर्ड ने 21 घंटे से कम बिजली सप्लाई करने पर फिक्स चार्ज में कटौती करने का नियम लागू किया है. लेकिन, बिजली कंपनी द्वारा आज तक किसी भी इलाके के उपभोक्ताओं को इस नियम का लाभ नहीं दिया गया है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कितने घंटे बिजली की सप्लाई हुई है इसका आंकलन पोस्टपेड मीटर नहीं करता है. वहीं शहरी क्षेत्रों में लगे प्रीपेड मीटर में दी जाने वाली सप्लाई का आंकलन होता है. लेकिन इसमें औसत सप्लाई 23 घंटे से अधिक बताई जा रही है. जबकि आयोग के आदेश के मुताबिक 24 घंटे में कम से कम 21 घंटे बिजली सप्लाई करनी है. यानी 30 दिन का महीना है तो 630 घंटे, 31 दिन का महीना है तो 651 घंटे बिजली देनी है. इससे कम सप्लाई होने पर फिक्स चार्ज में कटौती करनी है.

सरकारी विभाग से नहीं मिलता है कोई जवाब

डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने लोडशेडिंग की समस्या से और बेहतर समझने के लिए जब सहायक कार्यकारी अभियंता (AEE,O&M ) सुनील कुमार और शालू महिपाल को कॉल किया तो उन्होंने कॉल उठाया, लेकिन न्यूज़ चैनल का नाम सुन कर उन्होंने कॉल काट दिया. उसके बाद उनसे किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया.