प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: किसानों को राहत या एक छलावा?

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“जनवरी 2021 में ही हम किसान सम्मान निधि योजना के लिए विक्रमगंज ब्लॉक (सासाराम) में आवेदन दिए था लेकिन जवाब मिला कि लाभुकों की सूची तैयार हो गई है। इसके बाद मैंने सासाराम जिला मुख्यालय तक आवेदन दिया। वहां बताया गया कि आपके जमीन का बंटवारा बेहतर तरीके से होगा तब ही इसका लाभ मिलेगा। हमने वह भी किया नतीजा आज भी वही है।“आनंदी सिंह, किसान, सासाराम

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। इस योजना के अन्तर्गत छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो। योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति साल 6 हजार रूपया मिल रहा है। इस योजना को एक दिसंबर 2018 से लागू किया गया था।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छह हजार रूपये प्रति साल प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है और सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है। अर्थात प्रत्येक चार माह के बाद किसान को दो हजार की सहायता राशि दी जा रही है। योजना की नींव साल 2018 के रबी सीजन में की गई थी।

जब इस योजना की शुरूआत की गई थी तब उस वक्त सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रूपये का अग्रिम बजटीय प्रावधान किया था। जबकि योजना पर सलाना खर्च 75 हजार करोड रूपए आने का अनुमान था। देश के किसानों की संख्या अधिक होने के कारण और इस योजना में किसानों की दिलचस्पी होने के कारण सलाना खर्च में वृद्धि हुई है।

एक आंकड़े के अनुसार देश में पिछले साल के नवंबर माह के अंत तक 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रूपये की मदद की जा चुकी है।

कुछ किसानों को लाभ लेकिन कई किसानों को जानकारी भी नहीं

सासाराम जिले के प्रगतिशील किसान में शामिल स्यंदन सुमन कहते हैं, हम जैसे किसानों के लिए यह राशि बहुत अहम है। दिक्कत केवल एक ही है कि कई ऐसे भी किसान हैं जो वाकई में इस योजना के पात्र हैं लेकिन इससे वंचित है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

जिले के विक्रमगंज ब्लॉक के मुरैना गांव के एक और किसान अवधेश सिंह कहते हैं,

करीब तीन साल पहले मैंने इस योजना के तहत आवेदन किया था, तब से लेकर अब तक राशि आ रही है। कहीं किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। कोरोना के इस वक्त में जब सबकुछ खराब चल रहा है। ऐसे में इस योजना से बहुत राहत है।

वहीं स्यंदन कहते हैं कि फसल की बुआई के ठीक पहले यह राशि सीधे अकाउंट में आ जाती है। इससे काफी राहत मिल जाता है।

सारी कोशिशों के बाद नहीं मिला योजना का लाभ

योजना से लाभ उठाने वालों से अलग कुछ ऐसे भी किसान हैं, जिनको तमाम कोशिश करने के बाद अबतक इस योजना का लाभ नहीं मिला है। सासाराम जिले के ही विक्रमगंज ब्लॉक के शिवपुर के किसान आनंदी सिंह कहते हैं, अगर योजना का लाभ हम जैसे किसानों को मिलता तो बहुत राहत मिलती। वह कहते हैं, वह यह भी कहते हैं, प्रक्रिया पूरी करने के बाद आवेदन करने वाले कई ऐसे किसान है, जिनको लाभ मिल रहा है।

इसी ब्लॉक के एक और किसान शैलेश सिंह कहते हैं, पूरी प्रक्रिया करने के बाद मैंने आवेदन दिया था। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई, लिहाजा मुझे इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रक्रिया सरल करनी चाहिए

किसान स्यंदन कहते हैं, यह छोटी राशि किसानों के लिए बड़ी राहत है। किसान उस तरीके से टेक्नोलॉजी फ्रेंडली नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इस प्रक्रिया को और सरल करे ताकि ज्यादा से ज्यादा को लाभ मिले। मेरे जैसे कई ऐसे छोटे किसानों के लिए यह योजना अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई है। बुवाई से ठीक पहले नगदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सुविधा हो रही है।

कितनी जटिल है प्रक्रिया

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए किसान दो माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, पहला माध्यम कॉमन सर्विस सेंटर है, दूसरा माध्यम किसान खुद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अधिकारी वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन करने के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन के दस्तावेज ले कर जाना होगा। इसके बाद सीएससी ऑपरेटर को दस्तावेज देने होंगे। आवेदन शुल्क देने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके अलावा किसान चाहे तो इस योजना के लिए नया आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट के द्वारा अहम प्रक्रिया को पूरी करके आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के बाद इसके सत्यापन के लिए संबंधित ब्लॉक में भेजा जाता है, जहां से वेरीफाई होने के बाद आवेदन जिला कल्याण विभाग को भेजा जाता है। इसके बाद राज्य सरकार सत्यापित करती है और अंत में केंद्र सरकार के पास सत्यापन के लिए जाता है जहां से मंजूरी मिलने के बाद सहायता राशि खाते में आने लगती है।

किसानों को इस जटिल प्रक्रिया से गुजरते हुए किसान सम्मान योजना के लिए आवेदन करना पड़ता है। इसी की वजह से किसान इसका फायदा नहीं ले पा रहे हैं।

इस जटिल प्रक्रिया की बात को कृषि विभाग के सचिव सावन कुमार के सामने रखने के मकसद से डेमोक्रेटिक चरखा ने बात की लेकिन बैठक में व्यस्त होने के कारण वो फिलहाल समय नहीं दे पाए हैं।

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