रेलवे ALP की सीट बढ़ाने के लिए छात्र उतरे सड़क पर, पुलिस का लाठीचार्ज

रेलवे द्वारा करीब छह सालों के इंतजार के बाद सहायक लोको पायलट के पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है. लेकिन पदों की संख्या कम होने के विरोध में पटना सहित राज्य के कई जिलों में पिछले 10 दिनों से हंगामा हो रहा है.

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पल्लवी कुमारी
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सरकारी नौकरी की सीट बढ़ाने के लिए छात्र उतरे सड़क पर, पुलिस का लाठीचार्ज

रेलवे ALP की सीट बढ़ाने के लिए छात्र उतरे सड़क

रेलवे द्वारा छह सालों बाद एएलपी के मात्र 5,696 पदों पर बहाली निकाली गयी है. 20 जनवरी से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया के बीच छात्रों ने पहले तो ट्विटर पर विरोध दर्ज करवाया. लेकिन उसके बाद भी जब पदों की संख्या नहीं बढ़ाई गयी तो छात्र शनिवार 27 जनवरी को आन्दोलन करने सड़कों पर उतर गये.

10 दिनों से चल रहा है विरोध प्रदर्शन

पद की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर छात्र लगातार 10 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. पहले सोशल मीडिया और अब छात्र सड़क पर उतरने को मजबूर है. छात्रों ने 20 जनवरी को सोशल मीडिया एक्स (Twitter) पर #IncreaseRailwayALPVacancy पोस्ट कर पदों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की थी.

वहीं मंगलवार 30 जनवरी को पटना के विभिन्न इलाकों में तैयारी करने वाले छात्र मुसल्लहपुर हाट में जमा होते हैं. मुसल्लहपुर का इलाका सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों और तैयारी करवाने वाले कोचिंगों से भरा पड़ा है.

यहां से पैदल मार्च करते हुए अभ्यर्थी बारीपथ पहुंचते हैं. जहां से रमना रोड, लंगारटोली चौराहा, सब्जीबाग मोड़ और हथुआ मार्केट होते हुए अभ्यर्थी बाकरगंज मोड़ पहुंचते हैं. यहां पहले से तैनात पुलिस बल छात्रों को रोकने का प्रयास करती है लेकिन छात्र गली मोहल्ले होते हुए कारगिल चौक पहुंच जाते हैं.

यहां अभ्यर्थी केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हैं.अभ्यर्थियों के चौराहे पर जमा होने के कारण विभिन्न इलाकों से कारगिल चौक की तरफ जाने वाले मार्गों पर भयंकर जाम लग गया. जाम हटाने और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन हालात बिगड़ने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.

इससे पहले शनिवार 27 जनवरी को भी छात्रों का समूह राजेंद्र नगर टर्मिनल पर प्रदर्शन करते हुए रेलवे ट्रैक पर उतर गया था. उस दिन राजेंद्र नगर टर्मिनल पर आन्दोलन करने के बाद अभ्यर्थी राजेंद्र नगर कोचिंग कॉप्लेक्स की ओर पहुंच गए. 

अभ्यर्थियों के रेलवे ट्रैक पर उतरने के कारण करीब तीन घंटो तक रेल परिचालन बाधित हो गया. छात्रों को नियंत्रित करने आयी पुलिस से भी छात्रों की भिड़ंत हो गयी जिसके बाद पुलिस ने छात्रों के ऊपर बल प्रयोग कर दिया.

एएलपी और टेकनीशियन की सीट बढ़ाने की मांग

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले छह सालों से रेलवे भर्ती का इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार ने इतने कम पदों पर बहाली निकालकर उनके साथ धोखा किया है. छात्रों का कहना है कि रेलवे ने बताया था कि 20 हजार के करीब पद खाली जगह है लेकिन मात्र 5600 पदों पर ही बहाली निकाली गई है. 

छात्र नेता दिलीप कुमार रेलवे और केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहते हैं "रेलवे लंबे समय से गरीब छात्रों के सरकारी नौकरी में जाने का एक बढ़िया माध्यम रहा है. छात्र लंबे समय से रेलवे में नियुक्ति आने का इंतजार कर रहे थे क्योंकि साल 2018-19 के बाद रेलवे में कोई नियुक्ति नहीं आई है. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स रेलवे में लगभग 3 लाख पद खाली होने की जानकारी मिली है. ऐसे में मात्र साढ़े पांच हजार पदों पर नियुक्ति निकाला जाना उन गरीब छात्रों के साथ अन्याय है."

छात्रों के लगातार हो रहा है प्रदर्शन के बीच पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल ने कहा है कि “जरूरत के हिसाब से लोको पायलट की भर्ती निकाली गई है ताकि रिक्त पदों को भरा जा सके. रेलवे रिक्तियों के अनुसार बहाली निकालता हैं. इनमें कुछ प्रमोशन से भरे जाते हैं और कुछ पर बहाली की जाती है. जिन अभ्यर्थियों में यह भ्रांतियां हैं कि अधिक पद खाली थे उसे दूर करने की जरूरत है."

महाप्रबंधक का कहना है कि पिछले वर्ष 16000 से अधिक पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी जिसमें 8000 के आसपास नियुक्ति की गई थी. 

वहीं रेलवे द्वारा जारी सूचना के अनुसार साल 2025 से प्रत्येक वर्ष रेलवे में वैकेंसी निकाली जाएगी. इसके साथ ही कोरोनाकाल के कारण साल 2018 के बाद से रेलवे में रुकी हुई वैकेंसी को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थियों को उम्र में तीन वर्ष की छूट भी दी गई है. 

रेलवे ने इस संबंध में नोटिस जारी कर कहा कि अब 18 से 33 वर्ष की उम्र के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. रेल मंत्रालय ने कहा कि उन उम्मीदवारों को आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाएगी जिनकी परीक्षा में शामिल होने की उम्र कोरोना महामारी के कारण खत्म हो गई थी. 

इससे पहले साल 2018 में एएलपी और तकनीशियन के 64,371 पदों पर भर्ती निकली थी. यह भर्ती आईटीआई के विभिन्न ट्रेंड्स के लिए थी.

साल 2022 में 3.12 लाख पद खाली होने की जानकारी दी 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि रेलवे अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की योजना बना रहा है. 1,50,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अधिकतम अवसर सुनिश्चित करने के लिए वार्षिक भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है.

वैष्णव ने कहा, “हमने हाल ही में 1,50,000 कर्मचारियों की रोजगार प्रक्रिया पूरी की है और उसके तुरंत बाद हमने सहायक लोको पायलट (एएलपी) के चयन के साथ नई प्रक्रिया शुरू की है.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रुप ‘डी’ में तकनीकी और गैर-तकनीकी श्रेणियों में रोजगार के अधिक अवसर होंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दिसंबर 2022 में राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे में कुल 3.12 लाख गैर-राजपत्रित पद खाली पड़े थे. इनमें सिग्नल और दूरसंचार विभाग में कुल 14,815 और यातायात परिवहन विभाग में 62,264 रिक्तियां हैं.

वहीं सबसे अधिक रिक्तियां सिविल इंजीनियरिंग विभाग में थीं, जिसमें देश भर में 87,654 रिक्तियां थीं, उसके बाद यांत्रिक विभाग में 64,346 और विद्युत विभाग में 38,096 रिक्तियां थीं.

रेल मंत्री वैष्णव ने राज्यसभा में बताया था दक्षिण पूर्व रेलवे  में अराजपत्रित पदों के लिए 17,811 रिक्तियां है जिसमें 3 फरवरी, 2023 तक 150 रिक्त राजपत्रित पद हैं.

साल 2019 में एनटीपीसी और ग्रुप सी लेवल के विभिन्न पदों की भर्तियां निकाली गई थी. वहीं साल 2018 में करीब 30 सालों बाद एक लाख नौकरियां निकाली गई थीं. इनमें ट्रैकमैन, कुली और इलेक्ट्रिशियन की नौकरियां शामिल थी. एक लाख नौकरियों के लिए करीब दो करोड़ तीस लाख लोगों ने आवेदन दिया था.