तीन साल का ग्रेजुएशन अब चार सालों का स्नातक होने जा रहा है. इसके कारण पटना विश्वविद्यालय के स्नातक रेगुलर और वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया पर फ़िलहाल रोक लगा दिया गया है. पटना विश्वविद्यालय के ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार अगले नामांकन के लिए आवेदन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है.
स्नातक और वोकेशनल पाठ्यक्रम में नामांकन प्रक्रिया पर रोक
पटना विवि के वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार
3 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के स्थान पर वर्ष 2023 से 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू होने के कारण नामांकन प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है. अगले आदेश तक प्रतीक्षा करें.
नामांकन प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने की जानकारी देते हुए स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन प्रो. अनिल कुमार बताते हैं
राजभवन के द्वारा स्नातक चार वर्षीय कोर्स को इसी वर्ष से लागू करने के निर्णय के बाद नामांकन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. क्योंकि पीयू की नामांकन प्रक्रिया तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के लिए थी और अब चार वर्षीय स्नातक कोर्स को सत्र 2023-27 के रूप में लाया जाना है. राजभवन से जैसा निर्देश जारी किया जाएगा, वैसा ही विवि करेगा. फ़िलहाल इससे संबंधित कोई निर्णय नहीं आया है.
क्या नामांकन प्रक्रिया रोके जाने से इस साल का सत्र देर हो सकता है? इस पर डीन अनिल कुमार कहते हैं
ऐसी कोई समस्या नहीं होगी. सत्र तय समय सीमा पर पूरा कर लिया जाएगा.
पूर्व में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के लिए नोटिफिकेशन जारी
इससे पूर्व पटना विवि द्वारा स्नातक रेगुलर और वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दिया गया था. विवि द्वारा 6 अप्रैल को निकाले गये नोटिस में तीन वर्षीय स्नातक रेगुलर और सेल्फ फाइनेंसिंग (वोकेशनल) कोर्स में नामांकन के लिए आवेदन की तिथि 10 अप्रैल से 9 मई तय किया गया था. सेल्फ फाइनेंसिंग (वोकेशनल) कोर्स की नामांकन परीक्षा 27 मई को और रेगुलर कोर्स की नामांकन परीक्षा 28 मई को निर्धारित थी.
लेकिन गुरुवार 13 अप्रैल को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बिहार के लगभग सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हुए बैठक में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लागू करने का आदेश जारी किया है. अब बिहार स्थित सभी विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू होगा. इस चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की रुपरेखा तैयार करने के लिए अलग से कमिटी का गठन भी किया जाएगा.
इस वर्ष नई शिक्षा नीति के तहत बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सीबीसीएस (CBCS) सिस्टम लागू किया जाना है. सीबीसीएस लागू होने के बाद तीन वर्षीय स्नातक कोर्स चार वर्ष का हो जाएगा. साथ ही वार्षिक परीक्षा के स्थान पर सेमेस्टर परीक्षा लिया जाएगा.
हालांकि पटना विश्वविद्यालय राज्य का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां सभी विषयों के पीजी, वोकेशनल और ट्रेडिशनल कोर्स में सीबीसीएस लागू किया गया है. परंपरागत स्नातक कोर्स में सीबीसीएस (CBCS) पिछले वर्ष 2022 में ही लागू किया गया था.
अगले सत्र से केंद्रीकृत आवेदन प्रक्रिया होगी शुरू
राज्यपाल द्वारा जारी आदेश में इस वर्ष नामांकन प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर पर होने है, लेकिन अगले वर्ष से नामांकन प्रक्रिया केंद्रीकृत किया जाना हैं. अगले सत्र यानी 2024 से छात्र एक कॉमन एंट्रेंस फॉर्म भरेंगे, इसी आवेदन के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रों का नामांकन होगा.
राज्यपाल ने सभी यूनिवर्सिटी को एकेडमिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही यूनिवर्सिटी में आधारभूत संरचना और शिक्षकों की संख्या में सुधार किए जाने पर भी विचार किया गया है.
पटना विश्वविद्यालय के डीन अनिल कुमार ने बताया
इस वर्ष सभी विश्वविद्यालय राजभवन द्वारा स्वीकृत समय सीमा के अंदर ही नामांकन लेंगे.
इस वर्ष शुरू होने वाले सत्र में नामांकन यूनिवर्सिटी स्तर पर ही होगा. साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को राजभवन द्वारा निर्धारित मान्य समय सीमा के अंदर ही नामांकन, परीक्षा और रिजल्ट निकालना होगा.
अभी सारे यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से नामांकन और परीक्षा का कलैंडर तैयार करते थे जिसके कारण कई विश्वविद्यालय में एकैडमिक कैलेंडर तय समय से बहुत लेट हो जाता था. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मगध विवि है जहां छात्रों के तीन वर्षीय स्नातक कोर्स को छह वर्षों में पूरा किया जा रहा है.
ज़रूरत के हिसाब से पूरा कर सकते हैं कोर्स
सीबीसीएस के तहत स्नातक पाठ्यक्रम को आठ सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा. जिसमें एक वर्ष में दो सेमेस्टर होगा. वहीं छात्रों को पहले वर्ष से ही स्किल आधारित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
सीबीसीएस प्रणाली छात्रों को तीन तरह के कोर्स प्रदान करती है- कोर, इलेक्टिव और फाउंडेशन. छात्र अपने रूचि के अनुसार विषयों का चयन कर सकते हैं. आठ सेमेस्टर वाले पाठ्यक्रम में अगर कोई छात्र दो सेमेस्टर पूरा करने के बाद कोर्स छोड़ना चाहे तो उसे अंतर स्नातक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. चार सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्र यूजी डिप्लोमा, छह सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्र स्नातक और आठ सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्र को स्नातक आनर्स की डिग्री दिया जाएगा.
वहीं छठे सेमेस्टर में 85 फ़ीसदी अंक लाने वाले छात्र को आठवां सेमेस्टर पूरा करने के बाद आनर्स के साथ-साथ रिसर्च की भी डिग्री दी जाएगी.